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गाजियाबाद : बीमारी का सुबूत देने जिला मुख्यालय पहुंचे सफाईकर्मी की मौत।

नरेश सागर प्रदेश खबर प्रमुख उत्तर प्रदेश

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बीमारी का सुबूत देने जिला मुख्यालय पहुंचे सफाईकर्मी की मौत

/गाजियाबाद।/ नगर निगम में कार्यरत बीमार सफाईकर्मी की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी लगा दी गई। स्वजन ने अधिकारियों को सफाईकर्मी के बीमार होने की जानकारी देकर और फोटो दिखाकर ड्यूटी से नाम हटाने के लिए कहा। आरोप है कि अधिकारियों ने सफाईकर्मी को जिला मुख्यालय स्थित ग्रामीण अभियंत्रण कार्यालय बुला लिया, जिससे की तस्दीक कर सकें कि वह बीमार है या नहीं। सोमवार को अधिकारियों को अपनी बीमारी का सुबूत देने पहुंचे कर्मचारी की कलेक्ट्रेट में ही मौत हो गई।

सफाईकर्मी मलखान सिंह का परिवार रईसपुर में रहता है। बेटे ब्रिजेश सिंह ने बताया कि उनके पिता हृदयरोग से पीड़ित थे और उनको सांस लेने में तकलीफ होती थी। पैर में भी घाव हो गया था, वह चलने-फिरने में असमर्थ थे। इसलिए दो माह से छुट्टी पर थे। दो दिन पहले चुनाव में ड्यूटी लगाए जाने के बारे में जानकारी हुई तो नगर निगम में कार्यरत सुपरवाइजर सतेंद्र चौहान को सूचित किया। सतेंद्र ने बताया कि जब चुनाव की ड्यूटी के लिए कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही थी, उस वक्त ही उन्होंने मलखान के बीमार होने की जानकारी दे दी थी।

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स्वजन ने आरोप लगाया कि मलखान की चुनाव में लगी ड्यूटी कटवाने के लिए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के परियोजना निदेशक पीएन दीक्षित के कार्यालय में पहुंचे तो वहां इन्कार कर दिया गया और मलखान को बुलाकर लाने का कहा गया। ब्रिजेश ने बताया कि वह सोमवार दोपहर को पिता मलखान को आटो में बैठाकर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के कार्यालय पहुंचे। कार्यालय के बाहर ही आटो में बैठे हुए ही उनकी मौत हो गई।

अधिकारियों ने नियमों का पालन नहीं किया है। इस वजह से बीमार कर्मचारी की चुनाव में ड्यूटी लगाई और फिर स्वजन के बताने पर भी उसका नाम ड्यूटी से नहीं हटाया। जानकारी हुई है कि कर्मचारी को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित कार्यालय में बुलाने पर अधिकारी अड़े रहे, जिस कारण यह हादसा हुआ। संबंधित के खिलाफ कार्रवाई के लिए सक्षम अधिकारी से मांग करेंगे।
-देवब्रत चौधरी, अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद

फोटो देखने के बाद मलखान सिंह के स्वजन को बता दिया गया था कि ड्यूटी से उनका नाम हटा दिया जाएगा। उनको परेशान होने की जरूरत नहीं है, इसके बाद वह खुद ही मलखान को घर से कलेक्ट्रेट लेकर आए। उनको कलेक्ट्रेट में बुलाया नहीं गया था।
-पीएन दीक्षित, परियोजना निदेशक, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग

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Haresh pradhan

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