छत्तीसगढ़राज्यसूरजपुर

एसईसीएल कि बंद पोखरी खदान में दो मासूमों की जल समाधि क्षेत्र में मचा कोहराम

एसईसीएल कि बंद पोखरी खदान में दो मासूमों की जल समाधि क्षेत्र में मचा कोहराम

अब तक दो दर्जन से ऊपर जा चुकी है जाने

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

गोपाल सिंह विद्रोही/बिश्रामपुर -भिक्षाटन पर निकले भिखारी के दो मासूम बच्चियों की जल समाधि से फोकट पारा में दहशत एवं कोहराम मचा गया।
जानकारी के अनुसार एसईसीएल के बंद पोखरी क्रमांक 5-6 जो अथाह जल से लबालब है मे दो मासूम बच्चियां अपने छोटे भाई को पोखरी के किनारे बैठा कर नहाने उतरी और देखते ही देखते जल में समा गई । रोते-रोते घर पहुंचा मासूम भाई से भिक्षा मांग कर लौटे मातापिता के पूछने पर बताया कि दीदी जल में समा गई है। इस खबर सुनते हैं फोकट पारा में कोहराम मच गया। मां दौड़ती हुई पोखरी के पास पहुंची परंतु दोनों मासूम हमेशा के लिए जल समाधि ले ली

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

इस दर्दना दुर्घटना के संबंध में बताया जाता है कि मृतिका बेटू कुमारी 10 वर्ष आत्मजा रामजी फकीर व शकीला आत्म रामजी फकीर 11 वर्ष निवासी शहडोल हाल मुकाम बिश्रामपुर रेलवे स्टेशन के पास फोकट पारा में रहता था बीती रात अपनी पत्नी खासियारी के साथ अंबिकापुर ट्रेन से भिक्षाटन करने निकला था जो बीती रात अंबिकापुर दुर्ग ट्रेन से वापस लौटा तो दोनों बच्चियां को गायब पाया । बेटा हमसफर 7 वर्ष से पूछने पर बताया की बहन पानी में डूब गई है। इस खबर से फोकट पारा सहित आसपास क्षेत्रों में कोहराम मच गया ।इस खबर को सूचना बिश्रामपुर पुलिस थाना में आज दी गई सूचना पर थाना प्रभारी राजेश खलखो सूरजपुर नगर सेना के गोताखोर एवं अंबिकापुर एसडीआरएफ की टीम को सूचना दी। सूचना पर दोनो टीमों ने भरी मस्कत के बीच रेस्क्यू कर दोनो मासूमों का शव को बाहर निकाल लिया ।शव निकलते ही कोहराम मच गया। इस पूरे रेस्क्यू अभियान बिश्रामपुर थाना प्रभारी राजेश खलखो सहायक उपनिरीक्षक रंजीत सोनवानी आरक्षक मुकेश साहू की सक्रियता रहे सबको पंचनामा प्रक्रिया के बाद करा कर संविधान के पश्चात अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को शव सौप दी ।
जानलेवा पोखरी के पास ही बसा है फोकट पारा जहां अनजान भिखारियों को रहता है अड्डा
रेलवे पटरी एवं खतरनाक अथाह जल से भरी जानलेवा पोखरी के बीच बसा है फोकट पारा ,जहां अनजान अपरचित भिखारियों एवं शराबियों का बना रहता है जमावड़ा ।प्रत्येक भिखारियों के पास बच्चों की भरमार है ।बच्चों को छोड़कर दूर-दूर तक चले जाते हैं भिक्षा मांगने ।जहां एक तरफ रेलवे पटरी दूसरी तरफ जल से भरी पोखरी मासूमों के लिए हमेशा खतरनाक बना रहता है परंतु इस बात से बेपरवाह माता-पिता राम भरोसे अपने मासूमों को छोड़कर निकल जाते हैं जिससे इस प्रकार की हादसा होती रहती है। मासूमों को पोखरी को पोखरी जानकारी नहीं होने से वे तलाब समझकर उतरते हैं और गहरे जल में हमेशा के लिए समा जाते हैं।
पोखरी में डूबने की घटना अब हो गई है सामान्य
एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र की सुनहरा कोयला उत्पादन का इतिहास लिखने वाली ओपन कास्ट (खुली खदान) अब अपने अंदर जल जल समेटे हुई है जो बहुत खूबसूरत सी लगती है , जिसनमें नहाने हेतु मासूमों का पहला पसंदीदा स्थल है। स्नान करने के दौरान अब तक 2 दर्जन से ऊपर मासूमों की बलि चढ़ गई है, तो वही अपराधी प्रवृत्ति के लोग हत्या कर इन पोखरी खदानों में शव को छुपाने अपना सुरक्षित ठिकाना भी बना रखी हैं । जिसमे कई शव पुलिस को मिल चुकी है। यह अलग बात है कि ऐसे ही खुली खदान पोखरी में सूरजपुर जिले का खूबसूरत केनापारा पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों को भी अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!