
छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान हरेली पर्व हैं प्रदेश का लोकप्रिय त्यौहार
छत्तीसगढ़ियाँ ओलंपिक का आज होगा आगाज
खेल प्रेमी उठायेंगे छत्तीसगढ़ी पारंपरिक खेलों का लुफ़्त
बेमेतरा – हरेली तिहार को लेकर इस बार खास तैयारियां की गई हैं। हरेली तिहार (त्योहार) छत्तीसगढ़ की संस्कृति, कृषि परंपरा व आस्था से जुड़ा हुआ हैं। हरेली तिहार के इस मौक़े पर पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी छत्तीसगढ़ियाँ ओलंपिक का शुभारंभ होगा। छत्तीसगढ़ियाँ ओलंपिक खेल का शुभारंभ सोमवार 17 जुलाई को मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक नवागढ़ गुरुदयाल सिंह बंजारे करेंगे। खेल प्रेमी पारंपरिक छत्तीसगढ़ियाँ खेल का लुफ़्त उठायेंगे। विभिन्न पारंपरिक छत्तीसगढ़ी खेल ख़ास तौर पर हरेली पर्व पर गेड़ी प्रतियोगिता देखने मिलेगी। कार्यक्रम पूर्वाह्न 11 बजे से ज़िला मुख्यालय स्थित पंडित जवाहर लाल नेहरु कला एवं विज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय (पीजी कॉलेज) में होगा। इस मौके पर अतिथियों द्वारा परिसर में वृक्षारोपण भी किया जाएगा। कलेक्टर पीएस एल्मा ने बारिश को देखते हुए पुख़्ता इंतज़ाम करने कहा हैं। ज़िले में स्थानीय स्तर पर कई प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन होगा। विभिन्न एवं अनेक कार्यक्रम भी देखने को मिलते है। बीते चार वर्षों में हरेली की पर्व महत्ता और इसकी लोकप्रियता में बढ़ी है। ज़िले में कृषि विभाग द्वारा गौठानों में हरेली तिहार के दिन ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही हैं। इस अवसर पर कई अलग अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर गांवों में पारंपरिक खेलकूद गेड़ी दौड़, लोक नृत्य का आयोजन भी जगह-जगह देखने मिलेगा। इस दौरान जिलें के गोठानों में फलदार और छायादार पौधों का रोपण किया जाएगा।कार्यक्रम की नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत श्रीमती लीना मंडावी ने कहा कि सभी तैयारियाँ हो गयी हैं। लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ने और सहजने का काम होगा। मालूम हो कि हरेली त्यौहार हर वर्ष सावन महीने के अमावस्या तिथि को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति की पहचान हैं हरेली पर्व। यह प्रदेश का लोकप्रिय त्यौहार है। इस दिन पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में विभिन्न एवं अनेक कार्यक्रम भी देखने को मिलते हैं। हरेली तिहार के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प का भी आयोजन किया जाएगा। गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से भेजने, खुले में चराई पर रोक लगाने तथा पशु रोका छेका अभियान में सभी ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी प्रतियोगिताएँ होंगी। राज्य सरकार ने गोधन न्याय योजना को राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हरेली पर्व यानि 20 जुलाई 2020 को किसानों व पशुपालकों को लाभ पहुंचाने के लिए शुरू की गयी थी। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा गाय पालने वाले पशुपालक किसानों से गाय का गोबर ख़रीदा जा रहा। इस योजना के तहत पशुपालक से ख़रीदे गए गोबर का उपयोग सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद बनाने के साथ ही अनेक प्रकार की सामग्रियाँ समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित की जा रही हैं। इससे उनकी आर्थिक स्थित में सुधार आ रहा हैं।