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दिल्ली की हवा हुई ख़राब, पटाख़े कर सकते हैं और भी बुरा हाल

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दिल्ली की हवा हुई ख़राब, पटाख़े कर सकते हैं और भी बुरा हाल

दिल्ली में गुरुवार को हवा की गुणवत्ता ख़राब हो गई. वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत ख़राब’ की स्थिति में है. भारत के मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली में मौसम की पहली कोहरे से ढंकी सुबह भी दर्ज की गई है.

गुरुवार को दिल्ली का औसतन एक्यूआई 382 था. पीएम 2.5 और पीएम 10 दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले मुख्य पदार्थ हैं. वहीं बुधवार को दिल्ली का औसतन एक्यूआई 314 था. इससे साफ़ है कि दिल्ली की हवा ख़राब हो रही है. मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार सुबह इंदिरा गांधी हवाई अड्डे और सफदरजंग एयरस्ट्रिप पर दृश्यता 600 से 800 मीटर तक थी.

वहीं मौसम विभाग की हवा की गुणवत्ता पर नज़र रखने वाले ‘सफ़र’ मानिटरिंग सिस्टम के मुताबिक यदि दिल्ली में गुरुवार को पटाखे नहीं फोड़े जाते हैं तब भी हवा की स्थिति ख़राब ही रह सकती है.

लेकिन यदि पटाखे फोड़े गए तो हवा और अधिक ख़राब हो जाएगी. ‘सफ़र’ के आंकलन के मुताबिक यदि पिछले साल के मुक़ाबले आधे पटाखे भी फोड़े जाते हैं तब भी दिल्ली की हवा में पीएम 2.5 का स्तर ‘तीव्र’ तक पहुंच जाएगा.

अनुमान के मुताबिक यदि पटाखे फोड़े गए तो दिल्ली का एक्यूआई 500 को पार कर सकता है. रात नौ बजे के क़रीब दिल्ली के अधिकतर रिपोर्टिंग स्टेशनों पर एक्यूआई 400 को पार कर गया था. तीन सौ से चार सौ तक के एक्यूआई को बहुत ख़राब माना जाता है. वहीं 400 से 500 के बीच एक्यूआई को गंभीर माना जाता है.

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वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के कई इलाक़ों में लोगों ने आंखों में जलन और गले में ख़राश की शिकायत की है. लाजपत नगर, बुराड़ी, पश्चिम विहार और शाहदरा इलाक़ों में शाम सात बजे से ही पटाखे फोड़े जाने लगे थे.

1 जनवरी 2022 तक दिल्ली में पटाख़ों पर प्रतिबंध

इस समय राजधानी दिल्ली में 1 जनवरी 2022 तक पटाखे फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध है.

पीटीआई के मुताबिक गुरुग्राम और फ़रीदाबाद के कई इलाक़ों में तेज़ पटाखे फोड़े गए हैं. हालांकि हरियाणा सरकार ने भी रविवार को पटाखे की बिक्री पर 14 ज़िलों में प्रतिबंध लगा दिया था, इनमें दिल्ली से सटे ज़िले भी शामिल हैं.

दिल्ली सरकार ने लोगों को पटाखा जलाने से रोकने के लिए 27 अक्तूबर को पटाखा नहीं दीया जलाओ अभियान शुरू किया था. दिल्ली सरकार के अभियान के तहत यदि कोई पटाखा फोड़ता है तो उस पर आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है.

वहीं ‘सफ़र’ के अनुमान के मुताबिक दिल्ली के प्रदूषण के लिए पराली का जलाया जाना भी ज़िम्मेदा है.

फिलहाल 25 फ़ीसद तक प्रदूषण पराली जलाए जाने की वजह से है. यदि हवा उत्तर-पश्चिमी दिशा में चलती है तो दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति और ख़राब हो सकती है. सफ़र के अनुमान के मुताबिक इस दिशा में हवा चलने पर शुक्रवार को पराली की वजह से 35 फीसदी प्रदूषण होगा जबकि शनिवार को यह 40 फ़ीसद तक पहुंच जाएगा.

उत्तर-पश्चिमी हवाएं पंजाब और हरियाणा की तरफ़ से पराली के धुएं को दिल्ली की तरफ़ लेकर आती हैं. दिल्ली के वातावरण की वजह से ये धुआं यहां आसमान में इकट्ठा हो जाता है और दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ख़तरनाक़ तक पहुंच जाता है.

Haresh pradhan

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