
CWC बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का ऐतिहासिक संबोधन: गांधी-पटेल-नेहरू की विरासत पर बड़ा बयान
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अहमदाबाद में CWC की विस्तारित बैठक में गांधी, नेहरू और पटेल की विरासत की रक्षा का संकल्प लिया। आरएसएस, मोदी सरकार और संविधान के मुद्दों पर तीखा हमला। पढ़ें पूरा विश्लेषण।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का CWC बैठक में ऐतिहासिक संबोधन: “संविधान और सरदार पटेल की विरासत की रक्षा करेंगे”
अहमदाबाद, 8 अप्रैल 2025|आज अहमदाबाद स्थित सरदार पटेल म्यूज़ियम में आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की विस्तारित बैठक का उद्घाटन एक भावनात्मक और ऐतिहासिक भाषण के साथ हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने उद्बोधन में गांधी, नेहरू, सरदार पटेल और बाबा साहेब अंबेडकर की विरासत की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम पर तीखा प्रहार किया।
गांधी-नेहरू-पटेल की त्रिमूर्ति: कांग्रेस की वैचारिक जड़ें
खड़गे ने अपने संबोधन की शुरुआत गांधी जी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी वर्ष से की। उन्होंने याद दिलाया कि गांधी जी ने 1924 में बेलगावी कांग्रेस अधिवेशन में अध्यक्ष पद संभाला था और उनके द्वारा अपनाई गई सत्य और अहिंसा की विचारधारा आज भी कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत है।
उन्होंने विशेष रूप से गुजरात की तीन महान विभूतियों — दादा भाई नौरोजी, महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल — को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कांग्रेस की नींव इन्हीं विचारों पर टिकी है।
सरदार पटेल की 150वीं जयंती की भव्य तैयारी
खड़गे ने एलान किया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती (31 अक्टूबर 2025) को पूरे देश में उल्लासपूर्वक मनाया जाएगा। उन्होंने सरदार पटेल के कराची कांग्रेस में पास किए गए मौलिक अधिकारों के प्रस्ताव को भारतीय संविधान की आत्मा बताया।
खड़गे ने कहा,
“सरदार पटेल संविधान सभा की उस समिति के अध्यक्ष थे जिसने मौलिक अधिकारों, अल्पसंख्यकों और जनजातीय इलाकों के लिए दिशानिर्देश तैयार किए।”
इतिहास से छेड़छाड़ और राष्ट्रीय नायकों को अपमानित करने का आरोप
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार और संघ परिवार पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक सोची-समझी रणनीति के तहत नेहरू और पटेल के रिश्तों को विपरीत दिशा में दिखाया जा रहा है जबकि दोनों नेताओं के बीच गहरा विश्वास और सम्मान था।
“नेहरू और पटेल एक ही सिक्के के दो पहलू थे। वे रोज़ पत्र व्यवहार करते थे और तमाम निर्णयों में परस्पर सलाह-मशविरा होता था,” खड़गे ने कहा।
RSS की विचारधारा पर तीखा हमला
खड़गे ने स्पष्ट किया कि सरदार पटेल की विचारधारा RSS से बिल्कुल विपरीत थी। उन्होंने स्मरण कराया कि पटेल जी ने महात्मा गांधी की हत्या के बाद RSS पर प्रतिबंध भी लगाया था।
“आज जिनके पास न आज़ादी का इतिहास है, न कोई बलिदान — वे पटेल जी की विरासत पर दावा कर रहे हैं। यह सरासर इतिहास से धोखा है,” उन्होंने कहा।
संविधान और डॉ. अंबेडकर का अपमान
खड़गे ने राज्यसभा में गृह मंत्री के एक विवादास्पद बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था — “अगर अंबेडकर का नाम लेने की बजाय भगवान का नाम लेते, तो 7 जन्म तक स्वर्ग मिल जाता।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने इस बयान को बाबा साहेब का अपमान बताया।
उन्होंने दोहराया कि संविधान निर्माण में कांग्रेस, गांधी जी, सरदार पटेल और डॉ. अंबेडकर की निर्णायक भूमिका रही।
डॉ. अंबेडकर के 25 नवंबर 1949 के भाषण का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा:
“कांग्रेस के सहयोग के बिना संविधान बन ही नहीं सकता था।”
गांधीवादी संस्थानों पर कब्जा और वैचारिक विरासत की चोरी
खड़गे ने कहा कि आज बीजेपी और आरएसएस गांधीवादी संस्थानों जैसे सर्व सेवा संघ और गुजरात विद्यापीठ पर कब्जा कर उन्हें उनके वैचारिक विरोधियों को सौंप रहे हैं।
“गांधी जी का चश्मा और लाठी तो चुरा सकते हैं, लेकिन उनके आदर्शों पर नहीं चल सकते,” उन्होंने तीखा कटाक्ष किया।
संगठन की शक्ति ही असली ताकत
खड़गे ने सरदार पटेल के एक प्रसिद्ध कथन के माध्यम से कांग्रेसजनों को संगठित रहने का आह्वान किया:
“संगठन के बिना संख्या बल बेकार है। जब सूत के धागे एकत्र होते हैं, तभी कपड़ा बनता है — मजबूत, सुंदर और उपयोगी।”
उन्होंने कहा कि CWC की यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि विचार-मंथन और संगठन को पुनः जाग्रत करने का एक इतिहास रचने वाला क्षण है।