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धमतरी के किसान अध्ययन भ्रमण पर रवाना, कलेक्टर ने दी हरी झंडी – आयल पॉम खेती से कम लागत में ज्यादा मुनाफा

धमतरी जिले के किसानों को आयल पॉम खेती के अध्ययन भ्रमण पर रवाना किया गया। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बताया कि यह फसल 3-4 साल बाद उत्पादन देना शुरू करती है और 30 साल तक लगातार आय देती है। प्रति हेक्टेयर 20-25 टन उत्पादन संभव।

धमतरी जिले के किसान अध्ययन भ्रमण पर रवाना
कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी
आयल पॉम की खेती कम लागत-ज्यादा मुनाफा : कलेक्टर मिश्रा

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धमतरी, 04 सितम्बर 2025/ किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से धमतरी जिला प्रशासन ने आयल पॉम (तेल पाम) की खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाया है। इसी क्रम में जिले के चयनित किसानों को अध्ययन भ्रमण के लिए रवाना किया गया।

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने गुरुवार को ग्राम भलेसर (विकासखण्ड बागबाहरा, जिला महासमुंद) स्थित कृषि प्रक्षेत्रों के अध्ययन भ्रमण हेतु 30 किसानों के दल को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दल में 08 गांवों के चयनित किसान, 03 ग्राम कृषि विस्तार अधिकारी एवं 02 ग्राम उद्यान विस्तार अधिकारी शामिल हैं।

🔹 जिले में आयल पॉम खेती को बढ़ावा – अम्मा ऑयल पॉम प्लांटेशन लिमिटेड, हैदराबाद को जिले में आयल पॉम को बढ़ावा देने के लिए अधिकृत किया गया है। संस्था किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन और उत्पाद की खरीदी सुनिश्चित करेगी। चयनित किसानों द्वारा पहले ही 11.90 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 1703 पौधों का भंडारण किया जा चुका है।

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🔹 सरकारी योजना व अनुदान – “नेशनल मिशन ऑन एडीबल ऑयल्स एंड ऑयल पॉम” अंतर्गत वर्ष 2025-26 में जिले को 300 हेक्टेयर में आयल पॉम खेती का लक्ष्य मिला है। किसानों को पौध रोपण, रखरखाव, फेंसिंग, ड्रिप सिंचाई और अंतरवर्ती फसल पर अनुदान दिया जाएगा। एक किसान को अधिकतम ₹2,51,250 तक की सहायता प्राप्त हो सकेगी।

🔹 कम लागत, ज्यादा मुनाफा – कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि आयल पॉम पौधारोपण के 3-4 वर्ष बाद उत्पादन देना शुरू करता है और लगभग 30 साल तक लगातार उत्पादन देता है। प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 20-25 टन प्रतिवर्ष होता है, जिसका वर्तमान बाजार मूल्य ₹1700 प्रति क्विंटल है। यह फसल पथरीली या कम उपजाऊ भूमि पर भी आसानी से उगाई जा सकती है।

कलेक्टर ने किसानों से अपील की कि वे पारंपरिक कम लाभदायक फसलों की बजाय आयल पॉम जैसी उच्च आय देने वाली फसल को अपनाएँ। प्रशासन हर स्तर पर किसानों को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करेगा!

Ashish Sinha

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