
गोवर्धन पूजा पर छत्तीसगढ़ सर्व समाज संगठन की मांग – राज्य सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की अपील
छत्तीसगढ़ सर्व समाज संगठन ने राज्य सरकार से दीपावली के दूसरे दिन पड़ने वाले गोवर्धन पूजा पर सामान्य अवकाश घोषित करने की मांग की है। संगठन का कहना है कि यह पर्व धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से पूरे समाज की आस्था से जुड़ा है।
छत्तीसगढ़ सर्व समाज संगठन ने गोवर्धन पूजा पर सरकारी अवकाश की मांग की
दुर्ग, 8 सितंबर। छत्तीसगढ़ सर्व समाज संगठन ने राज्य सरकार से दीपावली के दूसरे दिन पड़ने वाले गोवर्धन पूजा पर सार्वजनिक/सामान्य अवकाश घोषित करने की मांग की है। संगठन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव को संबोधित ज्ञापन दुर्ग कलेक्टर को सौंपा।
संगठन के प्रांताध्यक्ष (अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ) एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ जिलाध्यक्ष-दुर्ग भानु प्रताप यादव ने बताया कि गोवर्धन पूजा हिंदू समाज की आस्था का प्रमुख पर्व है, जो पूरे प्रदेश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।
भानु प्रताप यादव ने कहा कि पूर्व में राज्य शासन द्वारा इस पर्व पर अवकाश घोषित किया जाता रहा है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह परंपरा टूट गई है। उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालु और सरकारी कर्मचारी अपनी धार्मिक भावनाओं के कारण असंतोष प्रकट कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दीपावली पर तो शासन अवकाश घोषित करता है, किंतु दूसरा दिन यानी गोवर्धन पूजा भी जनमानस के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है। इस दिन अन्नकूट महोत्सव, गोवंश पूजा और सामूहिक धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें भाग लेने के लिए अवकाश का होना आवश्यक है।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी प्रदेश की परंपराओं और लोक आस्था से गहराई से जुड़ा है। अवकाश न होने से कर्मचारी वर्ग अपने परिवार और समाज के साथ इस पर्व का उत्सव नहीं मना पाते।
भानु प्रताप यादव ने कहा कि संगठन की यह मांग किसी वर्ग विशेष के लिए नहीं है, बल्कि पूरे समाज की धार्मिक भावनाओं और परंपराओं को सम्मान देने की पहल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यदि सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए गोवर्धन पूजा पर सामान्य अवकाश घोषित करती है, तो यह सामाजिक एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द को मजबूत करने वाला निर्णय होगा।