
Cough Syrup Case: WHO की एंट्री, पूछा—क्या जहरीली सिरप दूसरे देशों में भी भेजी गई?
भारत में जहरीली कफ सिरप पीने से 21 बच्चों की मौत पर WHO सख्त। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूछा—क्या यह सिरप दूसरे देशों में भी भेजी गई है? DEG और EG जैसे घातक केमिकल पाए गए।
Cough Syrup Case: WHO की एंट्री, पूछा—क्या जहरीली सिरप दूसरे देशों में भी भेजी गई?
भारत में जहरीली कफ सिरप पीने से 21 बच्चों की मौत पर WHO सख्त। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूछा—क्या यह सिरप दूसरे देशों में भी भेजी गई है? DEG और EG जैसे घातक केमिकल पाए गए।
नई दिल्ली।देश में बच्चों की मौत का कारण बनी ‘जहरीली कफ सिरप’ का मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तूल पकड़ चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस मामले को गंभीर मानते हुए भारतीय अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है।
WHO ने सवाल किया है कि क्या इस जहरीली कफ सिरप की सप्लाई दूसरे देशों में भी की गई है? अगर ऐसा हुआ है, तो संबंधित देशों को लेकर एडवाइजरी जारी की जाएगी।
21 बच्चों की मौत, कई की हालत गंभीर
मध्यप्रदेश में जहरीली कफ सिरप पीने से अब तक 21 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि 5 बच्चे गंभीर हालत में नागपुर के अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं राजस्थान के कुछ जिलों से भी तीन मौतों की खबर आई है।
सिरप में पाए गए घातक केमिकल
WHO की रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि कफ सिरप में Diethylene Glycol (DEG) और Ethylene Glycol (EG) की मात्रा अधिक पाई गई। ये दोनों रासायनिक तत्व किडनी और नर्वस सिस्टम के लिए बेहद खतरनाक होते हैं और बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।
‘कोल्ड्रिफ’ सिरप पर जांच केंद्रित
जांच में सबसे ज्यादा सवाल ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर उठे हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि इस सिरप में DEG और EG की मात्रा सामान्य से कहीं अधिक पाई गई। WHO ने कहा कि भारतीय अथॉरिटीज से जवाब मिलने के बाद वह ग्लोबल मेडिकल प्रोडक्ट्स अलर्ट जारी करने पर विचार करेगी।
क्या दूसरे देशों में भी गई यह सिरप?
WHO का मुख्य सवाल यही है कि क्या यह जहरीली सिरप दूसरे देशों को भी निर्यात की गई है। अगर ऐसा है, तो वैश्विक स्तर पर अलर्ट जारी किया जाएगा ताकि अन्य देशों में इस सिरप की बिक्री और सेवन रोका जा सके।
भारत में मचा हड़कंप
इन मौतों के बाद देशभर में हड़कंप मचा हुआ है। बच्चों की सुरक्षा और दवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस मामले में औषधि नियंत्रक (DCGI) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।