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अ.भा.रा.शैक्षिक महासंघ की कार्यशाला में भारतीय ब्रेन ड्रेन रोकते हुए समाज उत्थान का आह्वान…!

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की ओर से आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला में भारतीय ब्रेन ड्रेन की स्थिति पर चिंतन करते हुए भारतीय संस्कृति पर आधारित शिक्षा के प्रचार-प्रसार एवं राष्ट्र के पुनर्निर्माण में शिक्षक एवं मीडिया जगत की महती भूमिका पर चिंतन किया गया।
छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री यशवंत सिंह वर्मा एवं संभागीय सचिव ओंकार वर्मा ने बताया की अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा आयोजित दो दिवसीय वर्चुअल कार्यशाला में देश के 28 राज्यों से कुल 215 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य से छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ के प्रांताध्यक्ष ओंकार सिंह ठाकुर, महामंत्री यशवंत सिंह वर्मा, संभागीय सचिव ओंकार प्रसाद वर्मा, हरिराम शर्मा, सुनील कुमार नायक, बी.रघु, रामसेवक गुप्ता, सदेराम कोमरे, टिकेश कुमार ठाकुर, भगोली राम साहू, राजेन्द्र जायसवाल, रविन्द्र कुमार, पारस जैन सम्मलित हुए। उक्त कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महासंघ के संरक्षक सुनील अंबेकर ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज शिक्षा एवं शैक्षिक परिसरों से समाज की अपेक्षाएं बढ़ी हैं। शिक्षक महासंघ को भारत के इतिहास एवं शिक्षा में हो रहे नित नए परिवर्तनों को सही तरीके से मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना अत्यावश्यक है। साथ ही प्रतिभावान विद्यार्थी के ‘ब्रेन ड्रेन’ को रोकते हुए उन्हें देश हित में काम करने हेतु प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने आह्वान किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति जो की भारतीय संस्कृति पर आधारित है उसे सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया, ब्लॉग, राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक स्तर पर प्रकाशित समाचार पत्रों के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाया जाएं।
अध्यक्षीय उद्बोधन में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष प्रो.जे.पी सिंघल ने कहा कि शिक्षक समाज परिवर्तन का संवाहक है। पूरी दुनिया भारत के वैदिक विचारों से आशान्वित है। किन्तु अपनी इस श्रेष्ठता को आज के आधुनिक परिवेश में भी जीवांत बनाये रखने के लिए अपने नीति को रणनीति में बदलने के साथ ही संकल्प से सिद्धि की तरफ बढ़ना होगा। अ.भा.सोशल मीडिया के सह-प्रमुख रोहित कौशल ने कहा कि सोशल मीडिया की भाषा विशिष्ट किन्तु शिष्टाचार युक्त होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर उठ रहे प्रश्नों के त्वरित जवाब देने के बजाय अधिक से अधिक प्रश्न आने देना चाहिए जिससे एकनिश्चित समय के पश्चात इन्ही प्रश्नों से ही समाज सुधार के मार्ग प्रशस्त होते हैं। हमारा सकारात्मक विचार एवं गुरुकुल शिक्षा पद्धति ही हमें सात्विक जीवन जीना सिखाती है। अतः इन्ही विचार को हमें सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना होगा। जिसके लिए सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु शिक्षकों की एक विशेष मीडिया टोली तैयार करनी होगी। उन्होंने सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने, पोस्ट वायरल करने, सोशल मीडिया की भाषा, सोशल मीडिया में अच्छी क्वालिटी के कंटेंट आदि विषयों पर भी चर्चा की। महासभा को अ.भा.मीडिया सह-प्रमुख बसंत जिंदल, संगठन मंत्री महेंद्र कपूर एवं मीडिया टोली प्रमुख दर्शन भारती ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में सरस्वती वंदना की प्रस्तुति बसंत जिंदल द्वारा संगठन गीत देवकृष्ण व्यास द्वारा एवं धन्यवाद ज्ञापन मीडिया प्रभारी विजय कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया।

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Ashish Sinha

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