आधुनिक युग के निर्माता एव “भारत रत्न” पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी जी को नमन : स्वामीनाथ जायसवाल
भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस (इंटक) के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामीनाथ जायसवाल ने राजीव गांधी जी को श्रद्धांजलि दी एव उनसे प्रेरणा ली कि में देश की सेवा में हमेशा तत्पर रहूँगा एव राजीव गांधी जी के बताए मार्ग पर चलूंगा एव कांग्रेस पार्टी व देश के लिए हमेशा समर्पित रहूँगा।
वही दूसरी ओर केंद्र सरकार पर स्वामीनाथ निशाना सादते हुये कहा कि आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले राजीव गांधी देश को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। वे बार-बार कहते थे कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के साथ ही उनका अन्य बड़ा मक़सद इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण है। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने देश में कई क्षेत्रों में नई पहल की, जिनमें संचार क्रांति और कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं।
स्वामीनाथ जयसवाल ने बताया कि वे देश की कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे। उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए जिसका असर देश के विकास में देखने को मिल रहा है। आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं फ़ैसलों का नतीजा है। 40 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं, जिन्होंने सरकार की अगुवाई की है। उनकी मां श्रीमती इंदिरा गांधी 1966 में जब पहली बार प्रधानमंत्री बनी थीं, तब वह उनसे उम्र में 8 साल बड़ी थीं। उनके नाना पंडित जवाहरलाल नेहरू 58 साल के थे, जब उन्होंने आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर शपथ ली। अपने प्रधानमंत्री काल में राजीव गांधी ने नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए कारगर क़दम उठाए, लेकिन पंजाब और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को नाकाम करने की उनकी कोशिश का बुरा असर हुआ। वे सियासत को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहते थे, लेकिन यह विडंबना है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से ही सबसे ज़्यादा आलोचना का सामना करना पड़ा।
जायसवाल ने बताया कि राजीव गांधी जी ने कई साहसिक क़दम उठाए, जिनमें श्रीलंका में शांति सेना का भेजा जाना, असम समझौता, पंजाब समझौता, मिज़ोरम समझौता आदि शामिल हैं। इसकी वजह से चरमपंथी उनके दुश्मन बन गए। नतीजतन, श्रीलंका में सलामी गारद के निरीक्षण के वक़्त उन पर हमला किया गया, लेकिन वे बाल-बाल बच गए।
स्वामीनाथ जयसवाल ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राजीव गांधी को 1984 में विशाल बहुमत मिला था लेकिन उन्होंने इस ताकत का इस्तेमाल लोगों में डर का माहौल बनाने या डराने-धमकाने के लिए नहीं किया. बल्कि राजीव गांधी जी ने देश को उन्नति और तरक्की के रस्ते पर खड़ा किया है तथा देश को आगे बढ़ाया है लगातार देश में उन्नति के रास्ते बनाए हैं तथा किसी भी समुदाय के लोगों के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया सभी को एक समान रूप से माना जबकि अभी हमारी केंद्र सरकार ऐसा नहीं मानती है और अर्थव्यवस्था के नाम पर जीरो है विकास में भी जीरो है बल्कि केंद्र सरकार का निजी करण में ज्यादा ध्यान है नया उद्योग व व्यापारी तथा गरीबों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।