
ऑपरेशन लोटस पर टीएस सिंहदेव का बड़ा बयान
रायपुर: प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने बताया, “आईना हमेशा सामने रहता है, वो बताता है कि सच्चाई क्या है। हर तरफ ऑपरेशन लोटस की बातें हो रही हैं। ये कहां से आती हैं। पहले देश को इसकी जानकारी मिलनी चाहिए।”
हम आपको बता दें क्या है Operation Lotus,इसका क्या मतलब है, Operation Lotus की खास बातें,कब और कैसा आया ये शब्द?
एक शब्द कई दिनों से राजनीतिक गलियारों में चर्चा में है (Operation Lotus) आज हम आपको बताएंगे की इसका क्या मतलब है। ये शब्द सुनने में तो ऐसा लगता है कि मानों किसी सकारात्मक मिशन की तैयारी हो रही हो या सरकार देश के लिए विकास की एक नई नींव रखने जा रही हो। ऐसा बिल्कुल नहीं है। सरल भाषा में कहें तो इस शब्द का सीधा सा मतलब है कि सत्ता पाने के लिए दूसरे दलों को कथित रूप से अपने पाले में कर लेना चाहें तरीका कुछ भी हो इसमें खरीद फरोख्त भी शामिल है।
सुनने में शायद ऐसा लगे कि यह सेना या किसी सुरक्षा एजेंसी का कोई मिशन है, लेकिन ऐसा नहीं है वास्तव में, ये भारतीय जनता पार्टी की एक कवायद के लिए गढ़ा हुआ शब्द है, जिसके तहत पार्टी राज्यों में अपनी सरकार के समीकरण साधने की कोशिश कर रही है। इस कथित ऑपरेशन के तहत पार्टी या तो दूसरी पार्टियों के विधायकों कथित रूप से खरीदती है या उन्हें प्रभावित करती है। आपको बता दें कि ये शब्द विपक्षी दल और मीडिया के द्वारा प्रयोग किया जाता है।
मिली जानकारी के हिसाब से ऑपरेशन लोटस के अंतर्गत बीजेपी के नेता पहले दूसरी पार्टियों के विधायकों से संपर्क करते हैं और फिर उन्हें इस्तीफ़ा देने के लिए प्रभावित करते हैं। इस्तीफे से विधानसभा की संख्या घट जाती है और दूसरी पार्टी की सरकार गिर जाती है।
आपको बता दें कि 2004 में जब कर्नाटक में धरम सिंह मुख्यमंत्री बने थे, तब भाजपा ने सरकार गिराने की जो कवायदें की थीं, तब ये शब्द ऑपरेशन लोटस पहली बार चर्चा में आया था। विपक्ष ने भाजपा पर अपने आधार के साथ ही विधायकों की संख्या बढ़ाने की कवायद को ऑपरेशन लोटस शब्द दिया था। ये भाजपा का कोई ज़ाहिर अभियान नहीं है बल्कि विपक्ष और मीडिया भाजपा की कवायद को इस नाम से सम्बोधित करता रहा है।
आपको बता दें कि 2004 में जब कर्नाटक में धरम सिंह मुख्यमंत्री बने थे, तब भाजपा ने सरकार गिराने की जो कवायदें की थीं, तब ये शब्द ऑपरेशन लोटस पहली बार सुर्खियों में तब से ही आया था। विपक्ष ने भाजपा पर अपने आधार के साथ ही विधायकों की संख्या बढ़ाने की कवायद को ऑपरेशन लोटस शब्द दिया था। भाजपा के हिसाब से ये शब्द सकारात्मक है, लेकिन मीडिया और विपक्ष ने इसमें राजनीतिक तड़का लगाते हुए इस शब्द को नई हवा दे दी है।
जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के पास मिलाकर कुल 118 सीटें हैं जबकि राज्य की विधानसभा में कुल 224 विधायक हैं। बीजेपी के पास 2 निर्दलीयों के सहयोग को मिलाकर कुल 106 विधायक हैं। ऐसे में अगर बीजेपी के विरोधी विधायक इस्तीफ़ा देते हैं तो होता ये है कि विधानसभा में विधायकों की संख्या कम हो जाएगी और बीजेपी इस संख्या को अगर 210 तक लाने में सफल रही तो ऐसे में 106 विधायकों के साथ वह बहुमत में आकर कर्नाटक में अपनी सरकार बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में बनेगी भाजपा की सरकार,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने पहली प्रेसवार्ता में कहा, जनता का मत EVM में कैद हो चुका है. सबने भाजपा को आशीर्वाद दिया है. 3 दिसंबर को जनता को राज्य के कुशासन से मुक्ति मिलेगी.
