
होम आइसोलेटेड मरीज, उनके परिजन और समुदाय की भूमिका पर कलेक्टर श्री जे.पी.मौर्य ने जारी किया आॅडियो संदेश
धमतरी 06 मई 2021 कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने आॅडियो क्लिप के जरिए होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना के मरीज, उनके परिजन और समुदाय को एक अपील जारी की है। इस आॅडियो क्लिप में होम आइसोलेशन के नियमों के संबंध में काफी विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने सभी ग्राम पंचायत सरपंच, सचिव, कोविड काॅल सेंटर में वाॅलंटियर्स के तौर पर कार्यरत लोगों से अपील की है कि वे प्रत्येक होम आइसोलेटेड मरीज और उनके परिजनों तक इन नियमों की जानकारी पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने आॅडियो संदेश में कहा है कि कोरोना एक ऐसी बीमारी है, जिसमें 100 में से 85 लोग घर में रहकर ही ठीक हो सकते हैं, उन्हें अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है। यदि प्रारंभिक स्तर पर ही सचेत होकर जांच करवा लें और दवाइयां लेनी शुरू कर दें, तो इनकी संख्या 85 से भी अधिक हो सकती है।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि होम आइसोलेशन की अनुमति ऐसे कोविड के मरीजों को दी जाए, जिनका स्वास्थ्य ठीक है और वे घर पर रहकर ठीक हो सकते हैं। किन्तु ऐसे मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने की अनुमति नहीं होगी, जो 60 साल से अधिक, कोमाॅर्बिड जैसे-विभिन्न तरह की बीमारियां-शुगर, बीपी, किडनी इत्यादि से ग्रसित हैं। इसके अलावा गर्भवती माता और ऐसे मरीज जिनका आॅक्सीजन स्तर 93 प्रतिशत से कम है, उन्हें भी होम आइसोलेशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे मरीजों को जल्द से जल्द विकासखण्ड मुख्यालय में स्थित आइसोलेशन केन्द्र अथवा कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट करना चाहिए और इसमें किसी प्रकार की छूट नहीं दी जानी चाहिए, क्यांेकि ऐसी दशा में मरीज की मृत्यु की आशंका बनी रहती है। इस तथ्य को मरीज उनके परिजनों के अलावा ग्राम पंचायत सचिव को समझकर मरीज को नजदीकी आइसोलेशन केन्द्र अथवा कोविड केयर सेंटर में भेजना चाहिए।
कलेक्टर ने आगे कहा है कि यदि होम आइसोलेशन में मरीज को रखा जा रहा है और उनके घर में हवादार कमरा, पृथक शौचालय नहीं है तो घर के अन्य सदस्यों में भी संक्रमण फैलने की आशंका रहती है। इसलिए जरूरी है कि होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज हवादार कमरे तथा पृथक शौचालय का उपयोग करे और उस कमरे में वह अकेला रहे। उन्होंने स्पष्ट हिदायत दी है कि मरीज के साथ उस कमरे में कोई अन्य व्यक्ति निवास नहीं करना चाहिए। होम आइसोलेशन में रहने वाले व्यक्ति को हमेशा दो स्तर के कपड़े के मास्क का उपयोग करना चाहिए और अपने परिजनों से बिल्कुल दूर रहना चाहिए। जिस कमरे में वह आइसोलेट है, उस कमरे से बाहर ना आए। परिजनों को भी कलेक्टर ने हिदायत दी है कि वे भी दो स्तर के कपड़े का मास्क हमेशा पहनें। समय-समय पर साबून से हाथ धोते रहें और होम आइसोलेटेड मरीज की देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति नियुक्त करें। देखभाल करने वाला व्यक्ति वृद्ध नहीं होना चाहिए। आइसोलेटेड व्यक्ति के कमरे में जाने पर व्यक्ति दो स्तर के मास्क का उपयोग करे और कमरे के अंदर जाने के पूर्व और बाहर आने के बाद अच्छी तरह से हाथ धोए। उन्होंने साफ तौर पर समझाईश दी है कि आइसोलेटेड मरीज के कमरे का झाडू-पोंछा, बर्तन, कपड़े की सफाई इत्यादि उसे स्वयं करना होगा, कोई दूसरा सफाई नहीं करेगा। ऐसे व्यक्तियों को घर वाले सिर्फ खाना और पानी दें। इसके साथ ही होम आइसोलेटेड व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली दवाओं का नियमित सेवन करना चाहिए।
