ताजा ख़बरेंदेशब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्य

मोदी सरकार 3.0 के आते ही हुआ बड़ा फैसला, इस नौरत्न कंपनी को बेचने का फैसला टला, मंत्री बोले – यह कमाऊ कंपनी

मोदी सरकार 3.0 के आते ही हुआ बड़ा फैसला, इस नौरत्न कंपनी को बेचने का फैसला टला, मंत्री बोले – यह कमाऊ कंपनी

rajender
c15a7f1f-465b-478b-abea-d387fde2cee1 (1)

मोदी सरकार पर यह आरोप लगते रहे हैं कि वह सरकारी कंपनियों को निजीकरण कर रही है। एयर इंडिया इसका बड़ा उदाहरण है। लेकिन मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल बदला हुआ नजर आ रहा है। कल तक जिन कंपनियों को विनिवेश की तैयारी थी, अब उसे बदलने का फैसला लिया है। जिसकी शुरूआत बीपीसीएल से हुई है।

कुछ माह तक जिन कंपनियों को विनिवेश करने की सूची में शामिल किया गया था, उनमें बीपीसीएल भी शामिल था। लेकिन अब सरकार ने बीपीसीएल को लेकर अपना इरादा बदल दिया है। इस बात की पुष्टि खुद पेट्रोलियम मंत्री ने की है।

पेट्रोलियम मंत्रालय संभालते ही हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि फिलहाल BPCL को लेकर विनिवेश का कोई इरादा नहीं है। विनिवेश के सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को ऑयल एंड गैस PSU से 19-20 फीसदी रेवेन्यू मिलता है. इसलिए अब BPCL में विनिवेश का कोई इरादा नहीं है. आगे एक्सप्लोरेशन और प्रोडक्शन पर फोकस करने की योजना है. जल्द ही ऑयल प्रोडक्शन बढ़ाकर 45,000 बैरल प्रतिदिन किया जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘सरकार PSU तेल कंपनियों के विनिवेश के पक्ष में नहीं है. फिर BPCL जैसे सफल महारत्न का विनिवेश क्यों करेंगे.’ उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन, रिफाइनरी, एथेनॉल वगैरह पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

mantr

BPCL को लेकर सरकार ने बदला फैसला

इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्रूड की कीमत 75-80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंचने पर ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों कटौती की संभावना है. हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि BPCL ग्रीनफील्ड रिफाइनिंग तैयार करने के एडवांस स्टेज में है. पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने का प्रयास होगा. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी करना अभी मुश्किल है.

बता दें, बीपीसीएल को वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 19,000 करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध लाभ हुआ था. बीपीसीएल ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 4,789.57 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले साल के समान तिमाही से 30% कम है. पिछले साल समान तिमाही में कंपनी का लाभ 6,870.47 करोड़ रुपये रहा था.

पिछले साल भी विनिवेश के पक्ष में थी सरकार

गौरतलब है कि बीपीसीएल, इंडियन ऑयल के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी है. एअर इंडिया (Air India) के साथ-साथ बीपीसीएल का निजीकरण वित्त वर्ष 22 में एनडीए सरकार के विनिवेश कार्यक्रम में शामिल था. केंद्र ने BPCL में अपनी पूरी 52.98% हिस्सेदारी बेचने की योजना बनाई थी, जिससे वित्त वर्ष 2022 में अनुमानित 45,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद थी।

c35577d3-89cd-43b1-b319-41bd024d15a3
tsbaba4
modiiiiii

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!