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महाकाल भस्म आरती 18 अक्टूबर 2025: कार्तिक द्वादशी पर बाबा का दिव्य श्रृंगार, नंदी के कान में भक्तों ने मांगी मन्नत
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में कार्तिक द्वादशी (शनिवार) को तड़के 4 बजे कपाट खुले। पुजारियों ने पंचामृत अभिषेक के बाद बाबा महाकाल का दिव्य भस्म श्रृंगार किया। भस्म आरती में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज के कान में अपनी मनोकामनाएं बताईं।
उज्जैन महाकाल: कार्तिक द्वादशी पर हुआ बाबा का दिव्य श्रृंगार, भस्म आरती में ‘नंदी महाराज’ के कान में भक्तों ने बताई मनोकामना
उज्जैन, मध्य प्रदेश: विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज, 18 अक्टूबर 2025 (शनिवार) को कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पर बाबा महाकाल का भव्य श्रृंगार और भस्म आरती संपन्न हुई। अल सुबह सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया, जिससे पूरा मंदिर परिसर “बाबा महाकाल की जय” के जयकारों से गुंजायमान हो उठा।
तड़के 4 बजे खुले मंदिर के कपाट
- अभिषेक और पंचामृत पूजन: तड़के 4 बजे मंदिर के कपाट खुलते ही, पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी देवी-देवताओं का पूजन किया। इसके बाद भगवान महाकाल का जल से अभिषेक किया गया। फिर दूध, दही, घी, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से बाबा का अभिषेक पूजन किया गया।
- भस्म अर्पण: भस्म अर्पण से पहले प्रथम घंटाल बजाकर हरिओम का जल अर्पित किया गया और मंत्रोच्चार के बीच भगवान का ध्यान किया गया। कपूर आरती के बाद ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्म रमाई गई, जिससे बाबा का दिव्य श्रृंगार पूरा हुआ।
दिव्य श्रृंगार और नंदी के दर्शन
भस्म आरती के बाद बाबा महाकाल का विशेष अलंकरण किया गया। उन्हें शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की मालाएं अर्पित की गईं।
भस्म आरती में मौजूद श्रद्धालुओं ने नंदी महाराज का दर्शन कर उनके कान के समीप जाकर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगा। भक्तों का मानना है कि नंदी महाराज के कान में कही गई इच्छाएं सीधे भगवान तक पहुँचती हैं।