कलेक्टर ने अपने आॅडियो संदेश में बताया है कि आइसोलेटेड व्यक्ति के लिए अलर्टनेस और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखना बहुत जरूरी है। उसे अलर्ट रहना कि पिछले चार दिनों से कहीं लगातार बुखार तो नहीं आ रहा अथवा बुखार उतर नहीं रहा। यदि मरीज के पास आॅक्सीमीटर नहीं है, तो वे ग्राम पंचायत के कोविड काॅल सेंटर में फोन कर आॅक्सीमीटर मंगवा सकते हंै। यदि आॅक्सीजन का स्तर 93 प्रतिशत से कम है, तो तत्काल नजदीक के कोविड केयर सेंटर में शिफ्ट हो जाना चाहिए। क्यांेकि आॅक्सीजन का स्तर 93 प्रतिशत से कम है, तो इसका मतलब है कि मरीज की छाती में कोरोना का संक्रमण काफी हद तक हो चुका है, जिसकी देखभाल घर पर नहीं हो सकती। इसके साथ ही सकारात्मक दृष्टिकोण पर भी कलेक्टर ने जोर दिया है। चाहे तो आइसोलेटेड मरीज प्राणायाम अथवा योगा कर सकते हैं। यदि मोबाइल का उपयोग करते हैं, तो वे उसमें सकारात्मक वीडियो देख सकते हैं। इसके अलावा घर पर बनी हुई काढ़ा इत्यादि का सेवन कर सकते हैं। मरीज को किसी भी सूरत में अपने मन में नकारात्मक विचार नहीं आने देना चाहिए। उन्होंने दोहराया है कि यदि होम आइसोलेटेड व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, आॅक्सीजन स्तर 93 प्रतिशत कम, चार दिन से लगातार बुखार और दवाइयां खाने पर भी बुखार नहीं उतर रहा, तो उन्हें तत्काल होम आइसोलेशन से कोविड अस्पताल में चले जाना चाहिए।
होम आइसोलेशन मंे रहने वाले मरीज के परिजनों को कलेक्टर ने समझाईश दी है कि उन्हें भी स्वनियंत्रण करना होगा, ताकि वे स्वयं संक्रमित ना हों साथ ही अन्य व्यक्ति अथवा समुदाय को संक्रमित ना करें। परिजनों को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत कलेक्टर ने दी है। यदि होम आइसोलेटेड मरीज के परिजन व्यवसाय करने, काम करने अथवा घूमने-फिरने बाहर निकलते हैं, तो ऐसी परिस्थिति में तत्काल ग्राम पंचायत के सचिव, सरपंच को ऐसे व्यक्तियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। इनके ऊपर एफआईआर भी हो सकता है और पांच हजार रूपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। अतः संक्रमण को रोकने में पंचायत की भूमिका भी काफी महत्ता रखती है।
होम आइसोलेशन से बाहर आने के बाद, उस व्यक्ति के कमरे को ब्लीचिंग पाउडर अथवा साबून से तथा खाट, बिस्तर और कपड़ों को साबून से अच्छी तरह से धोना चाहिए। जो धुलने योग्य सामग्री नहीं है, उसे धूप में रखना चाहिए। कमरे को अच्छी तरह से सैनेटाइज और साफ-सुथरा करने के बाद ही उस कमरे में कोई दूसरा व्यक्ति प्रवेश करे, इस बात पर कलेक्टर ने जोर दिया है।
कलेक्टर ने बताया है कि जिस तिथि से मरीज की रिपोर्ट पाॅजिटिव आई है, उस तिथि से दस दिनों के बाद ऐसा माना जाता है कि मरीज कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुका है। लेकिन कई प्रकरणों में 11-12 दिन तक भी लग सकते हंै। इस वजह से यह जरूरी है कि दस दिनों बाद बिना जांच कराए मान लें कि व्यक्ति कोरोना संक्रमण से मुक्त हो गया है, यदि दस दिनों के बाद भी व्यक्ति को सर्दी, खांसी, बुखार अथवा कोरोना के लक्षण हैं, तो वह बाहर नहीं आएगा, बल्कि उसे पांच दिन और इंतजार करना चाहिए। इस तरह से 15 दिनों तक होम आइसोलेशन के नियमों का कड़ाई से पालन करें, तो मरीज में कोरोना संक्रमण पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा।
