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शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का भव्य समापन, विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर

शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का भव्य समापन, विज्ञान और नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर

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सूरजपुर। शासकीय रेवती रमण मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय, सूरजपुर में 1 फरवरी से 28 फरवरी तक आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 के अंतर्गत विविध शैक्षणिक एवं वैज्ञानिक गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिसका समापन समारोह 28 फरवरी को हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। समापन दिवस पर विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान मॉडल एवं वेस्ट मटेरियल से उपयोगी वस्तुओं के निर्माण विषय पर आयोजित प्रतियोगिता मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक सिद्धांतों को अपने नवाचार के माध्यम से प्रदर्शित किया और अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना, शोध के प्रति रुचि बढ़ाना एवं समाज में वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना था। विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

समापन समारोह के दौरान विज्ञान मॉडल प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञानिक समझ और नवाचार की अद्भुत झलक पेश की। प्रतिभागियों ने विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग, सतत विकास, पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा बचत, जैव विविधता संरक्षण, ग्रीन एनर्जी और स्वास्थ्य से जुड़ी तकनीकों पर आधारित विज्ञान मॉडल प्रस्तुत किए। इसके साथ ही वेस्ट मटेरियल से उपयोगी वस्तुओं के निर्माण की प्रतियोगिता भी आकर्षण का केंद्र बनी, जिसमें विद्यार्थियों ने अनुपयोगी वस्तुओं से उपयोगी वस्तुएं बनाने की कला का प्रदर्शन किया।

प्रतियोगिता के दौरान विद्यार्थियों ने अपने मॉडलों को विस्तार से समझाया, उनके पीछे छिपे वैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रस्तुत किया और उनके संभावित उपयोगों के बारे में बताया। विज्ञान मॉडल निरीक्षण के दौरान विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों से विभिन्न प्रश्न पूछे गए, जिनका उन्होंने आत्मविश्वासपूर्वक उत्तर दिया।

कार्यक्रम में विशेषज्ञ व्याख्यान का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. रविशंकर चौहान, सहायक प्राध्यापक, वनस्पति शास्त्र, शासकीय पं. रविशंकर त्रिपाठी महाविद्यालय, भैयाथान, जिला सूरजपुर ने विद्यार्थियों को विज्ञान के क्षेत्र में शोध कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि विज्ञान केवल पढ़ाई तक सीमित न होकर समाज के वास्तविक समस्याओं के समाधान का माध्यम है। उन्होंने रचनात्मक और शोधपरक सोच को विकसित करने पर बल दिया, जिससे विद्यार्थी न केवल विज्ञान को समझें बल्कि नवाचार और अनुसंधान के क्षेत्र में भी अपना योगदान दे सकें।

डॉ. चौहान ने विद्यार्थियों को यह भी बताया कि विज्ञान का सही उपयोग पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट, चिकित्सा क्षेत्र और अन्य सामाजिक समस्याओं के समाधान में किया जा सकता है। उन्होंने वैज्ञानिक पद्धतियों और अनुसंधान की आधुनिक तकनीकों की चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में नवाचार करने के लिए प्रेरित किया।

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यह संपूर्ण कार्यक्रम सी कास्ट रायपुर एवं डी एस टी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग), नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित किया गया था। डी एस टी की कोऑर्डिनेटर डॉ. जे.के. राय द्वारा समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए, जिनका आयोजन समिति द्वारा पालन किया गया।

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एच. एन. दुबे ने विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति रुचि बनाए रखने और सामाजिक समस्याओं के समाधान हेतु शोध कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विद्यार्थियों को वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार के महत्व को समझाते हुए कहा कि भारत को विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए युवाओं को विज्ञान में रुचि लेनी होगी और नए अनुसंधान करने होंगे।

इस अवसर पर भारतीय वैज्ञानिक सर सीवी रमन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उन्होंने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी, जिसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। उनकी इस महत्वपूर्ण खोज के सम्मान में 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सर सीवी रमन ने प्रकाश के प्रकीर्णन से संबंधित रमन प्रभाव की खोज कर विज्ञान में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया था, जिसने आधुनिक विज्ञान को नई दिशा दी। इस कार्यक्रम में उनके कार्यों को याद किया गया और विद्यार्थियों को रमन प्रभाव के वैज्ञानिक पहलुओं से अवगत कराया गया।

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त सहायक प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। विद्यार्थियों ने विज्ञान के विभिन्न पहलुओं को गहराई से समझा और अनुसंधान के प्रति अपनी रुचि व्यक्त की।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 का यह आयोजन विद्यार्थियों के लिए अत्यंत शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक रहा। विज्ञान में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों के लिए यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ, जहां उन्होंने विज्ञान से जुड़ी अपनी रचनात्मक सोच और नवाचार को प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को विज्ञान और नवाचार के प्रति प्रेरित करना, वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और समाज में विज्ञान के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

इस सफल आयोजन के साथ महाविद्यालय में भविष्य में भी शोध और नवाचार से जुड़े कार्यक्रमों को प्रोत्साहित करने का संकल्प लिया गया। इस प्रकार, यह विज्ञान दिवस नई सोच, नई ऊर्जा और विज्ञान के क्षेत्र में नवाचार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों में वैज्ञानिक चेतना विकसित करने, अनुसंधान के प्रति रुचि बढ़ाने और नवाचार के क्षेत्र में कदम बढ़ाने की प्रेरणा दी। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 का यह आयोजन विज्ञान के क्षेत्र में एक नए अध्याय की ओर संकेत करता है, जहां युवाओं को विज्ञान और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से भारत को विश्व मंच पर अग्रणी बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

Ashish Sinha

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