
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक बढ़त: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक बढ़त: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय
सुकमा में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 17 नक्सली ढेर


रायपुर, 30 मार्च 2025 – छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ जारी लड़ाई में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र के उपमपल्ली में हुई मुठभेड़ में 17 नक्सली मारे गए हैं, जबकि जिला रिजर्व गार्ड (DRG) के दो जवान घायल हुए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि यह सुरक्षा बलों की बहादुरी, रणनीति और संकल्पशक्ति का परिणाम है। उन्होंने घायल जवानों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की और कहा कि छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद से मुक्त करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
सुरक्षा बलों की बड़ी रणनीतिक जीत
सुकमा, बस्तर और दंतेवाड़ा जैसे इलाकों में नक्सलियों की मजबूत पकड़ को कमजोर करने के लिए सरकार और सुरक्षा बल लगातार अभियान चला रहे हैं। इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों की एक बड़ी रणनीतिक जीत माना जा रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, सुरक्षा बलों को नक्सलियों की गतिविधियों की गुप्त सूचना मिली थी, जिसके आधार पर यह अभियान चलाया गया। सुरक्षाबलों ने अत्याधुनिक हथियारों और आधुनिक युद्धक रणनीति का उपयोग कर नक्सलियों को घेरकर कार्रवाई की।
नक्सलवाद के खात्मे की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह कार्रवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हो रहे नक्सलवाद मुक्त भारत के प्रयासों का हिस्सा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त करना है। यह मुठभेड़ इस दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित होगी।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल अब नक्सलियों की मांद में घुसकर उन्हें खत्म करने की नीति पर काम कर रहे हैं। अब तक नक्सल प्रभावित इलाकों में जो अभियान चलाए गए, उनमें सुरक्षा बलों को लगातार सफलता मिल रही है। राज्य सरकार और केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयासों से नक्सल प्रभावित इलाकों में हालात तेजी से बदल रहे हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई बयार
राज्य सरकार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और विश्वास बहाली के लिए व्यापक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार वहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर जोर दे रही है। सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर बढ़ाकर आदिवासी समुदायों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है।


पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने नक्सल प्रभावित इलाकों में कई विकास योजनाओं को लागू किया है। इन इलाकों में स्कूल, अस्पताल, सड़क और संचार सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है, जिससे वहां के लोगों का सरकार और प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ रहा है।
नक्सली संगठन कमजोर, आत्मसमर्पण की बढ़ती संख्या
इस अभियान के बाद सुरक्षा एजेंसियों को उम्मीद है कि नक्सली संगठन अब और कमजोर होंगे। पिछले कुछ महीनों में बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सरकार ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए पुनर्वास योजनाएं भी चलाई हैं, जिससे वे समाज की मुख्यधारा में लौट सकें।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसी गति से अभियान चलते रहे तो नक्सलवाद जल्द ही छत्तीसगढ़ से पूरी तरह समाप्त हो सकता है। मुख्यमंत्री ने भी इस बात पर जोर दिया कि अब छत्तीसगढ़ निर्णायक मोड़ पर खड़ा है और जल्द ही यह राज्य नक्सलवाद से पूरी तरह मुक्त होगा।
सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा
इस बड़ी कार्रवाई से सुरक्षा बलों का मनोबल और बढ़ा है। मुठभेड़ के बाद राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने सुरक्षाबलों को बधाई दी और कहा कि सरकार उनके साथ खड़ी है।
छत्तीसगढ़ में बदलते हालात और नक्सलवाद की उलटी गिनती
विशेषज्ञों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। सरकार की नीतियों, सुरक्षा बलों की रणनीति और जनता के सहयोग से नक्सली कमजोर पड़ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार विकास, सुरक्षा और विश्वास के माध्यम से राज्य को नक्सल मुक्त बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
इस अभियान की सफलता से यह स्पष्ट हो गया है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है और छत्तीसगढ़ जल्द ही इस समस्या से पूरी तरह मुक्त होगा।