
मोदी ने पश्चिम एशिया को बताया कि ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण
मोदी ने पश्चिम एशिया को बताया कि ऊर्जा सुरक्षा महत्वपूर्ण
नयी दिल्ली, शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि दोनों क्षेत्र वैश्विक अर्थव्यवस्था और ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
पश्चिम एशिया में संघर्ष के बढ़ने की चिंता के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है। ईरान के हमले के बाद इजरायल ने प्रतिक्रिया दी है, जिसके बाद संघर्ष फिर से शुरू हो जाएगा। इससे कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
यहां हुए तीसरे कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने घरेलू मोर्चे पर भारत को विकसित देश बनाने में मदद करने के लिए संरचनात्मक सुधारों को जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई।
किसी देश का नाम नहीं बताते हुए उन्होंने कहा, “यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया के दो बड़े क्षेत्र युद्ध जैसी स्थिति के करीब हैं।” वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए ये दो प्रमुख क्षेत्र भी ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।’
भारत अपनी पेट्रोलियम आवश्यकताओं का 85 प्रतिशत से अधिक आयात पर निर्भर है। पश्चिम एशिया कच्चे तेल और गैस का बहुमत आयात करता है, इसलिए इजराइल-ईरान संघर्ष लंबे समय तक चलने पर आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।
“इन बड़ी वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच हम सभी यहां भारत पर चर्चा कर रहे हैं,” प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा। यह भारत की प्रतिष्ठा का संकेत है। भारत स्पष्ट रूप से नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अग्रणी है। हम भारत को सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन की दिशा में ले जा रहे हैं।’
उनका कहना था कि सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) के मामले में भारत पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत आज सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल में नौकरियों और कौशल को बढ़ावा देने के लिए “साहसिक नीतिगत बदलाव” किए हैं। उनका कहना था कि भारत को उच्च वृद्धि पथ पर आगे बढ़ने में मदद करने के लिए सरकार ने टिकाऊ विकास और नवाचार पर बल दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार ने पहले तीन महीने में 15 लाख करोड़ रुपये की निवेश वाली योजनाओं का निर्णय लिया है।
मोदी ने कहा कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था एक बहुत बड़े रूपांतरकारी बदलाव से गुजर रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी मजबूत आर्थिक बुनियाद के कारण निरंतर उच्च वृद्धि की ओर बढ़ रही है। आज भारत शीर्ष पर पहुंचने के लिए नहीं बल्कि शीर्ष पर रहने के लिए तैयार है। हर जगह बहुत सारे अवसर हैं।’
उन्होंने कहा कि निवेशकों का भारत में निवेश करने का यह सही समय है और वैश्विक नेता और वित्तीय विशेषज्ञ भारत की विकास को लेकर आशावादी हैं।
मोदी ने कहा, “यह संयोग नहीं है। बल्कि यह भारत में पिछले १० वर्षों में हुए बदलावों का परिणाम है।’
प्रधानमंत्री ने बताया कि 111 कंपनियों ने “पीएम इंटर्नशिप योजना” के पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। बजट में घोषित इस योजना का उद्देश्य नौजवानों को व्यवसायों में इंटर्नशिप देना है।
उनका कहना था कि भारत में सेमीकंडक्टर बनाने वाले कारखाने बनाए जा रहे हैं और जल्द ही दुनिया भर में निर्मित “मेड इन इंडिया” चिप्स उपलब्ध होंगे। भारत ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की, जिससे 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत की विकास गाथा में एक अतिरिक्त महत्वपूर्ण कारक ‘समावेश की भावना’ है। उन्होंने कहा कि वृद्धि भी शामिल है। इसके परिणामस्वरूप पिछले दशक में गरीबी से 25 करोड़ लोग बच गए हैं।
उनका कहना था कि उनकी सरकार ने बैंक व्यवस्था को मजबूत किया है, जीएसटी लागू किया है, दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता संहिता लागू की है, खनन और रक्षा क्षेत्र को निजी निवेश के लिए खुला किया है, विदेशी निवेश नियमों को अधिक उदार बनाया है और अनुपालन बोझ को कम किया है।