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आरक्षण संशोधन विधेयक और कब तक लंबित रहेगा : कांग्रेस

रायपुर । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल से तत्काल हस्ताक्षर करने का आग्रह किया है। सामाजिक न्याय को लागू करने के लिये यह आवश्यक है कि यह विधेयक कानून का रूप धारण करें। आरक्षण विधेयक पर लंबे समय तक रोका जाना लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। प्रजातंत्र में जनकल्याण के लिये कानून बनाने का अधिकार चुनी हुई सरकार को है। छत्तीसगढ़ की दो तिहाई बहुमत से चुनी हुई सरकार के मंत्रिमंडल में आरक्षण संशोधन विधेयक का मसौदा तैयार कर छत्तीसगढ़ की विधानसभा से सर्वसम्मति से पारित करके राजभवन भेजा है। अतः जनहित में इस विधेयक पर तत्काल हस्ताक्षर होना चाहिये।

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि यह विधेयक राज्य के सभी वर्गो के हितों को ध्यान में रख कर बनाया गया है। इस विधेयक में सभी वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुपात में तथा उनके सामाजिक और आर्थिक हालात के अनुसार भागीदारी सुनिश्चित करने का काम किया गया है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि भाजपा आरक्षण विधेयक पर अपना मत स्पष्ट करें वह आरक्षण संशोधन विधेयक के किस पहलू से असहमत और क्यों राजभवन में आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है? भाजपा को आदिवासी समाज को दिये गये 32 प्रतिशत आरक्षण पर आपत्ति है अथवा वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये किये गये 27 प्रतिशत आरक्षण से असहमत है? भाजपा को इस बात का विरोध है कि नये आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति के लिये किये गये 13 प्रतिशत आरक्षण के लिये विरोध कर रही है? या गरीब सवर्णों के 4 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में भाजपा है? भाजपा की बदनीयती का खामियाजा आरक्षित वर्ग भुगत रहा।

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