राज्य विकास की ओर आगे बढ़ेगा. दिसंबर का महीना छत्तीसगढ़ की दृष्टि से महत्वपूर्ण है. भाजपा की सरकार 3 दिसंबर को बनेगी. नए विश्वास के साथ छत्तीसगढ़ आगे बढ़ने वाला है. कांग्रेस के झूठे प्रोपेगंडा को जनता ने करारा जवाब दिया है, जिसका परिणाम 3 दिसंबर को आएगा.
साव ने कहा, हर प्रकार के हथकंडे कांग्रेस ने अपनाए, लेकिन जनता ने भाजपा के पक्ष में अपना फैसला दिया है. माताओं बहनों काे ठगने का काम, माताओं बहनों के साथ अत्याचार कांग्रेस ने किया. 3 दिसंबर को माताओं के खाते में 1 हजार रुपये मोदी की गारंटी मिलना चालू हो जाएगा. 18 लाख गरीब परिवारों को मकान देंगे. सरकार का पहला कैबिनेट इस विषय में निर्णय लेगा.
किसानों को 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान की राशि मिलेगी. 21 क्विंटल धान लेंगे. छत्तीसगढ़ में नया सबेरा होगा. भाजपा के एक एक कार्यकर्ता ने कांग्रेस के कुशासन की लड़ाई लड़ी. संकल्प के साथ यात्रा निकाली. हमारे लाखों कार्यकर्ता के बदौलत छत्तीसगढ़ में कमल खिलने वाला है.
कांग्रेस के 75 पार के नारे पर अरुण साव ने कहा, 5 साल से भूपेश बघेल दावे कर रहे हैं, 700 से अधिक घोषणाएं की, विकास के दावे होंर्डिंग विज्ञापन में दिखे. धरातल में कुछ नही है. 75 पार का नारा हवा में दिखेगा. सुप्रीम कोर्ट से NIA को झटके पर अरुण साव ने कहा, मुख्यमंत्री कहते थे झीरम का सच मेरी जेब में है. किसे बचाने के लिए जेब में छीपा रखे थे. अब उसकी जांच होगी. किसने किसके साथ मिलकर राजनीति षड्यंत्र किया अब वो स्प्ष्ट होगा. भाजपा ने निष्पक्ष जांच की कोशिश हर प्रकार से की. आयोग बना कर जांच किया. भूपेश बघेल जेब में कहते रहे न वो आयोग में प्रस्तुत हुआ न कोई जांच हुई. वो सच बाहर आएगा ऐसी उम्मीद करते हैं.
ऑपरेशन लोटस पर साव ने कहा, कांग्रेस डरी हुई है. जो हरकत कर रही है उससे स्प्ष्ट है कि ये जनता से डरे हुए हैं. जनता का सामना नहीं कर पा रहे हैं. हर वर्ग को ठगने धोखा देने का काम इन्होंने किया. प्रदेश के हित में कोई काम नहीं किया. जनता का मत EVM में कैद है. सत्ता इनकी जाने वाली है.
भितरघात को लेकर अरुण साव ने कहा, ये हमारा विचाराधीन है. जैसे ही रिपोर्ट आएगी कार्यवाही की जाएगी. अनुशासन हीनता बर्दास्त नहीं किया जाएगा. कुछ शिकायते आई है, जिस पर विचार करके निर्णय लेंगे.
केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा सीएम का चेहरा
मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कहा, मैं पार्टी का बहुत छोटा कार्यकर्ता हूं, परिश्रम से मैंने भाजपा के लिए काम किया. जनता का आशीर्वाद मिला. चेहरा विधायक दल और केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा. प्रदेश अध्यक्ष के नाते कह रहा कि पूर्ण बहुमत भाजपा को मिल रहा है, कोई शंका नहीं है. हमने सभी सीटों का विश्लेषण कर लिया है. हर तरह से फीडबैक लिया हूं. विशेषज्ञों से भी मिला हूं. भाजपा की सरकार बनाने जनता ने मतदान किया हैं।