छत्तीसगढ़राज्यरायपुर

5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है Teachers’ Day, जानिए इसके पीछे का इतिहास

5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है Teachers’ Day, जानिए इसके पीछे का इतिहास

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e

Teacher’s Day 2021: 5 सितंबर को भारत में टीचर्स डे के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन स्कूलों तरह-तरह के कार्यक्रम होते हैं और बच्चे टीचर्स बनते हैं. एक शिक्षक का किसी भी छात्र के जीवन में खास महत्व होता है. कहा जाता है कि किसी भी बच्चे के लिए सबसे पहले स्थान पर उसके माता-पिता और फिर दूसरे स्थान पर शिक्षक होता है. शिक्षक एक बच्चे के भविष्य में महत्वपूर्ण योगदान देता है. एक शिक्षक के बिना छात्र का जीवन अधूरा रहता है. शिक्षक दिवस आने में कुछ ही दिन बाकी हैं ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है और इन दिन को मनाने के पीछे क्या महत्व है. आइए जानते हैं-

इसलिए मनाया जाता है 5 सितंबर को टीचर्स डे

शिक्षक दिवस देश के पूर्व राष्ट्रपति, प्रथम उपराष्ट्रपति और जाने-माने शिक्षाविद रहे डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन पर मनाया जाता है. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन साल 1962 में देश के राष्ट्रपति बने थे. दिलचस्प किस्सा है कि एक बार डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के दोस्त 5 सितंबर को उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाना चाहते थे. जब डॉ. राधाकृष्णन को यह बात पता चली तो उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मत मनाओ, बल्कि शिक्षकों का सम्मान करो. उसके बाद से ही 5 सितंबर के दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का प्रचलन शुरू हुआ, जो आज तक चला आ रहा है.

mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

टीचर्स डे का महत्व
एक छात्र के जीवन में शिक्षक दिवस या टीचर्स के का महत्व बहुत महत्वपूर्ण है. क्योंकि शिक्षक छात्र को सही भविष्य और सही रास्ते पर चलना सिखाता है. वह छात्र को अच्छे गलत की समझ सिखाते हैं. ऐसे में छात्र के पास इस दिन शिक्षक के इन परिश्रमों का धन्यवाद करने का मौका होता है. इसलिए यह दिन सभी छात्रों के लिए बेहद खास माना जाता है.

विद्वान शिक्षक थे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
भारत की संस्कृति में गुरु-शिष्य की परंपरा का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है. भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था. वे एक विद्वान शिक्षक भी थे. राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिए थे. उनका मानना था कि बिना शिक्षा के इंसान कभी भी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता है. इसलिए इंसान के जीवन में एक शिक्षक होना बहुत जरूरी है. उनके शिक्षक के रूप में दिए गए योगदान को हमेशा याद रखने के लिए हर साल उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.

भारत में टीचर्स डे कैसे मनाया जाता है
इस दिन स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हैं, उत्सव, कार्यक्रम आदि होते हैं. शिक्षक अपने टीचर्स को गिफ्ट देते हैं. कई प्रकार कि सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती है जिसमे छात्र और शिक्षक दोनों ही भाग लेते है. गुरु-शिष्य परम्परा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं.यह दिन शिक्षक और छात्रों अर्थार्थ यू कहें तो समाज के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसी दिन शिक्षकों को मान-सम्मान देकर उनके काम की सराहना करते है. एक शिक्षक के बिना कोई भी डॉक्टर, इंजीनियर आदि नहीं बन सकता है. शिक्षा का असली ज्ञान सिर्फ एक शिक्षक ही दे सकता है.

Ashish Sinha

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!