
नियद नेल्लानार योजना: बस्तर संभाग में विकास की नई रोशनी
नियद नेल्लानार योजना: बस्तर संभाग में विकास की नई रोशनी
जगदलपुर, 28 फरवरी 2025: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बस्तर संभाग में जनकल्याण और विकास को गति देने के उद्देश्य से लागू की गई नियद नेल्लानार योजना की प्रगति समीक्षा गुरुवार को मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की। बैठक में उन्होंने योजना के तहत संचालित विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
योजना की पृष्ठभूमि और उद्देश्य
बस्तर संभाग में वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की कमी और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण विकास कार्यों की चुनौतियां रही हैं। नियद नेल्लानार योजना का उद्देश्य इन पिछड़े इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली, आधार पंजीकरण, आयुष्मान भारत योजना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करना है।
मुख्य सचिव की समीक्षा बैठक
बैठक में मुख्य सचिव ने विशेष रूप से हाल ही में स्थापित नवीन कैंपों के परिधि में आने वाले ग्रामों का सर्वेक्षण जल्द से जल्द पूर्ण करने और पात्र सभी ग्रामीणों को योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, बिजली जैसी बुनियादी सुविधाओं पर केंद्रित योजनाओं को शीघ्रता से लागू किया जाए।
स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा
मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए समीपस्थ स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव पूर्व प्रतीक्षा केंद्रों की स्थापना की जाए और इस क्षेत्र की नवीन चिन्हित मितानिनों को शीघ्र प्रशिक्षण दिया जाए।
टीकाकरण अभियान को गति देने और सभी पात्र बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं तक यह सुविधा पहुंचाने के लिए मॉड्यूल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करने का निर्देश दिया गया।
जन वितरण प्रणाली (PDS) की प्रभावशीलता
गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की कार्यप्रणाली की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने हितग्राहियों के खाद्यान्न उठाव की बेहतर मॉनिटरिंग हेतु स्थानीय स्तर पर सत्यापन प्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया।
पेंशन योजनाओं और बैंक सखी सेवाओं का विस्तार
सामाजिक सहायता कार्यक्रमों के तहत वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को आसानी से राशि आहरण करने के लिए बैंक सखी सेवाओं का विस्तार करने की आवश्यकता जताई गई।
आंगनबाड़ी केंद्रों में सुधार
मुख्य सचिव ने समेकित बाल विकास सेवाओं (ICDS) की उपलब्धता पर बल देते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिया कि रिक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों को शीघ्रता से भरा जाए ताकि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोषण संबंधी सेवाएं बेहतर रूप से मिल सकें।
वर्चुअल बैठक में शामिल अधिकारी
बैठक में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास निहारिका बारिक, सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अमित कटारिया, राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारी, बस्तर संभाग के कमिश्नर डोमन सिंह तथा संबंधित जिले कांकेर, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर एवं दंतेवाड़ा के कलेक्टर और अन्य अधिकारी वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
स्थानीय प्रतिक्रिया और चुनौतियां
ग्रामीणों और स्थानीय प्रशासन के अनुसार, नियद नेल्लानार योजना से विकास कार्यों को गति मिल रही है, लेकिन कुछ प्रमुख चुनौतियां भी बनी हुई हैं:
दुर्गम क्षेत्रों तक सेवाएं पहुंचाना: दूरदराज के गांवों तक सड़क, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।
आधार एवं बैंकिंग सेवाओं की कमी: कई ग्रामीणों के पास अभी भी आधार कार्ड और बैंकिंग सेवाओं की पहुंच नहीं है, जिससे सरकारी लाभ सीधे खातों में पहुंचाने में बाधा आ रही है।
सुरक्षा संबंधी चुनौतियां: नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं को लागू करने में प्रशासन को अतिरिक्त चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
भविष्य की रणनीति और लक्ष्य
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने निर्देश दिए कि आगामी छह महीनों में योजना के सभी घटकों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए और इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए। प्रशासन ने निम्नलिखित प्राथमिकताओं पर काम करने का संकल्प लिया:
नवीन कैम्पों का तेजी से विस्तार और वहां बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
स्वास्थ्य सुविधाओं में डिजिटल हेल्थ सेवाओं को जोड़ना और टेलीमेडिसिन सेवाओं को बढ़ावा देना।
आधार एवं बैंकिंग सुविधाओं का दायरा बढ़ाने के लिए शिविरों का आयोजन।
स्थानीय युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए योजनाओं का विस्तार।
नियद नेल्लानार योजना बस्तर संभाग के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तन लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इस योजना के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, आधार पंजीकरण, खाद्य सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास, सामाजिक सुरक्षा और आधारभूत संरचनाओं के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार की ओर से इसकी सख्त मॉनिटरिंग और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी से यह योजना आने वाले समय में बस्तर के निवासियों के लिए एक नई रोशनी साबित हो सकती है।