
Ayodhya Ramlala Shringar: अयोध्या में रामलला का भव्य श्रृंगार, चार समय लगता है विशेष भोग और बदलते हैं वस्त्र
अयोध्या श्री राम जन्मभूमि में रामलला का प्रतिदिन दिव्य श्रृंगार होता है। चार समय भोग, सुबह 6:30 आरती, 7:30 बजे तक दर्शन और मौसम अनुसार वस्त्र बदलने की परंपरा जानें। लाइव दर्शन अपडेट।
अयोध्या में रामलला का भव्य अलौकिक श्रृंगार, दिनभर चार समय लगता है विशेष भोग

अयोध्या/ 8 दिसंबर 2025। पौष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि, विक्रम संवत 2082 के अवसर पर अयोध्या धाम के श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में विराजमान प्रभु श्री रामलला सरकार का अलौकिक एवं भव्य श्रृंगार किया गया। ब्रह्मांड नायक श्री रामलला का दिव्य श्रृंगार देखकर भक्त मंत्रमुग्ध हो उठे।
चार समय का भोग – हर बेला अलग व्यंजन
रामलला को प्रतिदिन कुल चार समय भोग लगाया जाता है। राम मंदिर की दिव्य रसोई में मौसम और समय के अनुसार विशेष व्यंजन बनाए जाते हैं।
- सुबह बाल भोग से दिन की शुरुआत
- दोपहर 12 बजे भोग-आरती
- संध्या आरती 7:30 बजे
- रात्रि शयन भोग 8:30 बजे
भोग में मौसम के अनुसार पारंपरिक प्रसाद, फल, मेवा-मिष्ठान्न और विशेष व्यंजन शामिल रहते हैं।
हर दिन और मौसम के अनुसार अलग वस्त्र
श्री रामलला के वस्त्र भी ऋतु और तिथि के अनुसार बदले जाते हैं।
- गर्मियों में: सूती, हल्के और मृदुल वस्त्र
- सर्दियों में: स्वेटर, शॉल और ऊनी पोशाक
- विशेष तिथियों पर: रेशमी परिधान, मुकुट, आभूषण और दिव्य अलंकरण
उनकी फूलों की विशेष माला दिल्ली से मंगाई जाती है, जिसे रोजाना अलग रूप में सजाया जाता है।
आरती और दर्शन का समय
- प्रथम आरती सुबह 6:30 बजे
रामलला को जगाने के बाद श्रृंगार की प्रक्रिया शुरू होती है—लेप, स्नान, वस्त्र, अलंकरण और श्रृंगार। - संध्या आरती 7:30 बजे
- शयन 8:30 बजे
- दर्शन का समय: रात 7:30 बजे तक
भक्तों का कहना है कि रोजाना रामलला अलग-अलग रूप में दर्शन देते हैं, और यह दिव्यता अयोध्या आने वालों को अध्यात्मिक अनुभूति प्रदान करती है।









