
“रेखा गुप्ता: संकल्प, संघर्ष और सफलता की गूंज, दिल्ली की नई पहचान”
“रेखा गुप्ता: संकल्प, संघर्ष और सफलता की गूंज, दिल्ली की नई पहचान”
रेखा गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (BJP) की वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें हाल ही में दिल्ली की मुख्यमंत्री नियुक्त किया गया है। वह शालीमार बाग विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं और लंबे समय से दिल्ली की राजनीति में सक्रिय रही हैं।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
रेखा गुप्ता का जन्म और शिक्षा दिल्ली में हुई। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की। उनके शिक्षण और सामाजिक कार्यों में गहरी रुचि रही है, जिसके चलते वे राजनीति में सक्रिय हुईं।
राजनीतिक करियर
भाजपा में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत किया।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
वे भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की सक्रिय सदस्य रही हैं और महिलाओं के अधिकारों को लेकर काम करती रही हैं।
नगर निगम चुनावों में भी वे भाजपा की प्रमुख रणनीतिकार रही हैं।
शालीमार बाग से विधायक बनने के बाद, उन्होंने स्थानीय विकास कार्यों पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री के रूप में चुनौतियां और प्राथमिकताएं
दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद उनकी प्राथमिकताओं में महिला सुरक्षा, स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार शामिल हैं। उनकी सरकार ने दिल्ली में यातायात प्रबंधन और पर्यावरण सुधार पर भी फोकस किया है।
निजी जीवन
रेखा गुप्ता अपने परिवार के साथ दिल्ली में रहती हैं। वे सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं और विभिन्न संगठनों से जुड़ी हुई हैं।
उनकी नेतृत्व क्षमता और जनता से जुड़ाव के चलते उन्हें दिल्ली की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में देखा जाता है।
रेखा गुप्ता: दिल्ली की मुख्यमंत्री और उनका राजनीतिक सफर
रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी हैं। उनका जन्म हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था, लेकिन उनका परिवार बाद में दिल्ली आ गया। उन्होंने वाणिज्य (कॉमर्स) में स्नातक और प्रबंधन एवं कला में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
राजनीतिक सफर की शुरुआत
उनका राजनीतिक करियर दिल्ली विश्वविद्यालय के दौलत राम कॉलेज से शुरू हुआ, जहां उन्होंने छात्र राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। 1992 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ीं और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) में महासचिव बनीं।
इसके बाद 2002 में वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हुईं और दिल्ली युवा मोर्चा की सचिव बनीं। 2007 में उन्हें उत्तरी पीतमपुरा से नगर पार्षद चुना गया। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पुस्तकालयों, पार्कों और स्विमिंग पूल जैसी सार्वजनिक सुविधाओं में सुधार किया। 2012 में वे दोबारा पार्षद बनीं और दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) की महापौर भी रहीं।
महिला सशक्तिकरण और विकास कार्य
रेखा गुप्ता ने महिला और बाल विकास समिति का नेतृत्व किया और “सुमेधा योजना” जैसी पहल शुरू की, जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों को उच्च शिक्षा में सहायता प्रदान करती है। उन्होंने भाजपा महिला मोर्चा में विभिन्न नेतृत्व भूमिकाएं भी निभाईं और उत्तर प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय प्रभारी रहीं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव और मुख्यमंत्री पद
रेखा गुप्ता ने 2015 और 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में शालीमार बाग से चुनाव लड़ा, लेकिन आम आदमी पार्टी (AAP) की बंदना कुमारी से हार गईं। 2022 में उन्होंने नगर निगम (MCD) का चुनाव जीतकर वापसी की और 2025 के विधानसभा चुनावों में 29,595 वोटों के अंतर से जीतकर मुख्यमंत्री बनीं।
उनकी सफलता को उनके 30 वर्षों के अथक परिश्रम का परिणाम माना जा रहा है। उनके नेतृत्व में दिल्ली के विकास और प्रशासन में क्या बदलाव होंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं।
रेखा गुप्ता की राजनीतिक यात्रा छात्र राजनीति से शुरू हुई और अब वह दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल रही हैं। उनका जन्म 19 जुलाई 1974 को हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनका परिवार 1976 में दिल्ली आ गया, जहां उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की।
राजनीतिक करियर:
रेखा गुप्ता की राजनीति में शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान हुई, जब उन्होंने 1992 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़कर छात्र राजनीति में कदम रखा। 1996-97 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की अध्यक्ष बनीं। इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की युवा शाखा, भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) में काम किया और 2004-06 के दौरान राष्ट्रीय सचिव के रूप में कार्य किया।
2007 में उन्होंने नगर निगम चुनाव जीता और उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद बनीं। इस दौरान वे महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष भी रहीं। उन्होंने महिलाओं और गरीब वर्ग के छात्रों के लिए कई योजनाएं चलाईं, जैसे कि “सुमेधा योजना,” जो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं की उच्च शिक्षा में मदद करने के लिए शुरू की गई थी।
चुनावी संघर्ष और सफलता:
रेखा गुप्ता ने 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में शालीमार बाग से चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों बार आम आदमी पार्टी (AAP) की बंदना कुमारी से हार गईं। हालांकि, 2025 के चुनाव में उन्होंने इसी सीट से निर्णायक जीत दर्ज कर दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं।
मुख्यमंत्री बनने का प्रभाव:
उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें बधाई दी। गुप्ता ने पार्टी नेतृत्व और दिल्ली की जनता का आभार जताया। उनकी नीतियों में महिला सशक्तिकरण, शिक्षा सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दी जा रही है।