
गणतंत्र की मजबूती ही जन-जन की सफलता है: राज्यपाल
रायपुर । छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने गुरूवार को प्रदेश की राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में 74वें गणतंत्र दिवस के अवसर आयोजित मुख्य समारोह में ध्वजारोहण किया और परेड की सलामी ली।
इस अवसर पर राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दी और छत्तीसगढ़ की जनता के नाम संबोधन दिया। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा एवं अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे।
राज्यपाल उइके ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और अमर शहीदों को नमन करते हुए सभी को गणतंत्र दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि देश की आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के बाद अब हम गौरवशाली 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और इसके अमृत महोत्सव की ओर बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गणतंत्र की मजबूती ही जन-जन की सफलता है। यह दिन देश में अपना संविधान लागू करने, इस संविधान के अनुसार देश का संचालन करने और आम जनता को विधि सम्मत शक्तियां तथा अधिकार संपन्न बनाने का दिन है। जनता-जनार्दन के सहयोग से छत्तीसगढ़ में समृद्धि और खुशहाली का दौर आगे बढ़ता रहेगा। प्रदेश में नक्सलवादी गतिविधियां भी नियंत्रित हुईं हैं और नक्सलवादी, नक्सलवाद छोड़कर सामाजिक जीवन में लौटने लगे हैं। प्रदेश के सभी क्षेत्रों में विकास के लिए नई सोच के साथ काम किया गया, जिससे सीमित संसाधनों में भी श्रेष्ठता की दिशा में बढ़ना संभव हुआ है।
उइके ने अपने संबोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जल-जंगल-जमीन और उससे जुड़े रोजगार के विषयों पर बहुत महत्वपूर्ण पहल करते हुए प्रदेशवासियों को आर्थिक और सामाजिक रूप से सक्षम बनाने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ किया है। छत्तीसगढ़ महतारी का चित्र, प्रतिमा, उनकी महिमा को प्रतिपादित करता हुआ राज्य गीत, राजकीय गमछा, माटी पूजन तिहार आदि माध्यमों से सरकार ने अपनी माटी और मातृ-शक्ति का मान बढ़ाया है। ऐसे प्रयासों के कारण ही प्रदेश में धान की खरीदी विगत 5 वर्षों में 56 लाख 88 हजार मीटरिक टन से बढ़कर 98 लाख मीटरिक टन हो गई और अब 110 लाख मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
राज्यपाल उइके ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ धान ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार की फसलें लेने वाले किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की गई, जिसके अंतर्गत विगत 3 वर्षों में 16 हजार 442 करोड़ रुपए, आदान सहायता के रूप में दिए गए हैं। ‘सिंचाई जल कर माफी’ के रूप में 324 करोड़ रुपए की राहत दी गई है। दिया गया ब्याजमुक्त कृषि ऋण भी विगत 5 वर्षों में 3 हजार 546 करोड़ रुपए से बढ़कर 5 हजार 885 करोड़ रुपए हो गया है। ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’ के माध्यम से उन परिवारों को आर्थिक संबल दिया है जिन्हें अपने परंपरागत कार्यों से पूरे वर्ष रोजगार नहीं मिल पाता था। इस तरह 4 लाख 66 हजार से अधिक लोगों को उनके जीवन यापन के लिए लगभग 327 करोड़ रुपए की मदद की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्रदेश में मिलेट को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की है, जिसके लिए हम कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि ‘गोधन न्याय योजना’ एक अद्वितीय पहल सिद्ध हुई है, जिसका अनुसरण अब राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रहा है। प्रदेश में इस योजना से 3 लाख से अधिक लोगों को सीधा लाभ मिल रहा है। गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और स्व-सहायता समूहों को अब तक 362 करोड़ रुपए से अधिक की आय हुई है। ‘सुराजी गांव योजना’ के अंतर्गत प्रदेश में नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के संरक्षण और विकास के साथ इनको भी आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने के कार्य बहुत बड़े पैमाने पर चल रहे हैं, जिनसे भूमि सुधार, जल संरक्षण, जैविक खेती, ग्रामोद्योग का विकास जैसे अनेक आयामों पर एक साथ प्रगति हो रही है। प्रदेश के 11 हजार 267 गांवों में गौठान निर्माण को स्वीकृति दी है। एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब 300 से अधिक गौठानों को ‘ग्रामीण औद्योगिक पार्क’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। गोबर से बिजली, पेंट व अन्य सामग्रियों का निर्माण शुरू किया गया है।