
रायपुर, 13 मई 2021प्रदेश में अक्षय तृतीया 14 मई के अवसर पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने सभी विभागों विशेषकर राजस्व, पंचायत, पुलिस और महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों और मैदानी अमले को अलर्ट रहने और इसकी सूचना मिलते ही कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। छत्तीसगढ़ शासन के महिला बाल विकास मंत्रालय ने राज्य के सभी कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों, महिला बाल विकास विभाग सहित सभी संबंधित अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों को बाल विवाहों की रोकथाम के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।
सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी निर्देश के अनुसार ग्राम पंचायतवार होने वाले विवाहों की पूर्व में समीक्षा ग्राम स्तरीय एवं खण्ड स्तरीय बाल संरक्षण समिति के माध्यम से की जाए। बाल विवाह के आयोजन की सूचना प्राप्त होने पर पहले विवाह रोकने हेतु समझाईश दी जाए एवं नहीं मानने पर कानूनी कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की जानकारी भी लोगों को दी जाए ताकि लोग अपने बालक-बालिकाओं के बाल विवाह न कर उनके बालिग होने पर विवाह के लिए प्रोत्साहित हो, जिससे उन्हें उक्त योजना का लाभ भी मिल सके। पुलिस थाना में किसी भी माध्यम से बाल विवाह होने की मौखिक या लिखित सूचना प्राप्त होने पर रोकथाम की तत्काल कार्रवाई की जाए। बाल विवाह की रोकथाम के लिए किशारी बालिकाओं एवं किशोरी बालिका समूहों का सहयोग, रोकथाम में अनिवार्य रूप से लिया जाए। इसी प्रकार जिलों में गठित महिला स्व-सहायता समूहों को भी बाल विवाह में रोकथाम की जिम्मेदारी दी जाए।
सचिव महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी पत्र में इस बात का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि बाल विवाह की रोकथाम हेतु पूर्व वर्षों में तैयार की गई कार्ययोजना में कुछ विशिष्ट जातियों में बाल विवाह होने के मामले पाए गए है। इस वर्ष भी उन विशिष्ट जातियों के वैवाहिक आयोजनों में बाल विवाह की संभावना को देखते हुए इसकी रोकथाम का विशेष ध्यान रखा जाए। प्रत्येक ग्राम/ग्राम पंचायतों में विवाह पंजी संधारित की जाए। जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले समस्त विवाहों को पंजीबद्ध किया जाए। पंजी संधारण का दायित्व पंचायत सचिव/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपा जा सकता है, ताकि प्रत्येक विवाह में वर एवं वधु की उम्र का सत्यापन किया जा सके।
बाल विवाहों की रोकथाम के लिए प्रत्येक ग्राम/पंचायतों में बाल विवाह के कानूनन अपराध होने के संबंध में मुनादी कराई जाए। बाल विवाह की सूचना ग्राम पंचायत के सरपंच, पंचायत सचिव, ग्राम के शिक्षक, कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से महिला एवं बाल विकास विभाग के पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व या सीधे कलेक्टर अथवा पुलिस अधीक्षक को दी जाए।