कलेक्टर ने कहा कि होम आइसोलेशन में कई लोगों की मृत्यु हो जाने का सबसे बड़ा कारण है मरीज के द्वारा सतर्कता नहीं बरतना। जैसे-चार दिन से अधिक लगातार बुखार, सांस लेने में तकलीफ, आॅक्सीजन स्तर 93 प्रतिशत से कम है, तो इन परिस्थितियों में यदि मरीज होम आइसोलेशन में रहेंगे, तो उनका स्वास्थ्य बहुत खराब हो जाएगा और मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। मरीज इस दौरान बंद कमरे में घर के अंदर रहते हैं, तो उन्हें स्वयं सतर्क रहना है। ग्राम पंचायत के कोविड कंट्रोल रूम से काॅल का इंतजार करने से बेहतर है कि, मरीज स्वयं वहां काॅल करके अपने स्वास्थ्य के बारे में सचिव अथवा मितानिन इत्यादि को जानकारी दें।
समुदाय की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कलेक्टर ने सरपंच, सचिव, मितानिन से अपील की है कि वे पाॅम्पलेटर के जरिए होम आइसोलेशन संबंधी आवश्यक दिशा-निदेश होम आइसोलेटेड व्यक्ति तथा उनके परिजनों को उपलब्ध कराएं। इसके अलावा कोविड कंट्रोल रूम में मितानिन अथवा जो भी वहां ड्यूटी पर हैं, वे दिन में कम से कम दो बार ऐसे मरीजों को काॅल करें। इनके लिए अलग से पंजी संधारित करने पर भी कलेक्टर ने बल दिया है। इस पंजी में होम आइसोटेड मरीजों का विस्तृत विवरण होना चाहिए। पंजी में काॅलम बनाकर मरीज का नाम, सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द, आॅक्सीजन लेवल, सांस लेने में तकलीफ, पिछले चार दिनों से लगातार 100 डिग्री से ज्यादा बुखार है इत्यादि दर्शाया जाए। काॅल सेंटर से आइसोलेटेड मरीज को काॅल करते वक्त सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, कोरोना संक्रमण से बचने के लिए दी गई दवाइयों का नियमित सेवन, परिजन भी मितानिन किट की दवाइयों का सेवन कर रहे हंै, इस विषय मंे पूछना चाहिए। इसका साथ ही यह पूछना जरूरी है कि क्या परिवार में अन्य व्यक्ति में कोरोना के संक्रमण के लक्षण तो नहीं आए? कलेक्टर ने कहा कि यह सब पूछने का मकसद यह है कि मरीज भी सतर्क रहेगा और पंचायत भी। उन्होंने आगे कहा है कि कुछ ग्राम पंचायतों में होम आइसोलेटेड कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा हो सकती है, इसके लिए पंचायत स्थित काॅल सेंटर से दो-तीन अलग-अलग स्वयंसेवी मरीजों को आपस में बांट लें और उस हिसाब से रीजों को दिन में दो बार काॅल करके उनका हाल-चाल पूछ लंे। काॅल सेंटर की यह जिम्मेदारी भी होगी कि यदि बिना सुविधा के कोई व्यक्ति होम आइसोलेशन में है, तो ऐसे मरीज और उनके परिजनों को समझाईश दें, ताकि वे ग्राम पंचायत स्थित आइसोलेशन केन्द्र में शिफ्ट हो जाएं। इन केन्द्रों में मरीज अपने साथ बिस्तर, मोबाइल, बाल्टी, कपड़े, तकिया इत्यादि जरूरत के सामान लेकर आ सकते हैं और भोजन इत्यादि परिजनों द्वारा दिया जा सकता है। कलेक्टर ने कहा कि जिले में वर्तमान में पांच हजार से अधिक कोरोना के मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं। यदि मरीज और उनके परिजन होम आइसोलेशन के नियमों का पालन कड़ाई से करेंगे और मरीज नियमित दवाइयों का सेवन करेंगे, तो मरीज, उनके परिजन और समुदाय के सहयोग से संक्रमण के दर को रोका जा सकता है। उन्होंने सभी से अपील की है कि होम आइसोलेशन के नियमों का पालन करने के लिए जागरूक होकर अपनी महत्ती भूमिका निभाएं।