छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यसरगुजा

आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कलेक्टर सरगुजा को पत्र लिखा।

आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कलेक्टर सरगुजा को पत्र लिखा।

WhatsApp Image 2025-09-25 at 3.01.05 AM
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)


अम्बिकापुर/ जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कलेक्टर सरगुजा को पत्र लिख कर कहा है कि वेब पोर्टल एवं अन्य समाचार माध्यमों से मुझे जानकारी मिली है कि जिला प्रशासन द्वारा आज सरगुजा जिले के उदयपुर जनपद में स्थित पीईकेबी-2 कोयला खदान क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही यह भी खबर आयी है कुछ लोगों को पुलिस की निगरानी एवं हिरासत में रखा जा रहा है। आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने पत्र में कलेक्टर सरगुजा से कहा है कि मैं आपको अवगत कराना चाहूंगा कि इस क्षेत्र में परसा कोल ब्लॉक(पीकेबी), जो कि पीईकेबी-2 के साथ लगी हुई है, को लेकर आंदोलन की स्थिति उत्पन्न हुई थी जिसके उपरांत 2022 में छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित किया गया था। वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्यवाही से क्षेत्र में असमंजस की स्थिति उत्पन्न है। आपसे अनुरोध है कि कुछ बिन्दूओं पर संज्ञान लेंगे। आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने पांच बिन्दूओं के माध्यम से उक्त कार्यवाही को लेकर क्षेत्र में स्थिति स्पष्ट करने की बात कही है।
उन्होंने पत्र में कहा है कि परसा कोल ब्लॉक(पीकेबी) एवं पीईकेबी-2 की परिसीमा का सीमांकन किया जाये ताकि प्रभावित क्षेत्र के निवासियों को स्पष्ट हो कि जिला प्रशासन द्वारा किस वन क्षेत्र में कार्यवाही की जा रही है। इससे असमंजस की स्थिति कम होगी।
प्रभावित क्षेत्र के निवासियों से संवाद स्थापित कर उन्हें विश्वास में लेकर जिला प्रशासन द्वारा कार्यवाही करना उचित होगा। साथ ही प्रभावित क्षेत्र के निवासियों को पुलिस की निगरानी या हिरासत में ना रखा जाये ताकि स्थानीय लोगों को यह महसूस ना हो कि जिला प्रशासन द्वारा दबाव बना कर कार्यवाही की जा रही है। यह लोकतांत्रिक भावनाओं के अनुरूप होगा।
विस्थापित ग्रामीणों को पुर्नवास के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उसके निराकरण के साथ ही पुर्नवास क्षेत्र के मुलभूत सुविधाओं पर भी जिला प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जाये।
पीईकेबी-2 खदान से उत्पन्न होने वाले रोजगार में प्रभावित क्षेत्र एवं स्थानीय निवासियों को ही रोजगार दिया जाये साथ ही पहले से काम करने वालों को जल्द वापस रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
यह पुरा क्षेत्र हसदेव अरण्य क्षेत्र अंतर्गत आता है, जिसे छत्तीसगढ़ राज्य के फेफड़े के रूप में सम्बोधित भी किया जाता है। जिसके संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये न सिर्फ स्थानीय निवासी बल्कि राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग भी आवाज़ उठाते रहते हैं। ऐसी स्थिति में इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि केवल उतनी ही कार्यवाही उस क्षेत्र में की जाये जितनी आवष्यकता हो, ताकि भविष्य को देखते हुए पर्यावरण भी सुरक्षित रहे। पांच बिन्दूओं के माध्यम से हसदेव अरण्य क्षेत्र के पुरे मामले को संज्ञान में लेते हुए जरूरी कार्यवाही की मांग पत्र के माध्यम से जिला पंचायत उपाध्यक्ष आदित्येश्वर शरण सिंह देव ने कही है।

Ashish Sinha

e6e82d19-dc48-4c76-bed1-b869be56b2ea (2)

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!