छत्तीसगढ़ताजा ख़बरेंब्रेकिंग न्यूज़राजनीतिराज्यसरगुजा

बाल विवाह रोकने शिक्षकों को बनाया जाएगा प्रहरी

बाल विवाह रोकने शिक्षकों को बनाया जाएगा प्रहरी

सूरजपुर, 03 अप्रैल 2025 – सूरजपुर जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने के लिए प्रशासन ने शिक्षकों को जागरूक करने की पहल तेज कर दी है। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा ने सभी हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों के लिए एक दिवसीय कार्यशालाओं का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। इसी कड़ी में आज विकासखंड भैयाथान में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें शिक्षकों को बाल विवाह के कानूनी पहलुओं और रोकथाम के उपायों पर विस्तार से जानकारी दी गई।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

शिक्षक बनेंगे सामाजिक बदलाव के वाहक

कार्यशाला में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार छत्तीसगढ़ में सबसे अधिक बाल विवाह सूरजपुर जिले (34%) में होते हैं। हालांकि प्रशासन की सक्रियता से इन मामलों में कमी आई है, लेकिन इसे पूरी तरह खत्म करने के लिए समाज को जागरूक करना आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि अधिकतर बाल विवाह कक्षा 9वीं से 12वीं में पढ़ने वाली या फिर पढ़ाई छोड़ चुकी बच्चियों का हो रहा है। अगर इस उम्र की लड़कियों को सही जानकारी और परामर्श दिया जाए तो 90% बाल विवाह रोके जा सकते हैं। इसी उद्देश्य से शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे अपने स्कूलों में छात्रों को इस सामाजिक बुराई से बचा सकें।

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

बाल विवाह: कानून और दंड

श्री जायसवाल ने बताया कि बाल विवाह न केवल सामाजिक बुराई है, बल्कि एक कानूनी अपराध भी है। उन्होंने बताया कि:

  • बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत बाल विवाह करने, सहयोग करने, या बढ़ावा देने वाले को दो साल की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है।

  • लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO), 2012 के तहत नाबालिगों के साथ किसी भी तरह की लैंगिक हिंसा कानूनी अपराध मानी जाती है।

  • किशोर न्याय अधिनियम की धारा 77 और 78 के तहत अगर किसी नाबालिग को नशे का सेवन कराया जाता है या इससे जुड़ी किसी गतिविधि में धकेला जाता है, तो दोषी को दो साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

समाज की जिम्मेदारी, प्रशासन की अपील

जायसवाल ने इस बात पर जोर दिया कि बाल विवाह के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार जागरूकता और शिक्षा है। उन्होंने कहा कि अगर हर शिक्षक अपने स्कूल में इस विषय पर खुली चर्चा करें और छात्रों को उनके अधिकारों की जानकारी दें, तो सूरजपुर जल्द ही बाल विवाह मुक्त जिला बन सकता है

सूरजपुर प्रशासन की इस पहल का मकसद सिर्फ बाल विवाह रोकना नहीं, बल्कि समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाना भी है।

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!