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महतारी वन्दन: रुपया हजार, खुशियां अपार

बाजार में रौनक, महिलाओं में उत्साह और घर परिवार में खुशियां बिखेर रही है यह योजना

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कोरबा //यह एक विशाल वंदन योजना है। यह योजना सुनहरे भविष्य की आशा करती है और बेबस, लाचार महिलाओं के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण का आधार भी छिपी है, जो छत्तीसगढ़ की गरीब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती जा रही है। विष्णु सरकार की इस बड़ी वंदन योजना ने सिर्फ चार महीने में ही छत्तीसगढ़ की महिलाओं और उनके घरों में खुशी की लहर फैल दी है, जिसका असर उनके जीवनशैली में भी दिखाई देने लगा है। आर्थिक सशक्तिकरण ने परिवार के बीच रिश्तों को और भी मजबूत बनाया है। इस योजना से महिलाओं का भी सम्मान बढ़ा है।

छत्तीसगढ़ में लगभग 70 लाख 12 हजार महिलाओं को छत्तीसगढ़ महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है, जो इस साल 10 मार्च से महिलाओं के खाते में एक हजार रुपए की पहली किश्त से शुरू हुई है। 12 हजार रुपये एक वर्ष में एक छोटी रकम नहीं है।यह भी गरीब महिलाओं की आर्थिक मदद करता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पिछले चार महीनों से प्रत्येक महीने के पहले सप्ताह महिलाओं के बैंक खाते में इस योजना के तहत एक हजार रुपये ऑनलाइन भेजे हैं।

यह धन प्रदेश की लाखों महिलाओं की खुशी का पर्याय बन गया है, जो मुख्यमंत्री के बटन दबाते ही उनके खाते में आ जाता है। महिलाओं को पहले कुछ रुपये के लिए मोहताज होने पर एक हजार रुपये मिलने पर उनकी छोटी-छोटी आवश्यकताओं का सपना भी पूरा होता है। वह इस धन को अपने लिए नहीं खर्च करती..।घर के राशन से लेकर बच्चों के लिए कुछ जरूरी सामान, नाती-नतनी की खुशियों के लिए स्नेहपूर्वक उन्हें उनकी आवश्यकताओं का उपहार देती है। महिलाएं इस राशि का हर महीने इंतजार करती हैं।

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ग्राम गेराव की निवासी मीरा बाई भी इस योजना का लाभ उठाती है। शारीरिक रूप से पति असमर्थ है। किसी तरह मजदूरी करके घर चलाती है। तीन बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल खुलते ही अपने बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ घर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी बड़ी धनराशि का उपयोग करती है।

उन्हें बताया कि घर का काम उनका है और हर महीने मिलने वाली एक हजार रुपये एक बड़ा योगदान है। इस राशि से पति और बच्चों की आवश्यकताओं को भी पूरा किया जा सकता है। सविता बाई, जो गाँव में रहती है, के पति खेतों में काम करते हैं। बारिश में चाय की चुस्कियां लेती सविता बाई निवासी कोरकोमा ने महतारी वंदन योजना का नाम सुनते ही चेहरा मुस्कुराकर खुशी व्यक्त की। उनका कहना था कि गाँव की महिलाओं के लिए एक हजार बहुत बड़ा पैसा है। उनका कहना था कि महिलाएं अक्सर दो-चार-पाँच रुपये बचाकर सौ-दो सौ रुपये जोड़ लेती हैं। यहाँ एक हजार रुपये मिल रहे हैं, जो उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए काफी है। वह बच्चों के लिए भी पैसे खर्च कर सकती है। उन्हें बताया कि खाते में पैसा आने के बाद पति से छोटी-छोटी आवश्यकताओं के लिए पैसा नहीं मांगना पड़ता।

श्रीमती बाई राठिया वनांचल के मातमार गाँव के हाट बाजार में हर बुधवार आती थीं। जब बुधवारो बाई अपने नाती आशीष को लेकर बाजार में आईं, उन्होंने नाती को अपना पसंदीदा खाना खिलाया और बाजार से अन्य नाती-नतनिनों के लिए खाना भी खरीदा. उन्हें बारिश में नंगे पैर नहीं घूमने देने के लिए महतारी वंदन योजना से चप्पलें भी खरीदी। उनका कहना था कि उनका सब कुछ उनके बेटे और नाती-नतनियों का है और उन्हें खुशी है कि वृद्धावस्था में वह उनके कुछ जरूरतों को पूरा कर पाती है। यह सब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनकी सरकार के कारण हुआ है। हमारे संघर्षमय जीवन में खुशी की मिठास उन्हें मिली है। कोरबा जिले में 2 लाख 95 हजार 405 हितग्राहियों को महतारी वंदन का लाभ मिल रहा है।

Ashish Sinha

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