
PM मोदी ने अयोध्या में किए सप्त मंदिरों के दर्शन, कहा—बोध और भक्ति से होते हैं प्रभु राम के योग्य
अयोध्या में पीएम मोदी ने ध्वजारोहण से पूर्व सप्त मंदिरों के दर्शन किए। कहा—इन मंदिरों से बोध और भक्ति प्राप्त होती है, जो हमें प्रभु राम के चरणों के योग्य बनाती है।
अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामलला मंदिर के ध्वजारोहण अनुष्ठान से पूर्व मंदिर परिसर स्थित सप्त मंदिरों के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि उन्हें अयोध्या पहुंचकर सप्त मंदिरों के दर्शन का सौभाग्य मिला, जिनसे “वह बोध एवं भक्ति प्राप्त होती है, जो हमें प्रभु राम के चरणों के योग्य बनाती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज और माता शबरी—इन सप्त महापुरुषों और महाशक्तियों के चरणों में नमन करते हुए उन्होंने अयोध्या के इस ऐतिहासिक दिन को और अधिक पावन अनुभव किया। यह सप्त मंदिर रामायण के उस आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक दर्शन का प्रतीक हैं, जो भारतीय सभ्यता की आत्मा में रचा-बसा है।
सप्त ऋषियों का महत्व
हिंदू धर्म में सप्त ऋषियों को वैदिक ज्ञान के संरक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इन सप्त ऋषियों—कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज—की उत्पत्ति भगवान ब्रह्मा के मस्तिष्क से हुई थी।
इन्हें वेदों, स्मृतियों, पुराणों और ज्योतिष का अद्वितीय ज्ञान प्राप्त था। आज भी इनके समूह को आकाश में “सप्तर्षि तारामंडल” के रूप में पहचाना जाता है, जो भारतीय अध्यात्म और आकाशीय विज्ञान दोनों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
अयोध्या में पीएम मोदी का कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ने ध्वजारोहण समारोह से पहले सप्त मंदिरों की परिक्रमा की और मंदिर परिसर के वैदिक, आध्यात्मिक तथा सांस्कृतिक महत्व के बारे में साधु-संतों से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि यह स्थल न केवल रामायण में वर्णित घटनाओं का जीवंत प्रतीक है, बल्कि उन मूल्यों, आदर्शों और भक्ति की ऊर्जा का केंद्र भी है, जिन पर भारत की सांस्कृतिक चेतना आधारित है।
पीएम मोदी ने आगे लिखा कि अयोध्या के इन दिव्य स्थलों में आज जो अनुभूति मिली, वह जीवन में सदैव प्रेरणा देती रहेगी और जनता को भी प्रभु श्रीराम के मार्ग पर चलने की दिशा दिखाती रहेगी।
धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण दिन
रामलला मंदिर का ध्वजारोहण समारोह अयोध्या की आध्यात्मिक धरोहर को नयी ऊंचाइयों पर ले गया। पूरे शहर में भक्तों के जयघोष के बीच मंदिर परिसर में पारंपरिक वैदिक विधि-विधान के साथ धर्मध्वज का आरोहण किया गया।
संत समाज ने भी पीएम मोदी के इस दौरे और सप्त मंदिरों के दर्शन को ऐतिहासिक बताया। साधु-संतों ने कहा कि प्रधानमंत्री का यह आध्यात्मिक जुड़ाव भारत की सनातन परंपरा के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अयोध्या के धार्मिक विद्वानों का मानना है कि सप्त मंदिरों की पूजा और दर्शन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की उन जड़ों से जुड़ने का अवसर है, जिनसे भारत हजारों वर्षों से अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करता रहा है।










