
धर्मांतरण के खिलाफ जन आक्रोश, ज्ञापन सौंपा गया
धर्मांतरण के खिलाफ जन आक्रोश, ज्ञापन सौंपा गया
जनजाति सुरक्षा मंच लुण्ड्रा विकासखंड द्वारा अनुविभागीय अधिकारी धौरपुर ठाकुर राम को ज्ञापन सौंपकर कहा गया कि जनजाति बहुल क्षेत्रों मे धर्मांतरण बहुत तेजी से फैल रहा है, जिसे समय रहते रोका जाये एवं इसमें लिप्त दोषियों पर कठोर कानूनी कार्यवाही की जाये। ईसाई मिशनरियों द्वारा प्रलोभन एवं दिग्भ्रमित कर धर्मांतरण कराया जा रहा है। प्रदेश में धर्मांतरण की अनैतिक गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। धर्मांतरण से पूरा जनजाति समाज आक्रोशित है। ज्ञापन में आगे कहा गया कि नारायणपुर में ईसाइयों द्वारा सनातनी जनजातियों पर 31 दिसम्बर और 1 जनवरी को प्राण घातक हमले किए गए थे। यह प्रदेश में धर्मांतरण से उत्पन्न भयावह स्थिति को प्रदर्शित करता है। धर्मान्तरित ईसाईयों द्वारा पूर्व में भी अनेक स्थानों में ऐसे हमले किए गए हैं। ईसाईयों द्वारा घटित इस तरह की घटनाओं के परिणाम स्वरूप समूचे छत्तीसगढ़ में सामाजिक सौहार्द्र बिगड़ने लगा है।
माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा अवैध धर्मांतरण को गंभीर मामला कहा गया है, लोभ और जबरन धर्मांतरण पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। छत्तीसगढ़ में जनजातियों को ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए लगातार निशाना बनाया जा रहा है, आए दिन कहीं न कहीं इस तरह की घटनाएँ सामने आ रही हैं, जिससे जनजाति समाज आक्रोशित है। सुरक्षा मंच की माँग है कि नारायणपुर की घटना एवं प्रदेश में लगातार हो रहे धर्मांतरण की सीबीआई जांच करायी जाए।
साथ ही धर्मांतरण रोकने के लिए कठोर केंद्रीय कानून भी बनाए जाने माँग की गई।
जनजाति सुरक्षा मंच के प्रांत संयोजक इन्दर भगत, खंड संयोजक हीरा सिंह टेकाम, जगत राम, देवेश सिंह मरावी, राजेन्द्र सिंह टेकाम, राम प्रसाद, विजय कुमार, झगरू विशाल, राजू गुप्ता, सुनील तिवारी, सुमित गुप्ता, अवधेश केरकेट्टा, अर्जुन यादव, दिनेश गुप्ता, विशाल अग्रवाल, मुनेश्वर, धरम, राजकिशोर, गुड़न सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे.