देशब्रेकिंग न्यूज़राजनीति

आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू का अवदान और उनके स्वर्णिम भारत का सपना स्वामीनाथ जायसवाल

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

दीपक श्रीवास प्रबंध संपादक/ छत्तीसगढ़ /नई दिल्ली भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी नाथ जायसवाल ने बताया जब से मैंने होश संभाला गाँधी और नेहरू के खिलाफ एक विशिष्ठ वर्ग लगातार निंदा अभियान चलाता रहा है, बहुत सुनियोजित ढंग से। अभियान आज भी जारी है। गांधी को तो अब बख्स दिया गया है नेहरू पर प्रहार तीव्र कर दिया गया है क्योंकि नेहरू से उनको ज्यादा खतरा नज़र आता है।
इस छोटे से लेख में मैं किसी विवाद में गये बगैर आधुनिक भारत के निर्माण में नेहरू का क्या अवदान रहा है उस पर रोशनी डालना चाहता हूँ। नेहरू ने जो भी बड़े प्रोजेक्ट अपने 17 साल के कार्यकाल में पूरे किये वह भी अपनी संसदीय क्षेत्र में नहीं सारे देश में, अगर न किये होते तो कल्पना की जा सकती है कि आज भारत जहां खड़ा है वह किस हाला में होता।
आत्मनिर्भरता की जो बात आज की जा रही है उसकी शुरुआत नेहरू ने की और उनके बाद उसका अंत हो गया। अगर आपने अपनी आँख फोड़ रखी है तो भले न दिखे लेकिन जिसकी आँखें हैं वे इसे अच्छी तरह देख सकते हैं। एचएमटी घडी का नाम तो आपने सुना ही होगा? एक ज़माना था जब हम इसका निर्यात करते थे। बंगलोर में इसका कारखाना स्थापित किया। सस्ती घड़ियों में इसकी गुणवत्ता अन्तर्रष्ट्रीय स्तर की थी तभी तो निर्यात होता था।
नेहरू ने पूरे देश में बांधों की श्रृंखला इस तरह बिछा दी कि देश खेती में बहुत आगे निकल गया। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल के लिए भाखरा नंगल बाँध, बंगाल के लिए दामोदर वैली डैम, दखिन भारत के लिए नागार्जुन. गुजरात में जो सरदार सरोबर बाँध है उसकी नींव भी नेहरू ने ही रखी थी। कल्पना कीजिये अगर ये बाँध न बनाए गए होते तो खेती का क्या होता?
हम बड़े गर्व से कहते हैं कि हमने एटम बम बनाया लेकिन एटम बम बनाने के लिए जो संस्थान बनाया, भाभा इंस्टिट्यूट वह किसने? स्पूतनिक(उपग्रह) छोड़ने के लिए बना संस्थान इसरो किसकी देन है?
एक वक़्त था जब हम अर्थमूवर और बड़ी-बड़ी क्रेनें बनाते थे और उसका अपने देश में ही उपयोग नहीं करते थे, निर्यात भी करते थे। नेहरू निंदकों से कोई पूछे कि HAL( हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड) , सिंदरी ( झारखंड) में खाद का कारखाना, रेलवे इंजन बनाने के लिए चित्तरंजन लोकोमोटिव और हैवी इलेक्ट्रिकल्स (रांची) कारखाना क्या नेहरू निंदकों ने बनाया? नहीं, नहीं, नेहरू ने.
देश में स्टील के कारखाने आँख के अंधों को दिखाई नहीं देते? स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया का गठन पर तत्कालीन पश्चिमी जर्मनी के सहयोग से दुर्गापुर स्टील कारखाना, तत्कालीन सोवियत संघ के सहयोग से झारखंड में बोकारो स्टील प्लांट, छत्तीसगढ़ में भिलाई स्टील प्लांट, ओड़िशा के राउरकेला में राउरकेला इस्पात कारखाना नेहरू की दूरदर्शिता का अनुपम उदाहरण है।
आजादी के बाद भारत की पहली औद्योगिक नीति सन् 1948 में बनी। इस नीति के निम्न उद्देश्य थें।
(1) उत्पादन में वृद्धि करना। (2) वितरण में समानता (3) औद्योगिक विकास में सरकारकी जिम्मेदारी को बढ़ाना।
– 1956 में दूसरी औद्योगिक नीति घोषित की गई, जिसके निम्न उद्देश्य थें:-
(1) औद्योगिकरण का तेजी से विस्तार (2) आधारभूत उद्योगों व सुरक्षा संबधित उद्योगो का विकास सार्वजनिक क्षेत्र में करना।(3) उपभोक्ता व सहायक उद्योगों की नीति हाथों में देना।
