
सिम्स अस्पताल परिसर में चाकू लहराने वाला आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल
सिम्स अस्पताल परिसर में चाकू लहराने वाला आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल
बिलासपुर। शहर के सिम्स (सरदार वल्लभभाई पटेल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) परिसर में एक युवक द्वारा बटन वाले धारदार चाकू से लोगों को डराने की घटना सामने आई। इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से एक धारदार चाकू भी बरामद किया है।
घटना 14 मार्च 2025 की है। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि कांहा उर्फ अक्षय यादव, जो कि चांटीडीह किसानपारा, थाना सरकंडा का रहने वाला है, वह सिम्स अस्पताल परिसर में लोगों को चाकू दिखाकर डरा रहा है। यह सूचना मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया गया और उनके निर्देश पर थाना सिटी कोतवाली की टीम तुरंत मौके पर पहुंची।
पुलिस जब सिम्स अस्पताल परिसर में पहुंची तो आरोपी कांहा उर्फ अक्षय यादव पुलिस को देखकर भागने लगा। वह अंधेरे का फायदा उठाकर अस्पताल के कार पार्किंग की ओर भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया। उसकी तलाशी लेने पर उसके पास से एक बटन वाला धारदार लोहे का चाकू बरामद हुआ।
पुलिस ने जब आरोपी से इस चाकू के संबंध में वैध दस्तावेज दिखाने को कहा तो वह कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इस पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ धारा 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया। बाद में आरोपी को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी कांहा उर्फ अक्षय यादव पहले भी आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त रहा है। उसके खिलाफ पहले भी कुछ मामलें दर्ज हैं, हालांकि इन मामलों की विस्तृत जानकारी पुलिस द्वारा साझा नहीं की गई है। पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि आरोपी सिम्स अस्पताल परिसर में किस उद्देश्य से चाकू लेकर आया था और वह किन कारणों से वहां मौजूद लोगों को डराने की कोशिश कर रहा था।
इस घटना ने सिम्स अस्पताल परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। यह अस्पताल शहर का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां हर दिन हजारों मरीज और उनके परिजन आते हैं। ऐसे में एक व्यक्ति का खुलेआम चाकू लहराना और लोगों को डराना चिंता का विषय है।
स्थानीय लोगों और मरीजों के परिजनों का कहना है कि सिम्स परिसर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर है। अक्सर असामाजिक तत्व अस्पताल परिसर में घूमते नजर आते हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को असुरक्षा महसूस होती है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रशासन और पुलिस को मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है।
इस मामले पर बिलासपुर पुलिस अधीक्षक (एसपी) रजनेश सिंह (भा.पु.से.) ने कहा,
“पुलिस को जैसे ही इस घटना की सूचना मिली, तुरंत कार्रवाई की गई और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। हमारी टीम लगातार शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तत्पर है।”
वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) राजेंद्र जायसवाल ने कहा,
“शहर में किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम लगातार गश्त कर रहे हैं और असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जा रही है।”
नगर पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रमोद साबद्रा (भा.पु.से.) ने बताया,
“आरोपी को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया। उसके पास से बरामद बटन वाला चाकू अवैध था। हमने उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।”
सिम्स अस्पताल में इस तरह की घटना पहली बार नहीं हुई है। मरीजों के परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि अस्पताल परिसर में आए दिन असामाजिक तत्व घूमते रहते हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी होती है। कई बार चोरी, छेड़छाड़ और अन्य आपराधिक घटनाएं भी यहां हो चुकी हैं।
अस्पताल आने वाले लोगों का कहना है कि पुलिस को अस्पताल परिसर में नियमित गश्त बढ़ानी चाहिए और सुरक्षा गार्डों की संख्या में वृद्धि करनी चाहिए, ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
यदि पुलिस समय रहते कार्रवाई नहीं करती, तो यह मामला और गंभीर हो सकता था। आरोपी अगर किसी को चोट पहुंचा देता, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती थी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई से न केवल एक संभावित अपराध को रोका गया, बल्कि आरोपी को जेल भी भेजा गया।
इस कार्रवाई में इन पुलिसकर्मियों की रही अहम भूमिका
निरीक्षक विवेक कुमार पांडेय (थाना प्रभारी, सिटी कोतवाली)
प्रधान आरक्षक विनोद कुमार हमराम
आरक्षक गोकुल जांगड़े
आरक्षक नुरूल कादिर
आरक्षक टंकेश साहू
आरक्षक धनेश साहू
इन सभी पुलिसकर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया और उसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेजा गया।
सिम्स अस्पताल परिसर में हुई इस घटना ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर आरोपी को पकड़ लिया, जिससे एक बड़ी घटना टल गई। हालांकि, अस्पताल परिसर और अन्य सार्वजनिक स्थलों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
अस्पताल प्रशासन और पुलिस को मिलकर सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करने की दिशा में काम करना चाहिए, ताकि मरीजों और उनके परिजनों को किसी भी प्रकार की असुरक्षा महसूस न हो।