
बिहान योजना से बदल गई ग्राम सारागांव की उत्तरा ध्रुव की जिंदगी, बनीं महिला सशक्तिकरण की मिसाल
गरियाबंद जिले की उत्तरा ध्रुव ने बिहान योजना से जुड़कर खेती, दुकान और डिजिटल सेवा से आत्मनिर्भरता हासिल की। अब वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं।
उत्तरा ध्रुव: बिहान योजना से मिली नई उड़ान, बनीं महिला सशक्तिकरण की मिसाल
गरियाबंद, 10 जुलाई 2025 – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) से जुड़कर छुरा विकासखंड के ग्राम सारागांव की उत्तरा ध्रुव ने न सिर्फ अपने जीवन को एक नई दिशा दी है, बल्कि अब वह सैकड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। उनकी कहानी आत्मनिर्भरता और महिला सशक्तिकरण की एक बेहतरीन मिसाल है।
आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर कदम
महिमा महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य उत्तरा ने समूह से ₹50,000 का ऋण लिया और अपने खेत में बोर खनन कराया। इस पहल से उन्होंने अपनी ढाई एकड़ जमीन पर दोहरी फसल लेना शुरू किया। खरीफ सीजन में वह लगभग ₹70,000 और रबी सीजन में ₹50,000 तक की आय अर्जित कर रही हैं।
किराना दुकान और अतिरिक्त आय के स्रोत
खेती के साथ-साथ, उत्तरा ने गांव में एक किराना दुकान भी खोली, जिससे उनकी आमदनी और मजबूत हुई। उन्होंने अपनी दुकान में कंप्यूटर और प्रिंटर लगाकर स्थानीय लोगों को प्रिंटिंग सेवाएं देना भी शुरू किया है, जिससे उन्हें अतिरिक्त आय हो रही है।
रिसोर्स बुक कीपर के रूप में नई भूमिका
उत्तरा ध्रुव वर्तमान में रिसोर्स बुक कीपर के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में वह पंजीयन सुधार, लेखा कार्यों की निगरानी और ऑडिट जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाती हैं, जिसके लिए उन्हें प्रति माह ₹5,000 मानदेय मिलता है। पहले वह फील्ड वर्क के लिए साइकिल का उपयोग करती थीं, लेकिन अब उन्होंने अपनी कमाई से स्कूटी खरीद ली है, जिससे उनका काम और भी आसान हो गया है।
परिवार भी आत्मनिर्भरता की राह पर
उत्तरा की सफलता का असर उनके पूरे परिवार पर पड़ा है, जो अब आत्मनिर्भरता की राह पर है:
- उनकी एक बेटी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है।
- दूसरी बेटी को सिलाई कार्य में रुचि है।
- उनका बेटा वाद्य यंत्र बजाकर भजन मंडली में प्रस्तुति देता है और आय अर्जित करता है।
महिला सशक्तिकरण की प्रतीक
बिहान योजना से मिली यह नई उड़ान न केवल उत्तरा के जीवन में आर्थिक और सामाजिक बदलाव लाई है, बल्कि यह भी साबित करती है कि अगर महिलाओं को सही अवसर और मार्गदर्शन मिले, तो वे आत्मनिर्भरता और नेतृत्व के क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं रहतीं। उत्तरा ध्रुव ने वास्तव में महिला सशक्तिकरण की एक नई परिभाषा गढ़ी है।
 
				 
							
													 
					
 
							
													 
							
													 
							
													
 
		 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													 
							
													