(4) कुटीर व लद्यु उद्योगो का निरन्तर विकास (5) संतुलित औद्योगिक विकास व रोजगार के अवसरों में वृद्धि करना।
– इसके बाद 1977, 1980, 1990 में औद्योगिक नीति बनाई गई। इन सब का आधार सन् 1956
की औद्योगिक नीति थी।
आइये एक नज़र डालते हैं पहली और दूसरी औद्योगिक नीति के फलस्वरूप स्थापित उद्यमों पर :
1. भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (जलाहाली, बैंगलोर (कर्नाटक), 2. हैवी इलेक्ट्रकल्स (भोपाल)
3. हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड (बैंगलोर), 4. हिन्दुस्तान एण्टीबायोटिक्स लिमिटेड (पिम्परी, पूना (महाराष्ट्र), 5. हिन्दुस्तान इन्सेक्टीसाइड लिमिटेड (नई दिल्ली और अलवाय, केरल)
6. हिन्दुस्तान मशीन टुल्स HMT (बैंगलोर), 7. हिन्दुस्तान मशीन लिमिटेड (विशाखापट्टनम), 8. एटमिक रियेक्टर (अप्सरा) क्राम्बे (मुम्बई), 9. इण्डियन रेयर अर्थस् लिमिटेड (अलवाय, केरल), 10. इण्टिग्रेल कोच फैक्ट्री (पेराम्बुर, तमिलनाडु), 11. सीन्दरी फर्टीलाइजर व कैमिकल्स (सीन्दरी, झारखण्ड), 12. नांगल फर्टीलाइजर और हैवी वॉटर प्रोजेक्ट (पंजाब के नांगल में), 13. थोरियम प्लांट (क्रांबे, मुंबई), 14. नेवली लिग्नाइट कॉरपोरेशन (तमिलनाडु में)
अब अन्य क्षेत्रों में उनके अवदान को देखिये: आईआईटीएम ( अहमदाबाद), आईआईटी ( खड़गपुर, मद्रास, दिल्ली), आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस ( दिल्ली), ओएनजीसी सहित विभिन्न क्षेत्रों को प्रोत्साहन और प्रगति के लिए अकादमियों का गठन। पंचवर्षीय योजना के तहत क्रमवार विकास की नीति भी नेहरू की देन रही है और आज भारत विकास के जिस पायदान तक पहुंचा है उसमें इस योजना की भूमिका अतुलनीय है।
हे भारतवासियों! अगर भेजा नाम की कोई चीज़ है और ईमानदारी कुछ भी बची है तो कल्पना कीजिये अगर उपर्युक्तलिखित नेहरू का अवदान न होता तो देश कहाँ खड़ा होता?
अंत में एक बात कहना चाहूँगा कि संसद में उनका पूर्ण बहुमत होने के बावजूद उन्होंनें केन्द्रीय मंत्रिमंडल में अपने विरोधियों को शामिल किया। इसमें प्रमुख थे- जनसंघ के अध्यक्ष श्यामा प्रसाद मुखर्जी, नेहरू विरोधी डॉ भीमराव आंबेडकर और अपने कट्टर आलोचक सी. राजगोपालाचारी आदि सबसे सहयोग लिया। आज तो यह अकल्पनीय है। पहली औद्योगिक नीति बनाने का भार श्यामा प्रसाद मुखर्जी को दिया गया था।
मैंने अपने इस छोटे से आलेख में केवल तथ्य दिए हैं। तथ्य जो हमारी आँखों के सामने हैं। कोई आँख फोड़ ले और नहीं देखे तो इसमें मेरा क्या दोष ? सामाजिक अभी रचना से लेकर सड़क बिजली पानी रेलवे और कल कारखाने फैक्ट्री के लिए उनके योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता भिलाई स्टील प्लांट छत्तीसगढ़ को पंडित नेहरू का अनुपम सौगात है, नेहरू जी विद्वान लेखक चिंतक और विचारक भी थे, इसकी झलक उनकी किताब विश्व इतिहास की झलक, भारत एक खोज में मिलता है, आधुनिक भारत के निर्माण कर्ता देश के प्रथम प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की भूमिका अनमोल रतन थे जिन्होंने देश की स्वाधीनता से लेकर उसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पंडित नेहरु जन जन के प्रिय रहे हैं आज भी भारत वासियों के दिल दिमाग उनके व्यक्तित्व और कीर्तत्व के अमिट छाप अंकित है, पंडित नेहरू ने देश के विकास के लिए लोकतंत्र को अपना मूल मंत्र बनाया और भारत के एक मजबूत आधार दिया स्वामी नाथ जायसवाल

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!