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सबरीमाला सोना चोरी मामला: मुख्य आरोपी पोट्टी गिरफ्तार, SIT ने घर की तलाशी ली – मंदिर प्रशासन तक पहुँची जांच

सबरीमाला सोना चोरी मामले में SIT ने मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को गिरफ्तार किया। जांच में 475 ग्राम सोना गायब मिलने का खुलासा, स्मार्ट क्रिएशंस फर्म से संबंध सामने आए। अब जांच मंदिर प्रशासन तक पहुँची।

सबरीमाला सोना चोरी मामला: मुख्य आरोपी पोट्टी गिरफ्तार, SIT ने घर की ली तलाशी — मंदिर प्रशासन तक पहुँची जांच

तिरुवनंतपुरम। सबरीमाला मंदिर से जुड़ी सोना चोरी के मामले में मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी की गिरफ्तारी के बाद जांच में बड़े खुलासे हो रहे हैं।
एसआईटी (Special Investigation Team) ने तिरुवनंतपुरम में गुरुवार सुबह 2:30 बजे पोट्टी को गिरफ्तार किया और मेडिकल जांच के बाद उसे रन्नी कोर्ट (Pathanamthitta) में पेश किया जाएगा।

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यह गिरफ्तारी 10 घंटे की पूछताछ के बाद की गई, जिसमें पोट्टी से देवता की मूर्तियों और श्रीकोविल की दहलीज (कट्टिलापड्डी) से सोने की परत चोरी के संबंध में विस्तृत सवाल किए गए।
इस केस में अब तक दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें कुल 10 आरोपी हैं।
पोट्टी दोनों एफआईआर में मुख्य आरोपी के रूप में नामित है।

जांचकर्ताओं ने पाया कि इस चोरी में 475 ग्राम सोना शामिल था, जबकि सोने की परत चढ़ाने के लिए केवल 3 ग्राम सोने का उपयोग हुआ।
बाकी सोना पोट्टी ने कथित रूप से गबन कर लिया।
उन्होंने इसी काम के लिए बेंगलुरु में दो व्यक्तियों से धन भी एकत्र किया था।

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एसआईटी ने ‘स्मार्ट क्रिएशंस’ नामक निजी फर्म और पोट्टी के बीच संबंधों का पता लगाया, जो कथित रूप से सोने की परत चढ़ाने का काम करती थी।
सतर्कता रिपोर्ट के अनुसार, सोना श्रद्धालुओं के चढ़ावे से नहीं, बल्कि बेंगलुरु और मुंबई से लाया गया था।
अब एसआईटी इस पूरे मामले में बड़ी साजिश और देवस्वोम बोर्ड के अधिकारियों की संलिप्तता की जांच कर रही है।

2019 में तत्कालीन सबरीमाला कार्यकारी अधिकारी ने गर्भगृह की संरचना की तांबे की चादरों पर दोबारा सोने की परत चढ़ाने की सिफारिश की थी।
लेकिन जब प्रस्ताव आयुक्त के पास पहुँचा, तो उसमें से ‘सोने की परत’ वाला हिस्सा हटा दिया गया और सिर्फ ‘तांबे की चादरें’ लिखा गया।
इस लापरवाही के लिए आयुक्त, कार्यकारी अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी और सहायक अभियंता को जिम्मेदार ठहराया गया है।

एसआईटी अब इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
जांच का दायरा अब त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुँच गया है।

Ashish Sinha

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