
“ईडी की निष्पक्षता पर सवाल: कांग्रेस महासचिव की घंटों रोक-टोक, भाजपा कार्यालयों की जांच से परहेज क्यों?”
“ईडी की निष्पक्षता पर सवाल: कांग्रेस महासचिव की घंटों रोक-टोक, भाजपा कार्यालयों की जांच से परहेज क्यों?”
ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस का कड़ा ऐतराज
रायपुर, 28 फरवरी 2025। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू को घंटों तक रोके जाने को लेकर छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने इसे भाजपा के इशारे पर की गई कार्रवाई करार दिया और कहा कि यह केंद्र सरकार की विरोधी दलों को दबाने की मंशा को दर्शाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि ईडी भाजपा के फंडिंग और कार्यालय निर्माण की जांच क्यों नहीं करती?
ईडी ने हाल ही में कांग्रेस के जिला कार्यालयों से संबंधित जानकारी मांगी थी, जिसे देने के लिए प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू स्वेच्छा से ईडी कार्यालय पहुंचे थे। लेकिन जानकारी उपलब्ध कराने के बावजूद उन्हें कई घंटों तक जबरन रोके रखा गया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के खिलाफ बताते हुए कहा कि यदि ईडी को और कोई जानकारी चाहिए थी, तो वह इसे लिखित में मांग सकती थी।
“कांग्रेस अपने हर खर्च का हिसाब देने को तैयार है, लेकिन ईडी को भाजपा के खर्चों की जांच करने से परहेज क्यों है?” बैज ने यह सवाल उठाते हुए भाजपा के कार्यालयों की वित्तीय जांच की मांग की।
कांग्रेस के खिलाफ, भाजपा के समर्थन में ईडी?
कांग्रेस नेताओं ने ईडी की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी कोई गैर-भाजपा सरकार मजबूत होती है, तब केंद्रीय एजेंसियां उसे निशाना बनाने लगती हैं। दीपक बैज ने स्पष्ट कहा कि ईडी एक “अनुषांगिक संगठन” की तरह भाजपा के इशारों पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा, “यदि ईडी को राजनीतिक दलों के खर्चों की जांच करनी ही है, तो वह भाजपा के खर्चों की जांच क्यों नहीं करती?” उन्होंने भाजपा के भव्य कार्यालयों के वित्तीय स्रोतों की भी जांच की मांग की।
उन्होंने भाजपा के विभिन्न कार्यालयों के खर्चों का विवरण देते हुए कहा कि:
रायपुर का कुशाभाऊ ठाकरे परिसर – 150 करोड़ रुपये की लागत से बना।
एकात्म परिसर – जिसकी जमीन मात्र 1 रुपये में भाजपा को मिली, और अब इसे एक व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में बदल दिया गया है, जिससे पार्टी को सालाना 1.5 करोड़ रुपये की कमाई होती है।
दिल्ली स्थित आरएसएस मुख्यालय – जिसकी लागत 500 करोड़ रुपये बताई जाती है।
“ईडी कांग्रेस कार्यालयों की जांच कर सकती है तो भाजपा के इन आलीशान कार्यालयों की जांच क्यों नहीं करती?”
विपक्षी दलों के खिलाफ ईडी का दुरुपयोग
कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार ईडी, सीबीआई और अन्य एजेंसियों का उपयोग अपने राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा से जुड़े मामलों में कोई जांच नहीं होती, वहीं विपक्षी दलों के नेताओं को घंटों तक पूछताछ के नाम पर परेशान किया जाता है।
“क्या ईडी सिर्फ विपक्षी दलों के लिए बनी है?”
कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताते हुए कहा कि यदि यही स्थिति रही तो भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्रास होगा।
क्या ईडी करेगी निष्पक्ष जांच?
कांग्रेस ने अपनी मांग दोहराई कि यदि ईडी सच में निष्पक्ष है, तो उसे भाजपा के महंगे कार्यालयों और उसके वित्तीय स्रोतों की जांच करनी चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वे हर वित्तीय लेन-देन का हिसाब देने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह नियम सिर्फ कांग्रेस के लिए ही क्यों?
ईडी की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि यदि भाजपा के कार्यालयों की जांच नहीं हुई, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि ईडी सिर्फ राजनीतिक हथियार बनकर रह गई है।
“भाजपा और कांग्रेस के लिए दोहरे मापदंड क्यों?”
कांग्रेस ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह इस मामले को राष्ट्रीय स्तर पर उठाएगी और जनता के सामने इस अन्याय को उजागर करेगी।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ईडी की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाते हुए भाजपा के वित्तीय मामलों की जांच की मांग की है। यदि ईडी निष्पक्ष है, तो उसे सभी राजनीतिक दलों के वित्तीय स्रोतों की जांच करनी चाहिए, न कि सिर्फ विपक्ष को टारगेट करना चाहिए। कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि यह सिलसिला जारी रहा, तो इसे लोकतंत्र पर हमले के रूप में देखा जाएगा।
“क्या ईडी भाजपा के कार्यालयों की जांच करेगी या सिर्फ कांग्रेस को ही निशाना बनाएगी?”