
बीजापुर में नक्सल उन्मूलन का महाअभियान: 31 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई
बीजापुर में नक्सल उन्मूलन का महाअभियान: 31 नक्सली ढेर, सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई
बीजापुर/कांकेर | 21 मार्च 2025 | छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई भीषण मुठभेड़ में अब तक 31 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। यह मुठभेड़ गंगालूर थाना क्षेत्र के अंडरी जंगलों में हुई, जहां पिछले कुछ समय से नक्सली गतिविधियां बढ़ रही थीं। इस ऑपरेशन में एक जवान शहीद हुआ है, जबकि कुछ अन्य घायल हुए हैं।
इस लेख में हम इस मुठभेड़ के पूरे घटनाक्रम, ऑपरेशन में शामिल सुरक्षाबलों की रणनीति, बरामद हथियारों, और इस अभियान के व्यापक प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत कर रहे हैं।
कैसे हुआ नक्सल विरोधी ऑपरेशन?
बीजापुर और कांकेर जिले के सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षाबलों को यह जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में नक्सली इकट्ठा हो रहे हैं। खुफिया रिपोर्ट के आधार पर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स), और सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) ने एक संयुक्त ऑपरेशन प्लान किया।
महिला कमांडो की भूमिका
इस अभियान में महिला कमांडो भी शामिल थीं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में 100 किलोमीटर पैदल यात्रा कर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। वे जंगल के दुर्गम रास्तों से गुजरकर नक्सलियों के ठिकाने तक पहुंचीं और निर्णायक कार्रवाई की।
मुठभेड़ का घटनाक्रम
सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के संभावित ठिकाने को घेर लिया और तड़के सुबह अभियान शुरू किया। जैसे ही जवानों ने इलाके की घेराबंदी की, नक्सलियों ने भारी गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने भीषण गोलीबारी की और लगभग 8 घंटे तक चली इस मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराया।
मुठभेड़ के दौरान सुरक्षाबलों को नक्सलियों के ठिकाने से ए.के-47, इंसास राइफल, एलएमजी (लाइट मशीन गन), विस्फोटक और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए।
नक्सली कौन थे?
मारे गए नक्सलियों में कई कुख्यात नाम शामिल थे, जो लंबे समय से सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में थे। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि इनमें तेलंगाना राज्य समिति, पश्चिम बस्तर संभाग और राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र समिति के नक्सली थे, जो बड़ी साजिश की तैयारी कर रहे थे।
सुरक्षाबलों की रणनीति और सफलता
छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस ऑपरेशन को लेकर गुप्त रणनीति बनाई थी। बीजापुर और कांकेर के घने जंगलों में नक्सलियों का प्रभाव काफी अधिक था, लेकिन इस ऑपरेशन ने उनकी कमर तोड़ दी। गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षाबलों की सराहना करते हुए कहा कि 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से उन्मूलन किया जाएगा!
शहीद जवान को श्रद्धांजलि
इस मुठभेड़ में राजू ओयाम नामक जवान शहीद हो गए। उन्हें बीजापुर मुख्यालय में श्रद्धांजलि दी गई। यह संयोग है कि एक साल पहले उनके भाई की भी नक्सली हमले में मृत्यु हुई थी।
भविष्य की रणनीति और सरकार की योजना
सुरक्षा बलों की संख्या में बढ़ोतरी
हाई-टेक सर्विलांस और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल
स्थानीय लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पुनर्वास योजनाएं
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधिक पुलिस चौकियों की स्थापना
बीजापुर में हुई इस बड़ी कार्रवाई ने नक्सलियों को करारा झटका दिया है। इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट हो गया है कि सुरक्षाबल अब पूरी तरह से तैयार हैं और नक्सलवाद के समूल नाश के लिए प्रतिबद्ध हैं।