
राजस्व मामलों में तेजी लाने कलेक्टर के सख्त निर्देश, लंबित प्रकरणों के शीघ्र निपटारे पर जोर
राजस्व मामलों में तेजी लाने कलेक्टर के सख्त निर्देश, लंबित प्रकरणों के शीघ्र निपटारे पर जोर
सूरजपुर, 18 मार्च 2025 – जिले में राजस्व प्रकरणों के त्वरित और प्रभावी निराकरण को लेकर कलेक्टर एस. जयवर्धन ने संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डिप्टी कलेक्टर, समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। कलेक्टर ने राजस्व विभाग के कार्यों की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आमजन के लंबित राजस्व प्रकरणों का समय सीमा के भीतर निराकरण सुनिश्चित करें, ताकि नागरिकों को अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े।
बैठक के प्रमुख बिंदु और कलेक्टर के निर्देश
बैठक के दौरान कलेक्टर ने राजस्व विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की और अधिकारियों से प्रगति रिपोर्ट ली। समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से निम्नलिखित विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया:
1. फौती नामांतरण और विवादित मामलों का शीघ्र निपटारा
कलेक्टर ने फौती नामांतरण से जुड़े मामलों पर विशेष जोर देते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी लंबित नामांतरण प्रकरणों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जाए। उन्होंने कहा कि पारिवारिक विवादों के कारण कई नामांतरण प्रकरण वर्षों तक लंबित रहते हैं, जिससे संबंधित पक्षों को कठिनाई होती है। तहसीलदारों को निर्देश दिया गया कि वे ऐसे मामलों का त्वरित निराकरण करें और अनावश्यक देरी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए।
2. भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भुगतान
बैठक में भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामलों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। कलेक्टर ने निर्देश दिया कि अधिग्रहित भूमि के किसानों और प्रभावित हितग्राहियों को शीघ्र मुआवजा दिया जाए, ताकि वे किसी भी वित्तीय संकट में न आएं। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और हितग्राहियों को समय पर उचित राशि मिले, इसके लिए राजस्व विभाग पूरी गंभीरता से कार्य करे।
3. सीमांकन और डायवर्सन मामलों में तेजी
कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि सीमांकन और भूमि डायवर्सन मामलों में तेजी लाई जाए। कई किसान और व्यापारी अपने भूखंडों का सीमांकन या डायवर्सन करवाने के लिए महीनों तक दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं। उन्होंने आदेश दिया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर आवेदन पर तय समय सीमा के भीतर कार्रवाई हो।
4. जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र का समयबद्ध वितरण
कलेक्टर ने बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि आम जनता को जाति, निवास और आय प्रमाण पत्र के लिए अनावश्यक रूप से भटकना न पड़े। उन्होंने कहा कि इन प्रमाण पत्रों के वितरण में देरी होने से विद्यार्थियों, किसानों और अन्य जरूरतमंद लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों से कहा कि वे सुनिश्चित करें कि सभी प्रमाण पत्र निर्धारित समय सीमा के भीतर जारी किए जाएं।
5. पटवारियों की उपलब्धता और अभिलेख दुरुस्तीकरण
कलेक्टर ने जिले में पटवारियों की स्थिति की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पटवारियों की उपस्थिति बहुत जरूरी है। कई बार पटवारियों की अनुपस्थिति के कारण लोगों के काम समय पर नहीं हो पाते। उन्होंने निर्देश दिया कि पटवारियों की उपलब्धता सुनिश्चत की जाए और अभिलेखों के दुरुस्तीकरण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए।
6. भू-राजस्व वसूली में तेजी लाने के निर्देश
कलेक्टर ने भू-राजस्व वसूली की प्रगति की भी समीक्षा की और अधिकारियों से कहा कि लंबित राजस्व वसूली की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। उन्होंने बताया कि सरकार के राजस्व से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है कि सभी बकायादारों से समय पर राजस्व वसूली की जाए।
7. वन अधिकार पट्टा मामलों का शीघ्र निपटारा
बैठक में वन अधिकार पट्टा मामलों की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर ने कहा कि वन क्षेत्रों में रहने वाले पात्र लोगों को उनका अधिकार मिलना चाहिए और सभी लंबित वन अधिकार पट्टा प्रकरणों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाए।
अधिकारियों को जवाबदेह बनाने की सख्त हिदायत
कलेक्टर ने बैठक के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि वे राजस्व मामलों में अनावश्यक देरी न करें और प्रत्येक प्रकरण का समयबद्ध निपटारा करें। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा अनदेखी की जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बैठक का निष्कर्ष और जनता को होने वाले लाभ
इस समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले में राजस्व मामलों से जुड़े कार्यों को गति देना और नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करना था। कलेक्टर के सख्त निर्देशों से यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में लंबित प्रकरणों के निराकरण में तेजी आएगी और आम नागरिकों को अपने राजस्व संबंधी मामलों के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
यह बैठक प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम थी। यदि अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया जाता है, तो जिले में राजस्व प्रकरणों के निपटारे में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।