
विश्व क्षय दिवस: टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए जनजागरण और सहभागिता जरूरी – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
विश्व क्षय दिवस: टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ के लिए जनजागरण और सहभागिता जरूरी – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
रायपुर, 23 मार्च 2025:टीबी (तपेदिक) एक ऐसी बीमारी है, जो न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस संक्रामक रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए हर वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षय (टीबी) दिवस मनाया जाता है, ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और लोग समय पर जांच और इलाज कराकर स्वस्थ जीवन जी सकें। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे टीबी उन्मूलन के अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाएं और प्रदेश को स्वस्थ बनाने में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा, “टीबी केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक विकास में बाधा उत्पन्न करने वाली गंभीर चुनौती है। जब तक हम इस बीमारी को पूरी तरह खत्म नहीं कर देते, तब तक हमारा स्वास्थ्य तंत्र और समाज इससे प्रभावित रहेगा। टीबी उन्मूलन के लिए जागरूकता और जनभागीदारी बेहद जरूरी है।”
छत्तीसगढ़ सरकार ने टीबी उन्मूलन के लिए कई प्रभावी कदम उठाए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हर साल करीब 60,000 से अधिक नए टीबी मरीज सामने आते हैं। इनमें से अधिकतर गरीब और वंचित समुदायों से होते हैं, जिनके लिए समय पर जांच और मुफ्त इलाज सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।
राज्य सरकार के प्रयासों से टीबी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क जांच, इलाज और दवा उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही, निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को हर महीने 500 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, ताकि वे पोषणयुक्त आहार ले सकें और जल्द स्वस्थ हो सकें।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से आग्रह किया कि वे टीबी के लक्षणों को नजरअंदाज न करें। अगर किसी को लगातार दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, भूख न लगना और वजन घटना जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो उन्हें तुरंत जांच करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है, बशर्ते मरीज समय पर जांच कराए और पूरी दवा का कोर्स पूरा करे। राज्य सरकार लोगों को जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायतों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर रही है।
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई निक्षय मित्र योजना के तहत समाज के संपन्न वर्ग, उद्योगपति, समाजसेवी संस्थाएं और नागरिक, टीबी मरीजों की सहायता कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ में भी इस योजना को प्रभावी रूप से लागू किया गया है। इस पहल के तहत कई व्यक्तियों और संगठनों ने टीबी मरीजों को पोषण किट, आर्थिक सहायता और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में अब तक 25,000 से अधिक टीबी मरीजों को निक्षय मित्रों द्वारा सहायता प्रदान की गई है। इससे न केवल मरीजों के इलाज में तेजी आई है, बल्कि समाज में सहयोग और संवेदनशीलता का वातावरण भी बना है।
छत्तीसगढ़ में टीबी उन्मूलन को लेकर विभिन्न योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
1. टीबी मुक्त अभियान: इसमें हर जिले में विशेष जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग समय पर जांच करा सकें।
2. मोबाइल टीबी जांच इकाइयाँ: दूर-दराज के इलाकों में मोबाइल टीबी जांच वैन भेजी जाती हैं, जिससे मरीजों की समय पर पहचान हो सके।
3. निक्षय पोषण योजना: मरीजों को पोषण सहायता के रूप में हर महीने 500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है।
4. डॉट्स (DOTS) उपचार पद्धति: टीबी मरीजों को मुफ्त और प्रभावी इलाज देने के लिए सरकार द्वारा डॉट्स प्रणाली लागू की गई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन मरीजों का उदाहरण दिया, जिन्होंने समय पर जांच और इलाज लेकर टीबी को हराया। उन्होंने कोरिया जिले के राजेश नामक युवक की कहानी साझा की, जो छह महीने तक टीबी से जूझता रहा, लेकिन समय पर सरकारी अस्पताल में इलाज मिलने से पूरी तरह स्वस्थ हो गया।
इसी तरह, बस्तर की रहने वाली मीना देवी ने बताया कि उन्होंने पहले टीबी के लक्षणों को नजरअंदाज किया, लेकिन जब सरकार की स्वास्थ्य टीम उनके गांव पहुंची और जांच करवाई, तो उन्हें बीमारी का पता चला। उन्होंने नियमित दवा ली और आज पूरी तरह स्वस्थ हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टीबी के खिलाफ लड़ाई में केवल सरकार ही नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग को भागीदारी निभानी होगी। यदि लोग समय पर जांच कराएं, पूरा इलाज लें और दूसरों को भी जागरूक करें, तो हम 2025 तक टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर प्रयास करें, तो छत्तीसगढ़ को टीबी मुक्त बनाया जा सकता है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ ही समृद्ध छत्तीसगढ़ की नींव रखेगा।”
विश्व क्षय दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संदेश स्पष्ट है – टीबी को हराने के लिए जनजागरण, समय पर जांच और पूरा इलाज आवश्यक है। सरकार अपने स्तर पर सभी जरूरी कदम उठा रही है, लेकिन इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
टीबी मुक्त छत्तीसगढ़ और भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमें स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाना, टीबी मरीजों की मदद करना और खुद को तथा समाज को जागरूक बनाना होगा। यही हमारे स्वस्थ भविष्य की कुंजी है।