छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़

488 दिनों का धरना बदला अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में, किसान सभा ने कहा : कोल इंडिया बदले अपनी रोजगार विरोधी नीतियों को

कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने पिछले 488 दिनों से दिया जा रहा धरना आज अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बदल गया है। आज किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा, भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम भूख हड़ताल में बैठे।उनके समर्थन में गेवरा, दीपका और कुसमुंडा के सैकड़ों भू विस्थापित परिवारों ने भी धरना दिया।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा में बरसों पुराने भूमि अधिग्रहण के बदले लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण कर जमीन के बदले स्थायी रोजगार देने की मांग को लेकर किसान सभा के नेतृत्व पिछले दो वर्षों से लगातार आंदोलन किया जा रहा है। इस बीच एसईसीएल प्रबंधन ने रोजगार देने की अपनी नीति में बदलाव कर दिया है, जिसके कारण हजारों पात्र लोग रोजगार से वंचित हो गए हैं। किसान सभा के नेतृत्व में आंदोलनकारी भूविस्थापित इस नीति को मानने के लिए तैयार नहीं है और वे पुराने भूमि अधिग्रहण पर पुरानी नीति के अनुसार ही रोजगार देने की मांग कर रहे हैं। इस मांग पर कोरबा में आंदोलन के दबाव में प्रबंधन झुका तो है, लेकिन उसके टाल-मटोल के कारण भूविस्थापितों को कोई राहत नहीं मिल रही है, जिससे इस क्षेत्र में भारी आक्रोश फैल रहा है।

किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा का कहना है कि जिला प्रशासन और एसईसीएल के आश्वासन से थके भू विस्थापितों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि ग्रामीणों की बर्बादी और किसानों की लाशों पर एसईसीएल अपने मुनाफे के महल और उत्पादन के नए कीर्तिमान खड़े कर रहा है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस-भाजपा की सरकारों ने, जिला प्रशासन और खुद एसईसीएल ने इन विस्थापित परिवारों की कभी सुध नहीं ली और आज भी वे रोजगार और पुनर्वास के लिए संघर्ष कर रहे हैं। किसान सभा नेता ने कहा कि किसान सभा भूविस्थापितों के चल रहे संघर्ष में हर पल उनके साथ खड़ी रहेगी।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव और सचिव दामोदर श्याम ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन द्वारा भू विस्थापितों की समस्याओं को गंभीरता से न लेने के खिलाफ वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल में बैठने के लिए मजबूर हुए हैं। एसईसीएल रोजगार देने के अपने वायदे पर अमल नहीं कर रहा है और जिला प्रशासन के कार्यालयों में सत्यापन और अन्य दस्तावेज तैयार कराने के लिए भू विस्थापित महीनों चक्कर काट रहे हैं।

किसान सभा के जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर तथा कटघोरा ब्लॉक के अध्यक्ष जय कौशिक ने कहा कि पूरे देश मे आजादी के बाद से अब तक विकास परियोजना के नाम पर गरीबों को ही विस्थापित किया गया है और अपने पुनर्वास और रोजगार के लिए ये परिवार आज भी भटक रहे हैं। अब किसानों के पास संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। एसईसीएल प्रबंधन और सरकार सभी भू विस्थापित परिवारों को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द शुरू करे, नहीं तो आंदोलन और उग्र होगा। आंदोलनकारी ग्रामीण 10 मार्च को कुसमुंडा खदान बंद करने की भी तैयारी कर रहे हैं।

आंदोलन में रघु यादव, सुमेन्द्र सिंह ठकराल, दीना नाथ, मोहनलाल यादव, हरिहर पटेल, धनीराम कौशिक, बृजमोहन, अमृत बाई, सरिता, राजेश्वरी, वीरसिंह, विकास सिंह, नरेंद्र, बसंत चौहान, राकेश कंवर, शिवदयाल, रामायण सिंह कंवर, संजय यादव, सत्रुहन दास, अघन बाई, मीना बाई, कनकन बाई, सुकल बाई, जीरा बाई, गीता बाई के नेतृत्व में बड़ी संख्या में भूविस्थापित धरना में शामिल हुए।

Pradesh Khabar

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!