छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यरायपुर

ईडी छापे के बाद भूपेश बघेल का बयान: राजनीतिक प्रतिशोध या निष्पक्ष कार्रवाई?

ईडी छापे के बाद भूपेश बघेल का बयान: राजनीतिक प्रतिशोध या निष्पक्ष कार्रवाई?

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

रायपुर, 11 मार्च 2025: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से बातचीत में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को एक सुनियोजित राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया। उन्होंने कहा कि उनके निवास से कोई भी आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली और जो दस्तावेज पाए गए, उन्हें ईडी अधिकारियों ने नजरअंदाज कर दिया।

ईडी को क्या मिला?

भूपेश बघेल के अनुसार, ईडी अधिकारियों को उनके घर से केवल कुछ दस्तावेज, जिनमें:

मंतूराम पवार और पुनीत गुप्ता की बातचीत से संबंधित एक पेनड्राइव,

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के पुत्र अभिषेक सिंह की कंपनी के बॉन्ड पेपर,

तथाकथित “सीएम मैडम” से संबंधित एक फाइल,

मिली, लेकिन इन दस्तावेजों को ईडी अधिकारियों ने जब्त नहीं किया। इसके अलावा, उनके निवास से 33 लाख रुपये नकद मिले, जिसे उन्होंने अपनी खेती और डेयरी व्यवसाय की आय बताया।

राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप

भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को भाजपा द्वारा विपक्ष को दबाने की रणनीति बताया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने विधानसभा में सरकार से सवाल पूछे, तो उन्हें निशाना बनाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कवासी लखमा को विधानसभा में सवाल उठाने के बाद जेल में डाल दिया गया था।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

उन्होंने कहा, “ईडी ने नोट गिनने की मशीन मंगवाई ताकि मीडिया में यह प्रचारित किया जा सके कि भारी मात्रा में नकदी मिली है, लेकिन हकीकत यह है कि हमारे पास सिर्फ 33 लाख रुपये थे, जिसका पूरा हिसाब मौजूद है।”

भाजपा पर निशाना

भूपेश बघेल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जब से उन्हें एआईसीसी महासचिव और पंजाब का प्रभार सौंपा गया है, भाजपा घबराई हुई है। उन्होंने दावा किया कि भाजपा विपक्ष को कमजोर करने के लिए ईडी और अन्य केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

“भाजपा के पास करने के लिए कुछ नहीं बचा, इसलिए अब विपक्ष को प्रताड़ित करने के लिए इस तरह की हरकतें की जा रही हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर छापा मारा जाता है और कुछ घंटों में समाप्त कर दिया जाता है, तो इसका मतलब साफ है कि कुछ नहीं मिला।”

भविष्य की राजनीति पर प्रभाव

यह मामला छत्तीसगढ़ की राजनीति में भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव को और बढ़ा सकता है। भाजपा जहां इसे भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई के रूप में पेश कर सकती है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बना सकती है।

भूपेश बघेल का यह बयान उनके समर्थकों को एकजुट करने में मदद कर सकता है, जबकि भाजपा इस कार्रवाई को अपनी “भ्रष्टाचार मुक्त शासन” की नीति के तहत प्रस्तुत कर सकती है। आगामी चुनावों और राजनीतिक घटनाक्रमों पर इस मामले का प्रभाव देखने लायक होगा।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!