
ट्रंप ने फिर दावा किया: PM मोदी से बात हुई, भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा; ज़ेलेंस्की संग शांति पर चर्चा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ज़ेलेंस्की से मुलाकात के दौरान दोहराया कि PM मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। भारत पहले ही इस दावे को खारिज कर चुका है। ट्रंप ने यूक्रेन-रूस शांति और भारत-पाक जैसे संघर्षों में मध्यस्थता की इच्छा भी जताई।
“PM मोदी से बात हो गई है”: ट्रंप ने फिर दावा किया- भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा; ज़ेलेंस्की के साथ शांति समझौते पर भी हुई चर्चा
वाशिंगटन डीसी, 17 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ अपनी बैठक के दौरान एक बार फिर बड़ा दावा किया है। ट्रंप ने कहा है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा, जिसके आयात में पहले ही कमी आ चुकी है। ट्रंप ने यह दावा पिछली 48 घंटों में दूसरी बार दोहराया है और कहा कि इस संबंध में उनकी बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हो चुकी है।
हालांकि, भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) पहले ही इस तरह के किसी आश्वासन को खारिज कर चुका है और स्पष्ट किया है कि भारत अपने नागरिकों के हितों को देखते हुए फैसले लेता है।
यूक्रेन-रूस शांति समझौते पर ट्रंप का रुख
ज़ेलेंस्की से मुलाकात के दौरान ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की दिशा में प्रगति की संभावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्य बाधा दोनों देशों के नेताओं, राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और राष्ट्रपति पुतिन, के बीच गहरा अविश्वास और मनमुटाव है। ट्रंप ने जोर देकर कहा, “उनके बीच गहरा मतभेद है, और यही बात शांति समझौते में बाधा बन रही है, लेकिन मुझे लगता है कि हम इसे हल कर लेंगे।”
ट्रंप ने खुद को बताया विश्व शांति दूत
ट्रंप ने एक बार फिर खुद को विश्व शांति दूत के रूप में पेश करते हुए दावा किया कि उन्होंने दुनियाभर में 8 युद्ध रुकवाए हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि वह रवांडा और कांगो गए, भारत और पाकिस्तान से बात की। उन्होंने दोहराया कि उन्हें नोबेल पुरस्कार की परवाह नहीं है, बल्कि वह युद्ध रोककर लाखों-करोड़ों ज़िंदगियां बचा चुके हैं। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो वह अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रही परेशानी को भी सुलझा सकते हैं।
हंगरी पर नरम रुख
पत्रकारों ने जब हंगरी द्वारा रूसी तेल आयात पर सवाल पूछा, तो ट्रंप ने हंगरी के प्रति नरम रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि हंगरी एक तरह से फंसा हुआ है, क्योंकि उनके पास समुद्र नहीं है और वे तेल के लिए केवल पाइपलाइन पर निर्भर हैं। उन्होंने हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ऑर्बन को एक महान नेता बताया और आगामी हफ्तों में उनसे मुलाकात की बात कही।