
“छत्तीसगढ़ में शराबबंदी या शराब बिक्री बढ़ाने की नीति? कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाए आरोप”
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी या शराब बिक्री का विस्तार? कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
रायपुर । 02 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ में शराब नीति को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने हाल ही में घोषित राज्य की नई शराब नीति (2025-26) को शराब की खपत और बिक्री बढ़ाने वाला सरकारी प्रयास करार दिया है। कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश में शराब दुकानों की संख्या में कोई कमी नहीं की गई है, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि सरकार शराबबंदी की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही, बल्कि इसके व्यापार को और बढ़ावा दे रही है।
सरकार ने इस बार भी 674 शराब दुकानों को जारी रखने का फैसला किया है। इसके अलावा, विदेशी शराब पर लगाए गए अतिरिक्त कर (9.5%) में कटौती कर दी गई है, ताकि इसकी बिक्री बढ़े और सरकार को अधिक मुनाफा हो। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार शराब से होने वाली काली कमाई का मोह नहीं छोड़ पा रही है।
सरकार शराबबंदी के नाम पर जनता को कर रही गुमराह: कांग्रेस
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा ने अपने चुनावी वादों में शराबबंदी को प्रमुखता से रखा था, लेकिन सत्ता में आने के बाद इस मुद्दे पर सरकार ने चुप्पी साध ली है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के शासनकाल में प्रदेश में शराब की बिक्री बढ़ाने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। पहले भी शराब बिक्री को बढ़ावा देने के लिए आहाते (शराब पीने के स्थान) खोले गए थे और अब एयर-कूल्ड आहाते बनाकर शराब व्यापार को और अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पूरे प्रदेश में कुछ चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आहाते आवंटित किए गए हैं, जिनमें प्रभावशाली भाजपा नेताओं की सिफारिशों को प्राथमिकता दी गई है। भाजपा सरकार के संरक्षण में अब शराब की कोचियागिरी (अवैध रूप से शराब की बिक्री) भी शुरू हो गई है। कांग्रेस का दावा है कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से राजनांदगांव में, शराब दुकानों से प्रति पेटी 200 रुपये अतिरिक्त देकर कोचिए (अवैध शराब विक्रेता) गली-मोहल्लों में शराब बेच रहे हैं, और इस पूरे रैकेट को सरकार का संरक्षण मिला हुआ है।
शराब बिक्री में घोटाले के आरोप, भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने आरोप लगाया कि राज्य में शराब बिक्री को लेकर बड़े पैमाने पर वसूली की जा रही है। कांग्रेस का दावा है कि सरकारी शराब दुकानों में कौन-सा ब्रांड बिकेगा और किन निर्माताओं के उत्पादों को अधिक प्राथमिकता दी जाएगी, इस पूरी प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर कमीशनखोरी हो रही है। कांग्रेस ने इसे सुनियोजित घोटाला करार दिया और आरोप लगाया कि इसमें सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारी एवं राजनेता शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि वह शराबबंदी के अपने वादे पर कब अमल करेगी। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा के नेता, जो चुनाव से पहले शराबबंदी की मांग को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे थे, अब इस मुद्दे पर चुप हैं।
कांग्रेस सरकार ने शराबबंदी की दिशा में उठाए थे ठोस कदम
सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी, तब 100 से अधिक शराब दुकानों को बंद किया गया था। कांग्रेस का दावा है कि 2018 में जब उसने सत्ता संभाली थी, तब छत्तीसगढ़ प्रति व्यक्ति शराब खपत के मामले में गोवा के बाद देश में दूसरे स्थान पर था। लेकिन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान, शराब की खपत को नियंत्रित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए, जिससे छत्तीसगढ़ इस मामले में 18वें स्थान पर पहुंच गया।
कांग्रेस का कहना है कि उसके शासनकाल में शराबबंदी की दिशा में प्रयास किए गए थे और शराब की खपत को कम करने के लिए ठोस नीति बनाई गई थी। पार्टी ने कहा कि भाजपा सरकार को अपने रुख को स्पष्ट करना चाहिए और जनता को यह बताना चाहिए कि आखिर कब तक प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू होगी।
भाजपा सरकार की शराब नीति पर कांग्रेस का हमला जारी
कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि नई शराब नीति में किसी तरह का सुधार नहीं किया गया, बल्कि शराब के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए नीतियां बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी का दावा करने वाली भाजपा सरकार अब शराब व्यापार को बढ़ावा देकर अपने वादों से पीछे हट रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष ने कहा कि अगर भाजपा सरकार अपने चुनावी वादों के प्रति गंभीर होती, तो वह शराबबंदी के लिए कोई ठोस कदम उठाती। लेकिन वर्तमान में सरकार की नीति यह दर्शाती है कि वह शराबबंदी की जगह शराब बिक्री को प्रोत्साहित करने में लगी हुई है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को जनता को बताना चाहिए कि आखिर प्रदेश में शराबबंदी कब लागू होगी। कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार को तुरंत इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
छत्तीसगढ़ में शराबबंदी एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद अपने वादे से मुकरते हुए शराब बिक्री को बढ़ावा दिया है। कांग्रेस का दावा है कि उनके शासनकाल में शराब की खपत को कम करने के लिए प्रयास किए गए थे, लेकिन वर्तमान भाजपा सरकार इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भाजपा सरकार कांग्रेस के इन आरोपों पर क्या जवाब देती है और क्या भविष्य में छत्तीसगढ़ में शराबबंदी की कोई ठोस योजना बनाई जाती है या नहीं।