
मोदी ने कहा – लोकतंत्र में कट्टरपंथ की कोई जगह नहीं, ब्रिटेन खालिस्तानियों पर ले ऐक्शन
पीएम मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर की बैठक में खालिस्तान मुद्दे पर सख्त चर्चा हुई। मोदी ने कहा, ब्रिटेन को कट्टरपंथियों पर ऐक्शन लेना चाहिए।
भारत दौरे पर ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर, मोदी से खालिस्तान पर सख्त रुख अपनाने की मांग — बोले, ‘कट्टरपंथ की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं’
मुंबई में नंदन नीलेकणि से मुलाकात, ब्रिटेन में ‘आधार कार्ड’ जैसा सिस्टम लागू करने की तैयारी
नई दिल्ली। भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच हुई द्विपक्षीय बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई, जिनमें खालिस्तान समर्थक गतिविधियाँ, डिजिटल पहचान प्रणाली, और भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई दिशा देने जैसे विषय प्रमुख रहे।
स्टार्मर ने अपनी यात्रा की शुरुआत मुंबई से की, जहाँ उन्होंने इन्फोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में भी भारत की तरह एक “आधार कार्ड” जैसी डिजिटल पहचान प्रणाली लागू करने की दिशा में उनकी सरकार काम कर रही है।
“भारत का आधार प्रोग्राम बेहद सफल रहा है। हम इससे सीखना चाहते हैं,” — कीर स्टार्मर
नीलेकणि ने स्टार्मर को आधार प्रणाली के तकनीकी और प्रशासनिक ढांचे के बारे में जानकारी दी।
खालिस्तान पर भारत का सख्त संदेश
विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने बताया कि बैठक में खालिस्तान समर्थक तत्वों को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश समकक्ष से कहा कि
“कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद को समाज द्वारा दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।”
मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटेन को अपने यहां सक्रिय खालिस्तान समर्थकों पर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि लोकतांत्रिक आजादी का दुरुपयोग न हो।
लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमले के बाद से रिश्तों में तल्खी
यह मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि कुछ महीने पहले लंदन में भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था, जिसमें तिरंगे का अपमान किया गया था। इस घटना के बाद भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था और नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग की अतिरिक्त सुरक्षा भी हटा ली थी।
भारत सरकार ने बार-बार यह बात दोहराई है कि फ्रीडम ऑफ स्पीच के नाम पर चरमपंथी गतिविधियों को किसी भी लोकतंत्र में जगह नहीं दी जा सकती।
भारत-ब्रिटेन संबंधों में नई दिशा
बैठक में दोनों नेताओं ने आर्थिक, तकनीकी और शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को और मज़बूत करने पर भी चर्चा की। माना जा रहा है कि कीर स्टार्मर की यह यात्रा ब्रिटेन-भारत संबंधों में नई ऊर्जा भर सकती है।











