
राज्य में पहली बार पोस्टमार्डम और एम एल सी जैसे आपातकालीन सेवा होगी प्रभावित
जिला बलरामपुर-रामानुजगंज अब तक का सबसे बड़ा आंदोलन ग्रामीण स्वास्थ्य सयोजक (anm/mpw),नर्सिंग संवर्ग एवं डॉक्टर आंदोलन में शामिल
छत्तीसगढ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न संगठन अपने मांग को लेकर एकजुट होकर शासन से अपनी बात रखेंगे जिसमे शासन के द्वारा घोषणा पत्र में शामिल स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियो की वेतन विसंगति सुधारे जाने एवम् मुख्यमंत्री एवम् स्वास्थ्य मंत्री द्वारा COVID कार्य में लगे अमले को विशेष कोरोना भत्ता दिए जाने एवम् वेतन विसंगति से जूझ रहे कई कैडर जैसे की स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी (anm/mpw) , नर्सिंग कैडर दोनो की वेतन विसंगति दूर करने का प्रयास आज तक नही किया गया है । ज्ञात हो कि पिंग्वा कमिटी माननीय मुख्यमंत्री जी ने स्वन्यम निर्देश देकर बनाया था जिसका रिपोर्ट 4 साल बाद भी सार्वजनिक नही किए गया है ऐसे में मुख्यमंत्री जी के बातो पर और कमिटी पर कर्मचारी व जनता विश्वास कैसे करे।
छत्तीसगढ़ में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियो के साथ लगातार हिंसातमक घटना को लेकर आए दिन न्यूज देखने को मिलता है ऐसे में चिकित्सा क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगो में डर बना हुआ है ऐसे घटना पर लगाम हेतु ठोस कारवाही व विभागीय एफ आई आर हो।डॉक्टर को 4 स्तरीय वेतनमान प्रदाय किए जाने, जूनियर डॉक्टर का स्टीफाइंड में वृद्धि किए जाने की मांग इत्यादि शामिल है । स्वास्थ्य विभाग में जहां 20 कर्मचारी का सेटअप है वहा 7 से 10 के सेटअप से कार्य लिया जा रहा है जिससे कार्यरत कर्मचारियों में कार्य का बोझ लगभग दोगुना है इसके लिए सेटअप के आधार पर भर्ती किया जाए । समस्त जनरल अवकाश एवम् अन्य अवकाश में भी स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्यकर्मी को कार्य करना पड़ता है अन्य विभाग में माननीय मुख्यमंत्री जी ने शनिवार तक अवकाश दिया है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में अवकाश मिलना मुश्किल होता है जिसके लिए अवकाश के दिवस का अतिरिक्त भुगतान किया जाए ताकि सभी स्वास्थ्य कर्मी उत्साह के साथ कार्य कर सके । लेकिन जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्यकर्मी का उत्साह बढ़ाना चाहिए बदले में उनको वर्तमान सरकार द्वारा सिर्फ छला गया है आसपास के राज्यो में COVID में समस्त स्वास्थ्यकर्मी को एक माह का अतिरिक्त वेतन प्रदाय किया गया है लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार इसके उलट स्वाथ्यकर्मी का एक दिन का वेतन लेकर उनको और डिप्रेस करने का कार्य किया है सभी कार्यक्रम में स्वास्थ्यकर्मी से दबावपूर्ण कार्य लेकर प्रदेश को कई अवॉर्ड दिलाने वाले स्वास्थ्यकर्मी के बारे बिलकुल भी कुछ घोषणा ना करने से प्रदेश के 40000 से अधिक स्वास्थ्यकर्मी परेशान है और इसके लिए अस्पताल बंद कर रोड में उतरने को विवश है। ।