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Stray Dogs Case: हलफनामा न देने पर SC सख्त, 3 नवंबर को सभी राज्यों के मुख्य सचिव तलब

आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामा दाखिल न करने वाले सभी राज्यों को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने देशव्यापी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का आदेश दिया।

आवारा कुत्तों के काटने का मामला: हलफनामा दाखिल न करने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को समन

नई दिल्ली: देशभर में आवारा कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। राज्यों द्वारा अनुपालन हलफनामा (Compliance Affidavit) दाखिल नहीं किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट बुरी तरह भड़क गया।

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सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि:

  • ‘मजाक बना रखा है’: न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने केंद्र और राज्यों के वकीलों से कहा कि “आप लोग ख़बरें नहीं देखते। सोशल मीडिया तो देखते होंगे। मज़ाक बना रखा है, लोग परेशान हैं।”
  • देश की छवि खराब: न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने आगे कहा कि आवारा कुत्तों के काटने की लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं और विदेशों में देश की छवि ख़राब हो रही है।
  • हलफनामा दाखिल नहीं: कोर्ट को बताया गया कि केवल तीन अनुपालन हलफनामे (तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और एमसीडी दिल्ली) दाखिल किए गए हैं, लेकिन वे भी रिकॉर्ड में नहीं हैं।

मुख्य सचिवों को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश

शीर्ष न्यायालय ने इस लापरवाही पर सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया है:

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  • समन: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को सुबह 10:30 बजे कोर्ट में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है कि उन्होंने हलफनामे क्यों नहीं दाखिल किए।
  • छूट प्राप्त राज्य: पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के मुख्य सचिवों को कोर्ट में उपस्थित नहीं होना होगा क्योंकि उनके राज्य हलफनामा दाखिल कर चुके हैं।
  • पिछला आदेश: कोर्ट ने अगस्त में सुनवाई का दायरा देशव्यापी करते हुए राज्यों और UTs को नोटिस जारी किया था। इसके साथ ही दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़कर स्टरलाइज (नसबंदी) और वैक्सिनेट करके उनके इलाके में वापस छोड़ने का आदेश दिया गया था।

कोर्ट को एनजीओ ने भी बताया कि वे इस मामले में पार्टी बनना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने रजिस्ट्री में पैसा जमा करा दिया है।


Ashish Sinha

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