छत्तीसगढ़राज्यसूरजपुर

छत्तीसगढ़ : पढ़ई तुंहर दुआर: वक्त के पैमाने पर खरा उतरा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम।

रायपुर : पढ़ई तुंहर दुआर: वक्त के पैमाने पर खरा उतरा एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम

रायपुर 27 मार्च 2021मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन में कोरोना काल में शिक्षा का अलख जगाए रखने के लिए चलाए जा रहे ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ कार्यक्रम ने सफलता की नई इबारत लिखी है। कोविड 19 के गंभीर संकटों का सामना कर रही राज्य सरकार के लिए सभी क्षेत्रों में विकास को चलायमान बनाए रखना एक चुनौती थी। लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह से प्रभावित अर्थव्यवस्था को संकट से उबारने सहित लोगों की बुनियादी जरुरते पूरी करने के लिए सरकार पूरी गंभीरता से काम कर रही थी। खासकर बच्चों को महामारी से बचाते हुए शिक्षा उपलब्ध कराने की प्रयासों ने ही ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ की रूपरेखा तैयार कर इसका शुभारंभ 7 अप्रैल 2020 को किया गया।

a41ad136-ab8e-4a7d-bf81-1a6289a5f83f
ea5259c3-fb22-4da0-b043-71ce01a6842e
mantr
96f7b88c-5c3d-4301-83e9-aa4e159339e2 (1)

      ‘‘पढ़ई तुंहर दुआर‘‘ एक ऐसा प्लेटफार्म है जिसने न केवल बच्चों को घर बैठे शिक्षा सुलभ कराई गई बल्कि शिक्षा के क्षेत्र मंे अन्य नवाचारों को भी जन्म दिया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता यह है कि आज पूरी तरह से स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चे अपनी शिक्षा बिना किसी बाधा के प्राप्त कर रहे हैं। इसमें वेब पोर्टल के माध्यम से बच्चों को बिना किसी शुल्क के शिक्षा प्रदान  की जा रही है। बच्चे आनलाईन ही शिक्षकों से परामर्श प्राप्त कर पा रहे हैं। सारे पाठ्य सामग्री ऑडियो, वीडियो और पी.डी.एफ. फार्मेट मेें वेबसाइट पर उपलब्ध है जिससे छा़त्र अपने पाठ्यक्रम का रिविजन कर सकते हैं। इस पोर्टल के माध्यम से बच्चों को होमवर्क देने और जॉचने की सुविधा भी दी गई है।
        इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए राज्य के दूरस्थ अंचलों जहां इंटरनेट की सुविधा नहीं है वहां के लिए ‘‘पढ़ई तुंहर पारा‘‘ कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। पारों ,मुहल्लों में शिक्षा के लिए गांव के समुदाय की भी मदद ली जा रही है। ‘‘पढ़ई तुंहर पारा‘‘ के तहत्  इंटरनेट के अभाव वाले अंचलों मंे ब्ल्यू-टूथ आधारित व्यवस्था ‘‘बूल्टू के बोल‘‘ प्रारंभ किया गया है। जिनके पास इंटरनेट सुविधा नहीं है और एंड्रायड मोबाइल न होकर की-पेड मोबाइल है उन्हें विभिन्न विषयों पर ऑडियो क्लीप तैयार करके उसे ट्रांसफर कर दिया जाता है। ‘‘पढ़ई तुंहर पारा‘‘ कार्यक्रम के तहत सुदूर क्षेत्रों में शिक्षा प्रदान करने के लिए लाउडस्पीकर और स्मार्ट टेलीविजन का उपयोग किया जा रहा है। राज्य सरकार की सही नीति और इनसे जुड़े शिक्षक और आम लोगों की कोशिशों का ही नतीजा है कि पढ़ई तुंहर द्वार को ई-गवर्नेंस अवार्ड मिला है। यह अवार्ड कम्प्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया द्वारा केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे विभिन्न नवाचारी प्रयासों के लिए दिया जाता है।

[contact-form][contact-field label=”Name” type=”name” required=”true” /][contact-field label=”Email” type=”email” required=”true” /][contact-field label=”Website” type=”url” /][contact-field label=”Message” type=”textarea” /][/contact-form]

Haresh pradhan

8d301e24-97a9-47aa-8f58-7fd7a1dfb1c6 (2)
e0c3a8bf-750d-4709-abcd-75615677327f

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!