
कुदरगढ़ महोत्सव: आस्था, भक्ति और परंपरा का संगम, मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणाएं
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कुदरगढ़ महोत्सव के समापन समारोह में कुदरगढ़ मंदिर को 'प्रसाद योजना' में शामिल करने की घोषणा की। रोपवे, चिकित्सालय सहित 105 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का भूमि पूजन किया गया।
कुदरगढ़ महोत्सव: आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम
कुदरगढ़ मंदिर ‘प्रसाद योजना’ में शामिल, विकास कार्यों को मिलेगी रफ्तार
रायपुर, 4 अप्रैल 2025 – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम है। इस महोत्सव को और भव्य बनाने तथा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों के तहत कुदरगढ़ मंदिर धाम को केंद्र सरकार की ‘प्रसाद योजना’ में शामिल किया गया है। इससे यहां के विकास के लिए केंद्र से आर्थिक सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह बात सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर आयोजित कुदरगढ़ महोत्सव के समापन समारोह में कही।
कुदरगढ़ धाम में चिकित्सालय और रोपवे का निर्माण
मुख्यमंत्री श्री साय ने कुदरगढ़ धाम में रोपवे निर्माण का भूमिपूजन किया, जो दो वर्षों में पूरा होगा। इसके अलावा उन्होंने प्रशासनिक भवन एवं सर्वसुविधायुक्त सामुदायिक भवन के लिए 50-50 लाख रुपये, गढ़वातियां माता मंदिर में सीढ़ी निर्माण और पेयजल व्यवस्था के लिए 50 लाख रुपये की घोषणा की। इस दौरान रोपवे निर्माण के लिए अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर भी किए गए। मुख्यमंत्री ने धाम में चिकित्सालय निर्माण की भी घोषणा की, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।
105 करोड़ रुपये से अधिक लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण
मुख्यमंत्री साय ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए माता कुदरगढ़ी से प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की और नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस अवसर पर 105 करोड़ रुपये से अधिक लागत के 43 विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। उन्होंने भटगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए सुशासन रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जो राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा।
भोरमदेव मंदिर के लिए 148 करोड़ रुपये की स्वीकृति
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भोरमदेव मंदिर के विकास हेतु केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत 148 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही, राज्य की पांच प्रमुख शक्तिपीठों – कुदरगढ़ (सूरजपुर), चंद्रहासिनी (चंद्रपुर), महामाया (रतनपुर), बम्लेश्वरी (डोंगरगढ़) और दंतेश्वरी (दंतेवाड़ा) के विकास के लिए चारधाम की तर्ज पर योजना बनाई जा रही है।
राज्य को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास योजनाओं और समावेशी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। अंदरूनी इलाकों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे कार्यक्रमों के जरिए सांस्कृतिक और खेल गतिविधियों को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है।
समापन समारोह में छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति की झलक
समापन समारोह में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति की झलक देखने को मिली। भक्ति संगीत की प्रस्तुति ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए सरकारी योजनाओं के स्टॉलों का अवलोकन किया और हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण भी किया।
नेताओं ने भी दी शुभकामनाएं
कार्यक्रम में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े और सांसद चिंतामणि महाराज सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने सभा को संबोधित किया और नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं।