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मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल मे 7 घंटे बिजली बंद होना प्रदेश सरकार की नाकामी : शिव वर्मा

राजनांदगांव: जिला भाजपा पिछड़ा वर्ग अध्यक्ष पार्षद दल के प्रवक्ता शिव भजन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल मैं 7 घंटे तक बिजली बंद होना प्रदेश सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि आखिर प्रदेश सरकार राजनांदगांव के प्रति उदार दिल क्यों नहीं है। इसीलिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह कहते हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बदलापुर की राजनीति कर रहे हैं।
श्री वर्मा ने आगे कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री, या प्रभारी मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री राजनांदगांव आऐ या ना आऐ इसका कोई मतलब नहीं है। परंतु जनहित को ध्यान रखते हुए व्यवस्था पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 7 घंटे बिजली बंद होना। जनरेटर खराब होगा उस समय कोरोना से पीड़ित मरीजों की दशा क्या होगी मरीज तड़पते रहे चीखते चिल्लाते रहे वेंटिलेटर पर जो मरीज थे उनकी क्या हालत होगी यह प्रदेश की सरकार आंखें खोल कर सोचे। स्वास्थ्य विभाग के संविदा कर्मचारियों को प्रदेश सरकार हर माह वेतन नहीं देते हैं, कभी-कभी तो 2 से 3 माह में इन लोगों का पेमेंट होता है जिसके वजह से इन कर्मचारियों का मनोबल मरीजों के प्रति कम होते जा रहा है, उन्होंने यह भी कहा कि किसी अधिकारी को हटाने या ना हटाने से कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं होगा। सरकार सिस्टम में बदलाव करें। 500 करोड़ का मेडिकल कॉलेज जहां पर व्यवस्था जीरो है इतनी बड़ी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर नर्स स्टाफ की कमी व्यवस्था की कमी वहीं दूसरी तरफ डॉक्टर नर्स स्टाफ को दो तीन महीने तक इनको पेमेंट नहीं हो पाता ऐसे अनेकों उदाहरण है जिसे सुधार किया जाना जरूरी है, इसी प्रकार सरकारी अस्पतालों में खाने की नहीं की व्यवस्था भी चरमराई हुई है जिला प्रशासन इन सब कमियों को पूरा करने के बजाए अपने वाहवाही करने में लगे हुए हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों को जो खाना दिया जा रहा है वह खाना मुंह में डालने लायक भी नहीं है जिससे खाने की कमी के वजह से मरीजों की हालत दिन-ब-दिन खराब होते जा रही है जबकि कोविड-19 को देखते हुए मरीजों को दवाई के साथ अच्छी खाना देने में जिला प्रशासन सहित राज्य सरकार विफल होते हुए नजर आ रहे हैं। महापौर को महापौर निधि से प्रभारी मंत्री के द्वारा पचास लाख रुपए खर्च करने का अधिकार दिया है,और वही मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था आपको स्वयं सुधारना था, और वही एक रूम में कोविड-19 खोलने की जरूरत नहीं था, क्योंकि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर कोविड-19 मरीजों को ही देखेंगे, मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर और अन्य कोई भी समान नहीं है, तो फिर यह दोहोरी नीति महापौर क्यों चला रही है, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के महापौर ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में ना सुविधा है, न स्टाफ है और भोजन व्यवस्था पूरी तरह खराब है। साथ ही इस बात को भी स्वीकार किया कि वेंटीलेटर भी अभी तक चालू नहीं कर पाए।

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रिपोर्ट लेखराज साहू राजनांदगांव

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News Desk

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