
एक ऐसा धान संग्रहण केंद्र जहां लोडिंग ट्रक को जेसीबी मशीन से खींचकर सड़क तक पहुंचाया जाता है
गोपाल सिंह विद्रोही /प्रदेश खबर /प्रमुख छत्तीसगढ़/ सूरजपुर – एक ऐसा धान संग्रहण केंद्र जहां धान लोडिंग के बाद प्रत्येक ट्रक को जेसीबी मशीन के माध्यम से खींच कर बाहर निकाला जाता है।
यह सुनकर अटपटा अवश्य लगेगा परंतु यह सत्य है । यह अलबेला धन संग्रह केंद्र संग्रहण केंद्र बिश्रामपुर से मजहज 5 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम रामनगर में स्थित है।
इस संबंध में जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित सूरजपुर का नवीन धान संग्रहण केंद्र रामनगर कूमदा बीट धान लोडिंग केंद्र में धान लोडिंग के पश्चात प्रत्येक ट्रक कीचड़ में धंस जाता है जिसे निकालने के लिए प्रशासन जेसीबी मशीन लगा रखी है।
धान लोडिंग के बाद कीचड़ में फंसे ट्रके बाहर नहीं निकल पाती जिसे जेसीबी मशीन खींच कर सड़क तक पहुंचाती है। इस बड़ी समस्या से ट्रक लोड नहीं हो पाती । ट्रको की लंबी कतारें लगी रहती है। ट्रक मालिक को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है
*6 लाख 99 हजार क्यूंटल धान में से महज 1 लाख 42 क्युंटल का उठाव*
इस संबंध में जानकारी के अनुसार नवीन धान संग्रहण केंद्र रामनगर ने 6,99, 000क्यूंटल धान संग्रहण हुआ था जिसमें से महज 1,42,000 पिछले 31 जुलाई से अब तक धान का उठाव हुआ है।शेष अभी 5लाख 55 हजार क्यूंटल धान केंद्र में पड़ा हुआ है इतनी धीमी गति से धान उठाव होने का मुख्य कारण संग्रहण केंद्र में कीचड़ में ट्रकों को फसने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। धान उठाव की शुरुआत ऐसे तो 29 जून से हुआ था परंतु यहां पूरी तरह से व्यवस्थाएं छिन्न भिन्न है ।जिससे धान का उठाव कछुआ गति से हो रहा है ।
अधिकारियों की अनुभवहीनता का परिणाम है धान संग्रहण केंद्र की अव्यवस्था
छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित सूरजपुर का नवीन धान संग्रह केंद्र इसी वर्ष रामनगर कुम्मदा बिट् में धान भंडारण का योजना बनाया गया था जिसनमें संबंधित अधिकारियों की अदुर्दशीता के कारण गलत जगह पर स्थल चयन किया गया। चयनित स्थान पूरा दलदली है। जबकि स्थान शासन द्वारा निर्धारित स्थल मुरम युक्त ,ढलाऊं भूमि, आवागमन का साधन सुलभ होना जैसे जगह को चयन करना होता है। परंतु जिले के अनुभवहीन अधिकारियों ने गलत जगह पर धन संग्रहण केंद्र चयन किया जिससे डीओ होल्ड्रो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। धान संग्रहण केंद्र में वाहन तो दूर पैदल चलना मुश्किल है। जल निकासी ना होने के कारण धान स्टॉक( छल्ती ) के नीचे का धान पूरी तरह से सड़ गयाऔर अंकुरित हो कर पौधा का रूप ले लिया है जिससे राज्य सरकार लाखो रुपए की आर्थिक क्षति उठानी पड़ रही है।
*गलत स्थल चयन से परेशानियां बढ़ी – कलेक्टर* इस संबंध में सूरजपुर जिला कलेक्टर डॉक्टर गौरव कुमार सिंह से इन समस्याओं के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि धान संग्रहण केंद्र के लिए स्थल चयन गलत हुआ है। जिससे परेशानियां बढ़ी है इन परेशानियों को जल्द दूर किया जाएगा