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भूपेश सरकार की विश्वास, विकास और सुरक्षा की नीति का असर प्रदेश नक्सलवाद से मुक्ति की ओर : ठाकुर

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की विश्वास विकास और सुरक्षा की नीति से नक्सलवाद की कमर टूटी है देश मे छत्तीसगढ़ की पहचान अब विकास मॉडल के रूप में हो रही है।पूर्व की रमन सरकार ने खाद पानी देकर दक्षिण बस्तर के 4 विकासखंड तक सीमित नक्सलवाद को 14 जिला को पहुचाया था रमन सिंह का गृह जिला भी नक्सलवाद की गिरफ्त में पहुँच गया था। भाजपा की 15 साल की शासनकाल में छत्तीसगढ़ की पहचान देश मे नक्सलवाद थी जो अब बदल चुका है। अब यहाँ की न्याय योजनाओं की चर्चा होती आदिवासियों की विकास की चर्चा होती है बस्तर की मिलेट और कॉफी काजू की चर्चा होती है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भूपेश सरकार के चार साल में  बस्तर में नक्सल घटनाओं और शहादत में 80 प्रतिशत से अधिक की कमी आयी है। 2005 में 279 निर्दोष आदिवासियों की शहादत हुई थी, 2006 में 152, 2007 में 142। रमन सिंह के दौरान 15 साल में प्रतिवर्ष औसत 100 से अधिक निर्दोष आदिवासियों मारे जाते रहे। 2022 में यह संख्या घटकर 29 रह गई है। रमन सरकार के दौरान स्थानीय आदिवासियों को नक्सली बताकर फर्जी एनकाउंटर के अनेकों मामले उजागर हुए हैं। सारकेगुड़ा, एडसमेटा, पेद्दागेलुर के भीषण नरसंहार रमन राज में हुए। भाजपा के कुशासन में झलियामार, मीना खल्को, मड़कम हिडमें जैसे विभिन्न हत्या और दुष्कर्म की घटनायें हुयी। फर्जी मामले दर्ज कर हजारों निर्दोष आदिवासीयों को जेलों में बंद किया गया, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा जस्टिस पटनायक न्यायिक आयोग की रिपोर्ट भाजपा के प्रशासनिक आतंकवाद को प्रमाणित करता है, जिसके आधार पर सैकड़ों निर्दोष आदिवासियों की रिहाई हुई है।  सुशासन, समृद्धि और पूरे प्रदेश में भयमुक्त वातावरण भूपेश बघेल सरकार की पहली प्राथमिकता है। भाजपा के रमन सिंह के कुशासन में छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद नासूर बना, सुदूर दक्षिण बस्तर के 3 ब्लाकों से बढ़कर प्रदेश के 14 जिलों तक नक्सलवाद का प्रसार हुआ। पोडियम लिंगा, जगत पुजारा और धर्मेंद्र चोपड़ा जैसे नक्सल सुप्लायरों के भारतीय जनता पार्टी कनेक्शन सर्वविदित हैं। रमन सरकार के मंत्री, विधायक और सांसदों के नक्सलियों से साठगांठ के अनेकों समाचार पत्र पत्रिकाओं में उजागर हुए हैं। रमन सरकार के पूर्व मंत्री रहे लता उसेंडी और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी के नक्सल नेताओं से निकटता भी सर्वविदित है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि भूपेश बघेल सरकार ने बस्तर की जनता का विश्वास जीता है और स्थानीय आदिवासियों की सहभागिता से नक्सलवाद पर प्रभावी नियंत्रण संभव हो सका है। विकास, विश्वास और सुरक्षा के मूल मंत्र को लेकर आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तीनों मोर्चों पर भूपेश बघेल सरकार जन अपेक्षाओं पर खरी उतरी है। कमीशन खोर के लालच में रमन सिंह बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष स्वयं बने रहे। भूपेश बघेल सरकार में आते ही स्थानीय आदिवासी नेताओं को बस्तर विकास प्राधिकरण की कमान सौंपी, ताकि सरकार में सहभागिता सुनिश्चित हो सके। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि 15 साल रमन राज में जल-जंगल-जमीन आदिवासियों से छीने जाते रहे भूपेश सरकार ने आते ही लोहडीगुडा में भाजपा सरकार द्वारा छीनी गई जमीन आदिवासियों को निशुल्क लौटाया। साढ़े चार लाख से अधिक वनभूमि पट्टा आवंटित किए गए। वनोपजों का संग्रहण 600 गुना बढ़ा है, सही दाम मिलने लगा है, प्रोसेसिंग और वैल्यू एडिशन का लाभ स्थानीय आदिवासीयों को मिल रहा है। सरकार में सहभागिता सुनिश्चित हुई है। सुशासन और बस्तर के आदिवासियों की समृद्धि से मुद्दाविहीन हो चुके भाजपाई तथ्य आधारहीन आरोप लगाकर अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। बस्तर में तेजी से शांति बहाल हो रही है नक्सलवाद पर प्रभावित नियंत्रण स्थापित हुआ है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र तेजी से संकुचित हो रहे है।

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