छत्तीसगढ़बेमेतराराज्य

बारिश का मौसम हैं रखें अपनी आंखों का खास ख्याल

बारिश का मौसम हैं रखें अपनी आंखों का खास ख्याल

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

कलेक्टर ने शाला-आश्रमों में संक्रमण की रोकथाम हेतु सावधानी बरतने के निर्देश दिए

एलर्जी कंजंक्टिवाइटिस के कारण खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं

समस्या से बचने के लिए अपनी आंखों को साफ रखें और आंखों को बार-बार ठंडे पानी से धोएं

बेमेतरा – चालू बारिश में नमी और दूषित पानी के कारण विभिन्न प्रकार के बैक्टीरिया पैदा होते हैं। जिनमें से कुछ आंखों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं। बारिश के दिनों में हवा में नमी बढ़ने से वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता हैं। परिणामस्वरूप कुछ लोग नेत्रश्लेष्मलाशोथ, लालिमा, नेत्र फ्लू आदि से पीड़ित हो रहे हैं। नेत्रश्लेष्मलाशोथ वायरस और बैक्टीरिया द्वारा फैलता हैं, जिसके कारण यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता हैं। कंजंक्टिवाइटिस को पिंक आई के नाम से भी जाना जाता हैं। यह संपर्क में आने से फैलने वाला संक्रमण हैं, जो सघन रहवासी क्षेत्र में अधिक फैलता हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर पीएस एल्मा ने जिलें के आदिम जाति कल्याण विभाग को इस संक्रमण की रोकथाम के लिए जिलें के शाला-आश्रम में जरूरी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। वैसे अधिकांश समय यह समस्या सामान्य उपचार से ठीक हो जाती हैं। चूंकि आंख सबसे संवेदनशील अंग हैं, इसलिए इसे विशेष देखभाल की जरूरत होती हैं। एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस के कारण खुजली, आंखों से पानी आना और सूजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीआर टंडन ने बताया कि कंजंक्टिवाइटिस एक संक्रामक रोग हैं, जो संपर्क से फैलता हैं, इसलिए रोगी को अपनी आँखों को न छूने की सलाह दी जाती हैं। मरीज द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली चीजों को अलग रखकर इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता हैं। यह धारणा कि संक्रमित आंख को देखने से बीमारी फैल सकती हैं, एक मिथक हैं। यह बीमारी संपर्क से ही फैलती हैं।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

इसके लक्षण – आंखें लाल हो जाती हैं, पानी आने लगता हैं और जलन होने लगती हैं। पलकों पर पीला और चिपचिपा द्रव जमा होने लगता हैं। आंखों में चुभन के साथ सूजन भी हो जाता हैं। इसके सबसे आम तौर पर दिखने वाले लक्षण आंखों से पानी आना और खुजली होना हैं। यदि संक्रमण अधिक गंभीर हैं, तो आंखों के कॉर्निया को भी नुकसान हो सकता हैं, जिससे दृष्टि प्रभावित हो सकती हैं।

मानसून के मौसम में बच्चों को आई फ्लू होने का खतरा अधिक होता हैं। उन्होंने कहा कि आई फ्लू या कंजंक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आंखों को साफ रखें और बार-बार ठंडे पानी से धोएं। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। अगर आप कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं, तो अपनी आंखों को बार-बार न छुएं। अपनी आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह से धो लें। आंखों पर बर्फ लगाने से जलन और दर्द से राहत मिलती हैं। संक्रमण के दौरान गंदी और भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। संक्रमित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं और उनके सामान जैसे चश्मा, तौलिया, तकिया आदि को न छुएं। साथ ही अपना तौलिया, रुमाल, चश्मा आदि किसी के साथ साझा न करें। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो समस्या का समाधान प्रभावी ढंग से किया जा सकता हैं। आंखों से संबंधित किसी भी समस्या के मामले में गंभीर स्थिति से बचने के लिए किसी नेत्र विशेषज्ञ से मिलने की सलाह दी जाती हैं। मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आंखों की जांच और उपचार की सुविधाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!